जयपुर. एचपीजेड टोकन एप के जरिए बिटकॉइन में निवेश के बहाने धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को देश के 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 30 स्थानों पर छापेमारी की है. इस केस को लेकर सीबीआई ने राजस्थान में भी छह स्थानों पर छापेमारी की है. इस व्यापक छापेमारी में सीबीआई ने तलाशी में मोबाइल, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड, ईमेल खाते और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं.
सीबीआई की ओर से जारी प्रेस बयान के अनुसार जांच एजेंसी ने दो निजी कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के साथ पठित धारा 419 तथा धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया था. जिसमें आरोप है कि एचपीजेड टोकन ऐप (HPZ Token App) से संबंधित धोखाधड़ी वाली निवेश योजना में आरोपी संलिप्त थे. इस योजना के तहत आमजन को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर झांसा दिया जा रहा था.
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मोटे मुनाफे का दिया जाता है झांसा : एचपीजेड एक एप आधारित टोकन है, जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टो मुद्राओं के लिए खनन मशीनों में निवेश करके बड़े लाभ का वादा करता है. जालसाजों ने कथित तौर पर एक कार्यप्रणाली का प्रयोग किया जो पीड़ितों को बिटकॉइन खनन में उनके निवेश पर भारी मुनाफा के बहाने एचपीजेड टोकन एप में निवेश करने के लिए लुभाता था.
150 खातों में जमा करवाई गई रकम : अब तक की जांच से पता चला है कि निवेशकों से आरोपियों से संबंधित लगभग 150 बैंक खातों में बड़ी मात्रा में रकम जमा करवाई गई. निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए शुरुआत में इन खातों में जमा रकम में से भुगतान करने की जानकारी भी सामने आई है. फिर बाद में इन बैंक खातों में जमा रकम को अवैध रूप से देश से बाहर ट्रांसफर कर दिया जाता था. इन खातों में जमा रकम को देश से बाहर भेजने के लिए क्रिप्टोकरेंसी या हवाला का सहारा लिया जाता था. सीबीआई की ओर से बताया गया है कि फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर अनुसंधान चल रहा है.