बेंगलुरु: कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि 'फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विधानसभा में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे. इसके आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है.' मंगलवार को सदाशिवनगर स्थित अपने आवास पर उन्होंने कहा कि 'यह ज्ञात नहीं है कि तीन लोगों ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए या और भी लोग थे.'
उन्होंने आगे कहा कि 'जांच चल रही है. इस संबंध में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट सामने आ गई है.' उन्होंने कहा कि 'सरकार की एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. हमने उनसे कहा कि आधिकारिक आधार आने तक इंतजार करें.'
उन्होंने आगे कहा कि 'तदनुसार, रिपोर्ट प्राप्त हुई और इसके आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.' परमेश्वर ने कहा कि 'सरकार इससे शर्मिंदा नहीं है. हमने उन्हें कभी चिल्लाने के लिए नहीं कहा. हमारी सरकार ने चिल्लाने वालों को गिरफ्तार कर लिया है. इस कार्य की सराहना की जानी चाहिए. आरोपियों के खिलाफ बिना किसी हिचकिचाहट के कार्रवाई की जाएगी. विपक्ष पर आरोप लगाना स्वाभाविक है. हम इस सब पर विचार नहीं कर सकते.'
मांड्या पाकिस्तान नारा मामला: उन्होंने कहा कि 'मांड्या पर पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने का आरोप लगा है. इसकी भी जांच की जा रही है. नवंबर 2022 में बीजेपी ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए. पुलिस ने उस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. तब और अब की घटना एक जैसी है. पाकिस्तान समर्थक नारे चिल्लाना ग़लत है.'
गृह मंत्री ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी. हालांकि, उन्होंने मामले की जांच नहीं की. अब मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. इससे पता चल जाएगा कि देश विरोधी बयान किस स्थान और मौके पर दिया गया था. उन्होंने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के बारे में बात करते हुए कहा कि 'बम विस्फोट की जांच आतंकवाद निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत की जा रही है.'
उन्होंने आगे बताया कि 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच कर रही है. सीसीबी पुलिस ने मामला उन्हें सौंप दिया है. हमें जो जानकारी मिली है, उसे केंद्रीय एजेंसी के साथ साझा किया गया है कि आरोपी बस में आए थे. जानकारी मौजूद है. इसकी सीसीटीवी फुटेज भी जुटाई गई है. सभी पहलुओं से जांच की जा रही है.'