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लॉरेंस बिश्नोई बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का खास, जेल से ही दोनों फैला रहे हैं सनसनी - Lawrence Bishnoi and Aman Saw - LAWRENCE BISHNOI AND AMAN SAW

Friendship of Lawrence Bishnoi and Aman Saw. पंजाबी गायक सिद्धू मुसेवाला की हाई प्रोफाइल हत्या मामले का आरोपी लॉरेंस बिश्वनोई और झारखंड के गैंगस्टर अमन साव के बीच की गहरी दोस्ती झारखंड सहित कई राज्यों की पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. दोनों ही कुख्यात गैंगस्टर जेल में बंद हैं लेकिन उनके आतंक में कोई कमी नहीं हो रही है बल्कि हर दिन उनका आतंक बढ़ ही रहा है.

Friendship of Lawrence Bishnoi and Aman Saw
लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव (ईटीवी भारत- फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 31, 2024, 7:44 PM IST

रांची: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जेल में बंद रहते हुए भी पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. अमन इतना बेखौफ है कि वह जिस जेल में रहता है अगर वहां उसके साथ कोई दिक्कत होती है तो वह जेल अधीक्षक और जेलर के परिवार तक को निशाना बनाने से नहीं चुकता है. अमन एक तो पहले से ही खतरनाक था ऊपर से लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसकी दोस्ती ने उसे और खौफनाक बना दिया है. झारखंड एटीएस, बिहार पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, दिल्ली पुलिस, पंजाब पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच में यह साफ हो चुका है कि लॉरेंस और अमन हथियार तस्करी, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या जैसे अपराध को एक साथ मिलकर अंजाम दे रहे हैं.

झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा (ईटीवी भारत)
अमन को आधुनिक हथियार उपलब्ध करवा रहा है लॉरेंस

पिछले दो सालों के दौरान झारखंड एटीएस के कई दौर की कार्रवाई में अमन गिरोह तक पहुंचने वाले कई हथियारों की खेप पकड़ ली गई थी. लेकिन अब तो खतरा और बढ़ गया है लॉरेंस बिश्नोई के पास अत्यधिक विदेशी हथियार मौजूद हैं जिसे वह धीरे-धीरे अमन के गुर्गों के पास भिजवा रहा है. अभी भी एटीएस के पास यह सूचना है कि यूएस मेड कुछ ऑटोमैटिक हथियार किसी भी समय अमन के गुर्गों के पास पहुचाए जा सकते हैं.

अलर्ट मोड में एटीएस

लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव के बीच बढ़ती धनिष्ठता को लेकर झारखंड एटीएस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा के अनुसार हाल के दिनों में अमन और लॉरेंस गिरोह से तालुक रखने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अलग-अलग जिलों से की गई है. झारखंड एटीएस की टीम दूसरे राज्यों के एटीएस और राज्य पुलिस के संपर्क में है. लॉरेंस और अमन के बीच हथियारों के लेनदेन की सूचना भी एटीएस को प्राप्त हुई है जो सूचनाएं मिली हैं उसके आधार पर आगे का काम किया जा रहा है.

दोनों के गुर्गे मिलकर काम कर रहे हैं

एटीएस को यह भी सूचना मिली है कि अमन और लॉरेंस गिरोह के अपराधी एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों में पैसे लेकर हत्या करने तक की वारदातों को अंजाम देने के लिए अमन के गुर्गे लॉरेंस के गुर्गों का साथ दे रहे हैं. बिहार के गोपालगंज पुलिस के द्वारा लॉरेंस बिश्नोई के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से विदेशी ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया गया था. गिरफ्तारी के बाद झारखंड एटीएस की एक टीम भी बिहार जाकर गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ कर चुकी है. जिसमें झारखंड से संबंधित कई चौंकाने वाली जानकारियां एटीएस को मिली है.

