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फ्री में मिला टमाटर तो भड़क गया कस्टमर, ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी को कोसा

ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी पर भड़का कस्टमर. जानें क्या है वजह

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

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कॉन्सेप्ट फोटो (IANS)

हैदराबाद : बेंगलुरु के एक शख्स ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली एक कंपनी पर अपनी भड़ास निकाली है. कंपनी ने उसे जिस आइटम की डिलीवर की, उसके साथ उसे आधा किलो टमाटर फ्री में दिया गया. टमाटर फ्री में देखकर वह शख्स भड़क गया. उसने कहा कि कंपनी ने अनप्रोफेशनल अप्रोच अपनाया है.

रामानुजन नाम के इस युवक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह एक प्रोडक्ट डिजाइनर है. उसने ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले एप से ऑर्डर बुक किया. इस ऑर्डर के कंफर्म होते ही, उसकी कार्ट में आधा किलो टमाटर का एक आइटम जुड़ गया, जबकि उसने खुद नहीं जोड़ा.

युवक ने कहा कि उसने इस आइटम को हटाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा कोई ऑप्शन नहीं दिखा. उसने यह भी कहा कि उसे फ्री का टमाटर नहीं चाहिए, लेकिन कंपनी ने कार्ट में ऐसा कोई विकल्प नहीं दे रखा था.

उस शख्स ने लिखा, "इस कंपनी की बेहद खराब डिजाइन, एक आइटम ऑटोमैटिकली मेरे कार्ट में जुड़ गया, मुझे टमाटर नहीं चाहिए, लेकिन मैं इसे कार्ट से हटा नहीं पा रहा. ठीक है, मैं इसके लिए पैसे नहीं दे रहा हूं, लेकिन फिर भी यह मेरी खरीदारी में झांकने जैसा है, यह एक डार्क पैटर्न है."

सोशल मीडिया पर किसी यूजर ने लिखा कि इसमें हर्ज क्या है, जब फ्री में मिल रहा है, तो इसे रख लो. इस पर उस शख्स ने जवाब दिया कि जो चीज उसे चाहिए ही नहीं, उसे वह क्यों रखे, और यही है इस कंपनी का डार्क पैटर्न. रामानुजन ने लिखा कि आप इसका मतलब समझिए, कंपनी मेरे कार्ट के अंदर झांक रही है, यह ठीक नहीं है. एक कंज्यूमर होने के नाते हमारे पास ऐसा विकल्प होना चाहिए, क्या चाहिए और क्या नहीं चाहिए.

ये भी पढ़ें : चारों ओर पानी-पानी, खाना डिलीवर करने पहुंचा जोमैटो एजेंट, लोगों ने की पुरस्कार की मांग

हैदराबाद : बेंगलुरु के एक शख्स ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली एक कंपनी पर अपनी भड़ास निकाली है. कंपनी ने उसे जिस आइटम की डिलीवर की, उसके साथ उसे आधा किलो टमाटर फ्री में दिया गया. टमाटर फ्री में देखकर वह शख्स भड़क गया. उसने कहा कि कंपनी ने अनप्रोफेशनल अप्रोच अपनाया है.

रामानुजन नाम के इस युवक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह एक प्रोडक्ट डिजाइनर है. उसने ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले एप से ऑर्डर बुक किया. इस ऑर्डर के कंफर्म होते ही, उसकी कार्ट में आधा किलो टमाटर का एक आइटम जुड़ गया, जबकि उसने खुद नहीं जोड़ा.

युवक ने कहा कि उसने इस आइटम को हटाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा कोई ऑप्शन नहीं दिखा. उसने यह भी कहा कि उसे फ्री का टमाटर नहीं चाहिए, लेकिन कंपनी ने कार्ट में ऐसा कोई विकल्प नहीं दे रखा था.

उस शख्स ने लिखा, "इस कंपनी की बेहद खराब डिजाइन, एक आइटम ऑटोमैटिकली मेरे कार्ट में जुड़ गया, मुझे टमाटर नहीं चाहिए, लेकिन मैं इसे कार्ट से हटा नहीं पा रहा. ठीक है, मैं इसके लिए पैसे नहीं दे रहा हूं, लेकिन फिर भी यह मेरी खरीदारी में झांकने जैसा है, यह एक डार्क पैटर्न है."

सोशल मीडिया पर किसी यूजर ने लिखा कि इसमें हर्ज क्या है, जब फ्री में मिल रहा है, तो इसे रख लो. इस पर उस शख्स ने जवाब दिया कि जो चीज उसे चाहिए ही नहीं, उसे वह क्यों रखे, और यही है इस कंपनी का डार्क पैटर्न. रामानुजन ने लिखा कि आप इसका मतलब समझिए, कंपनी मेरे कार्ट के अंदर झांक रही है, यह ठीक नहीं है. एक कंज्यूमर होने के नाते हमारे पास ऐसा विकल्प होना चाहिए, क्या चाहिए और क्या नहीं चाहिए.

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