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उत्तराखंड पहुंची FSSAI की टीम, घी फैक्ट्री में मारा छापा, तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद से जुड़ा है कनेक्शन!

तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद का उत्तराखंड कनेक्शन आया सामने, FSSAI की टीम ने हरिद्वार में घी फैक्ट्री में मारा छापा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 57 minutes ago

tirupati
तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद (ETV Bharat)

देहरादून: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावटी घी के मामले की जांच अब उत्तराखंड तक पहुंच गई हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की टीम सोमवार सात अक्टूबर को हरिद्वार पहुंची. केंद्रीय टीम ने जिले के भगवानपुर क्षेत्र में स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करीब दो घंटे तक जांच पड़ताल की. बताया जा रहा है कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार से भी तिरुपति मंदिर में घी सप्लाई किया गया है.

बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में छापा मारा था, लेकिन उत्तराखंड की टीम को वहां कुछ नहीं मिला था. एफडीए की जांच में सामने आया था कि कंपनी में पिछले दो महीने से कोई प्रोडेक्शन नहीं हो रहा है. यानी बीते दो महीने से वहां पर कोई घी नहीं बन रहा था. हालांकि एफडीए के अधिकारियों को वहां से घी से कुछ रैपर जरूर मिले थे. वहीं अब सोमवार को FSSAI की टीम ने भी कंपनी में छापा मारा.

तीन सदस्य टीम ने मारा छापा: बताया जा रहा है कि सोमवार को FSSAI की तीन सदस्य टीम ने करीब दो घंटे तक न केवल फैक्ट्री में जांच पड़ताल की, बल्कि इस बता का पता लगाने का भी प्रयास किया कि दस सालों से चल रही घी की फैक्ट्री अचानक से एक महीना पहले कब और किन परिस्थितियों में बंद हो गई. FSSAI की टीम इन सवालों का जवाब तलाशने में लगी हुई है.

सवाल इसीलिए भी खड़े हो रहे है कि क्योंकि तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद और फैक्ट्री के बंद होने की टाइमिंग कोई ज्यादा अंदर नहीं है. बताया यह भी जा रहा है कि फैक्ट्री के लाइसेंस का चार अक्टूबर को ही नवीनीकरण कराया गया है, जिसका नवीनीकरण अगस्त में होना था.

केंद्रीय टीम ने अचानक से मारा छापा: वहीं इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी दिलीप जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम अपने हिसाब से करती है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन के मुताबिक केंद्रीय टीम ने आने से पहले कोई भी सूचना दी गई दी थी. सोमवार को अचानक से केंद्रीय टीम भगवानपुर पहुंची थी. FSSAI किन-किन बिदूओं पर जांच कर रही है, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है. हालांकि उत्तराखंड का खाद्य सुरक्षा विभाग इसके बारे में जानकारी जुटा रहा है.

उत्तराखंड की एजेंसी भी कर रही अपने स्तर पर जांच: खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने बताया कि केंद्र और राज्य ही दोनों ही एजेंसी इस बात पर भी फोकस कर रही है कि आखिरकार फैक्ट्री में इतना अधिक माल जो बनाया जा रहा है, उसके लिए दूध कहां से आता था. उत्तराखंड खाद्य विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि कितना माल फैक्ट्री में रोजाना बन रहा था और इतना दूध फैक्ट्री को कहां से मिल रहा थाय एक एक जानकारी राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग ने फैक्ट्री मैनेजमेंट से मांगी है.

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देहरादून: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में मिलावटी घी के मामले की जांच अब उत्तराखंड तक पहुंच गई हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की टीम सोमवार सात अक्टूबर को हरिद्वार पहुंची. केंद्रीय टीम ने जिले के भगवानपुर क्षेत्र में स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करीब दो घंटे तक जांच पड़ताल की. बताया जा रहा है कि भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार से भी तिरुपति मंदिर में घी सप्लाई किया गया है.

बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में छापा मारा था, लेकिन उत्तराखंड की टीम को वहां कुछ नहीं मिला था. एफडीए की जांच में सामने आया था कि कंपनी में पिछले दो महीने से कोई प्रोडेक्शन नहीं हो रहा है. यानी बीते दो महीने से वहां पर कोई घी नहीं बन रहा था. हालांकि एफडीए के अधिकारियों को वहां से घी से कुछ रैपर जरूर मिले थे. वहीं अब सोमवार को FSSAI की टीम ने भी कंपनी में छापा मारा.

तीन सदस्य टीम ने मारा छापा: बताया जा रहा है कि सोमवार को FSSAI की तीन सदस्य टीम ने करीब दो घंटे तक न केवल फैक्ट्री में जांच पड़ताल की, बल्कि इस बता का पता लगाने का भी प्रयास किया कि दस सालों से चल रही घी की फैक्ट्री अचानक से एक महीना पहले कब और किन परिस्थितियों में बंद हो गई. FSSAI की टीम इन सवालों का जवाब तलाशने में लगी हुई है.

सवाल इसीलिए भी खड़े हो रहे है कि क्योंकि तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद और फैक्ट्री के बंद होने की टाइमिंग कोई ज्यादा अंदर नहीं है. बताया यह भी जा रहा है कि फैक्ट्री के लाइसेंस का चार अक्टूबर को ही नवीनीकरण कराया गया है, जिसका नवीनीकरण अगस्त में होना था.

केंद्रीय टीम ने अचानक से मारा छापा: वहीं इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी दिलीप जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम अपने हिसाब से करती है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन के मुताबिक केंद्रीय टीम ने आने से पहले कोई भी सूचना दी गई दी थी. सोमवार को अचानक से केंद्रीय टीम भगवानपुर पहुंची थी. FSSAI किन-किन बिदूओं पर जांच कर रही है, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है. हालांकि उत्तराखंड का खाद्य सुरक्षा विभाग इसके बारे में जानकारी जुटा रहा है.

उत्तराखंड की एजेंसी भी कर रही अपने स्तर पर जांच: खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने बताया कि केंद्र और राज्य ही दोनों ही एजेंसी इस बात पर भी फोकस कर रही है कि आखिरकार फैक्ट्री में इतना अधिक माल जो बनाया जा रहा है, उसके लिए दूध कहां से आता था. उत्तराखंड खाद्य विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि कितना माल फैक्ट्री में रोजाना बन रहा था और इतना दूध फैक्ट्री को कहां से मिल रहा थाय एक एक जानकारी राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग ने फैक्ट्री मैनेजमेंट से मांगी है.

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