झारखंड से बाहर अपने साम्राज्य को फैला रहा है अमन

झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन कितना खतरनाक है कि पिछले 3 सालों में उसे नौ अलग-अलग जेलों में रखा जा चुका है. गिरिडीह जेल में जब अमन बंद था तो उसकी अदावत जेल अधीक्षक से हो गई जिसके बाद उसने लॉरेंस बिश्नोई के सहयोग से जेल अधीक्षक के पूरे परिवार पर ही हमला करवाने के लिए अपने गुर्गों को आदेश दे दिया था. अमन के गुर्गे जेल अधीक्षक के परिवार पर हमला करते उससे पहले ही उन्हें झारखंड एटीएस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.

दरअसल, अमन अपने गैंग का विस्तार पूरे भारत में करना चाहता है इस काम में लॉरेंस इसका बखूबी साथ दे रहा है. लॉरेंस को भी अलग-अलग राज्यों में वारदातों को अंजाम देने के लिए नए लड़कों की जरूरत है और अमन के पास ऐसे लड़कों की फौज है. जो अमन के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. यही वजह है कि अमन के शूटर लॉरेंस के इशारे पर छत्तीसगढ़ जाकर एक जेवर कारोबारी पर गोलियां चलाने वाले थे.

खौफ के कारण जेल में बंदिश नहीं

सूत्र बताते हैं कि अमन के खौफ की वजह से चाहे वह किसी भी जेल में रहे वहां उस पर बंदिशें लागू नहीं होती है. जो कोई भी जेल अधीक्षक उसके खिलाफ जाता है या तो उस पर फायरिंग हो जाती है या फिर उसका पूरा परिवार अमन गैंग के निशाने पर आ जाता है.

मयंक सिंह ने दोनो गैंग को मिलाया

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अमन गिरोह के बीच मलेशिया में बैठा मयंक सिंह प्रमुख कड़ी है. मयंक सिंह ने ही लॉरेंस बिश्नोई और अमन को एक साथ मिलाया. दरअसल, अमन साहू को आतंक के अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए एक ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उसे टेक्निकल सपोर्ट दे सके. इस काम के लिए अमन ने जेल में रहते हुए ही लारेंस से सम्पर्क किया. जिसके बाद लॉरेंस ने अपने भरोसेमंद साथी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अमन साहू के साथ जोड़ दिया.

हालंकि बीते दिनों ही झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह का असली चेहरा खोज निकाला और मामले में एटीएस ने सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इश्तहार भी चस्पा किया है. हलाकि मयंक सिंह वर्तमान में भारत छोड़ मलेशिया में शिफ्ट हो गया है और वही से अमन साहू के गैंग का संचालन कर रहा है.

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रांची: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जेल में बंद रहते हुए भी पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. अमन इतना बेखौफ है कि वह जिस जेल में रहता है अगर वहां उसके साथ कोई दिक्कत होती है तो वह जेल अधीक्षक और जेलर के परिवार तक को निशाना बनाने से नहीं चुकता है. अमन एक तो पहले से ही खतरनाक था ऊपर से लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसकी दोस्ती ने उसे और खौफनाक बना दिया है. झारखंड एटीएस, बिहार पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, दिल्ली पुलिस, पंजाब पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच में यह साफ हो चुका है कि लॉरेंस और अमन हथियार तस्करी, रंगदारी और सुपारी लेकर हत्या जैसे अपराध को एक साथ मिलकर अंजाम दे रहे हैं.

झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा (ईटीवी भारत)
अमन को आधुनिक हथियार उपलब्ध करवा रहा है लॉरेंस

पिछले दो सालों के दौरान झारखंड एटीएस के कई दौर की कार्रवाई में अमन गिरोह तक पहुंचने वाले कई हथियारों की खेप पकड़ ली गई थी. लेकिन अब तो खतरा और बढ़ गया है लॉरेंस बिश्नोई के पास अत्यधिक विदेशी हथियार मौजूद हैं जिसे वह धीरे-धीरे अमन के गुर्गों के पास भिजवा रहा है. अभी भी एटीएस के पास यह सूचना है कि यूएस मेड कुछ ऑटोमैटिक हथियार किसी भी समय अमन के गुर्गों के पास पहुचाए जा सकते हैं.

