ETV Bharat / bharat

गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी क्या है, कैसे फैलती है और बचाव के उपाय क्या हैं, विशेषज्ञ से जानें - Kashmir Gastroenteritis Outbreak

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 27, 2024, 8:46 PM IST

Gastroenteritis Outbreak in Kashmir Valley: जम्मू-कश्मीर में गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी एक बार फिर फैल रही है. अनंतनाग और कुलगाम में जिलों में 100 ज्यादा मामले सामने आ चुके है. विशेषज्ञ का कहना है कि इस बीमारी में डिहाइड्रेशन प्रमुख जोखिम है, क्योंकि बीमारी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ईटीवी भारत के संवाददाता परवेजुद्दीन ने प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मंजूर अहमद वानी से बातचीत की.

Gastroenteritis Outbreak in Kashmir Valley
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)

श्रीनगर: कश्मीर घाटी के कई जिलों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट में संक्रमण या पेट का फ्लू) के 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इस बीमारी में आंतों में सूजन आ जाता है. जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मंजूर अहमद वानी ने बताया कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस आंतों का संक्रमण है, जिसमें पेट में दर्द, पानी जैसा दस्त और उल्टी होती है. उनका कहना है कि इस बीमारी में डिहाइड्रेशन प्रमुख जोखिम है, क्योंकि बीमारी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है.

प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मंजूर अहमद वानी से बातचीत (ETV Bharat)

ईवीटी भारत से बातचीत में डॉ. वानी ने बताया कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, जिसमें पेट में हल्का दर्द से लेकर गंभीर दस्त और लंबे समय तक उल्टी शामिल है. उन्होंने कहा कि वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणु इसके लिए जिम्मेदार हैं, जो अक्सर दूषित भोजन या पानी से फैलते हैं.

डॉ. वानी ने बताया कि ज्यादातर मरीज कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण को खत्म कर देती है, लेकिन गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को डिहाइड्रेशन और अन्य जटिलताओं के प्रबंधन के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है.

उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए उबला हुआ पानी पीना, शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना और हीटवेव के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीना शामिल है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है. डॉ. वानी ने जोखिम को कम करने के लिए संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचने, फलों और सब्जियों को धोने और स्ट्रीट फूड और जंक फूड से दूर रहने की भी सलाह दी.

पिछले एक दशक में, दूषित पानी के कारण जम्मू-कश्मीर में गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी कई बार फैली है. 2016 में 816 मामले, 2017 में 999 और 2018 में 59 मामले सामने आए थे. इस साल यह बीमारी अनंतनाग और कुलगाम में फिर से फैल रही है, दोनों जिलों में क्रमशः 89 और 15 मामले सामने आए हैं.

यह भी पढ़ें- विश्व हेपेटाइटिस दिवस: आयुर्वेद का यह उपाय आपको दिला सकता है लीवर की बीमारियों से मुक्ति

श्रीनगर: कश्मीर घाटी के कई जिलों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट में संक्रमण या पेट का फ्लू) के 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इस बीमारी में आंतों में सूजन आ जाता है. जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मंजूर अहमद वानी ने बताया कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस आंतों का संक्रमण है, जिसमें पेट में दर्द, पानी जैसा दस्त और उल्टी होती है. उनका कहना है कि इस बीमारी में डिहाइड्रेशन प्रमुख जोखिम है, क्योंकि बीमारी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है.

प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. मंजूर अहमद वानी से बातचीत (ETV Bharat)

ईवीटी भारत से बातचीत में डॉ. वानी ने बताया कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, जिसमें पेट में हल्का दर्द से लेकर गंभीर दस्त और लंबे समय तक उल्टी शामिल है. उन्होंने कहा कि वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणु इसके लिए जिम्मेदार हैं, जो अक्सर दूषित भोजन या पानी से फैलते हैं.

डॉ. वानी ने बताया कि ज्यादातर मरीज कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण को खत्म कर देती है, लेकिन गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को डिहाइड्रेशन और अन्य जटिलताओं के प्रबंधन के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है.

उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए उबला हुआ पानी पीना, शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना और हीटवेव के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीना शामिल है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है. डॉ. वानी ने जोखिम को कम करने के लिए संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचने, फलों और सब्जियों को धोने और स्ट्रीट फूड और जंक फूड से दूर रहने की भी सलाह दी.

पिछले एक दशक में, दूषित पानी के कारण जम्मू-कश्मीर में गैस्ट्रोएंटेराइटिस बीमारी कई बार फैली है. 2016 में 816 मामले, 2017 में 999 और 2018 में 59 मामले सामने आए थे. इस साल यह बीमारी अनंतनाग और कुलगाम में फिर से फैल रही है, दोनों जिलों में क्रमशः 89 और 15 मामले सामने आए हैं.

यह भी पढ़ें- विश्व हेपेटाइटिस दिवस: आयुर्वेद का यह उपाय आपको दिला सकता है लीवर की बीमारियों से मुक्ति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.