अलर्ट मोड में एटीएस

लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव के बीच बढ़ती धनिष्ठता को लेकर झारखंड एटीएस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा के अनुसार हाल के दिनों में अमन और लॉरेंस गिरोह से तालुक रखने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अलग-अलग जिलों से की गई है. झारखंड एटीएस की टीम दूसरे राज्यों के एटीएस और राज्य पुलिस के संपर्क में है. लॉरेंस और अमन के बीच हथियारों के लेनदेन की सूचना भी एटीएस को प्राप्त हुई है जो सूचनाएं मिली हैं उसके आधार पर आगे का काम किया जा रहा है.

दोनों के गुर्गे मिलकर काम कर रहे हैं

एटीएस को यह भी सूचना मिली है कि अमन और लॉरेंस गिरोह के अपराधी एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों में पैसे लेकर हत्या करने तक की वारदातों को अंजाम देने के लिए अमन के गुर्गे लॉरेंस के गुर्गों का साथ दे रहे हैं. बिहार के गोपालगंज पुलिस के द्वारा लॉरेंस बिश्नोई के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से विदेशी ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया गया था. गिरफ्तारी के बाद झारखंड एटीएस की एक टीम भी बिहार जाकर गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ कर चुकी है. जिसमें झारखंड से संबंधित कई चौंकाने वाली जानकारियां एटीएस को मिली है.

झारखंड से बाहर अपने साम्राज्य को फैला रहा है अमन

झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन कितना खतरनाक है कि पिछले 3 सालों में उसे नौ अलग-अलग जेलों में रखा जा चुका है. गिरिडीह जेल में जब अमन बंद था तो उसकी अदावत जेल अधीक्षक से हो गई जिसके बाद उसने लॉरेंस बिश्नोई के सहयोग से जेल अधीक्षक के पूरे परिवार पर ही हमला करवाने के लिए अपने गुर्गों को आदेश दे दिया था. अमन के गुर्गे जेल अधीक्षक के परिवार पर हमला करते उससे पहले ही उन्हें झारखंड एटीएस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.

दरअसल, अमन अपने गैंग का विस्तार पूरे भारत में करना चाहता है इस काम में लॉरेंस इसका बखूबी साथ दे रहा है. लॉरेंस को भी अलग-अलग राज्यों में वारदातों को अंजाम देने के लिए नए लड़कों की जरूरत है और अमन के पास ऐसे लड़कों की फौज है. जो अमन के एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. यही वजह है कि अमन के शूटर लॉरेंस के इशारे पर छत्तीसगढ़ जाकर एक जेवर कारोबारी पर गोलियां चलाने वाले थे.

खौफ के कारण जेल में बंदिश नहीं

सूत्र बताते हैं कि अमन के खौफ की वजह से चाहे वह किसी भी जेल में रहे वहां उस पर बंदिशें लागू नहीं होती है. जो कोई भी जेल अधीक्षक उसके खिलाफ जाता है या तो उस पर फायरिंग हो जाती है या फिर उसका पूरा परिवार अमन गैंग के निशाने पर आ जाता है.

मयंक सिंह ने दोनो गैंग को मिलाया

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह और अमन गिरोह के बीच मलेशिया में बैठा मयंक सिंह प्रमुख कड़ी है. मयंक सिंह ने ही लॉरेंस बिश्नोई और अमन को एक साथ मिलाया. दरअसल, अमन साहू को आतंक के अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए एक ऐसे शख्स की जरूरत थी जो उसे टेक्निकल सपोर्ट दे सके. इस काम के लिए अमन ने जेल में रहते हुए ही लारेंस से सम्पर्क किया. जिसके बाद लॉरेंस ने अपने भरोसेमंद साथी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अमन साहू के साथ जोड़ दिया.

हालंकि बीते दिनों ही झारखंड एटीएस ने मयंक सिंह का असली चेहरा खोज निकाला और मामले में एटीएस ने सुनील मीणा के राजस्थान स्थित घर पर इश्तहार भी चस्पा किया है. हलाकि मयंक सिंह वर्तमान में भारत छोड़ मलेशिया में शिफ्ट हो गया है और वही से अमन साहू के गैंग का संचालन कर रहा है.

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