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अल्मोड़ा फॉरेस्ट फायर केस में दर्ज हुआ मुकदमा, पांच वनकर्मियों की मौत के बाद होश में आया वन विभाग - ALMORA FOREST FIRE CASE

अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभयारण्य वनाग्नि कांड में वन विभाग ने मुकदमा दर्ज करा दिया है. इस संबंध में वन विभाग की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है. खबर में जाने कैसे कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण पांच वनकर्मियों की मौत हुई.

Almora Forest Fire Case
अल्मोड़ा फॉरेस्ट फायर केस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 20, 2024, 10:48 PM IST

देहरादून: अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभयारण्य वनाग्नि कांड के करीब एक हफ्ते बाद वन विभाग नींद से जागा और अब जाकर वन विभाग ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इस वनाग्नि कांड में वन विभाग के पांच कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. वहीं तीन कर्मचारी अभी भी दिल्ली एम्स में जिंदगी और मौत से लड़ रहे है.

जानकारी के मुताबिक बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के वन दरोगा जीवन सिंह बोरा ने स्थानीय थाने में तहरीद दी. तहरीर में वनाग्नि की घटना रिसाल गांव के नजदीक बताई गई है. आशंका जताई गई है कि इसी गांव या फिर आसपास के किसी व्यक्ति ने जंगल में आग लगाई होगी. पुलिस ने वन विभाग की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.

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वन विभाग के दरोगा ने पुलिस को दी तहरीर. (ईटीवी भारत.)

बता दें कि 13 जून को अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में अचानक से आग लग गई थी. जंगल में आग की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर रवाना हुई. वन विभाग के सभी 8 कर्मचारी गाड़ी से मौके पर पहुंचे थे. तभी वनकर्मियों ने देखा की महादेव मंदिर के पास भी भीषण आग लगी हुई है.

बताया जा रहा है कि वन विभाग के चार कर्मचारी गाड़ी से उतरकर आग को काबू में करने के लिए प्लान बना रहे थे, तभी अचानक से हवा का तेज झोंका आया और आग एक दम से पूरे जंगल में फैल गई. इस आग में गाड़ी से नीचे उतरे चार कर्मचारी भी घिर गए. आग इतनी तेजी से फैली की चारों कर्मचारियों को भागने का मौका भी नहीं मिला और उनकी वहीं पर जलकर मौत हो गई.

वहीं आग ने गाड़ी को भी अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे गाड़ी में बैठे चारों कर्मचारी भी बुरी तरह से झुलस गए थे. गाड़ी में बैठे चारों कर्मचारियों को ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान पर खेलकर बचाया और उन्हें पास के हॉस्पिटल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने चारों कर्मचारियों को हायर सेंटर सुशील तिवारी हॉस्पिटल रेफर कर दिया. लेकिन सरकार ने बेहतर इलाज के लिए चारों कर्मचारियों की एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स भिजवाया, जहां उपचार के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई. वहीं तीन कर्मचारियों का अभी भी दिल्ली एम्स में उपचार चल रहा है.

मृतकों के नाम:

  • दीवान राम 35 (वन कर्मी)
  • करन आर्य- 21 (वन कर्मी)
  • त्रिलोक मेहता-56 (वन कर्मी)
  • पूरन मेहरा-52 पीआरडी जवान
  • कृष्ण कुमार (21) (19 जून को उपचार के दौरान दिल्ली एम्स में दम तोड़ा)

दिल्ली एम्स में भर्ती वनकर्मी:

  • भगत सिंह भोज (38)
  • कैलाश भट्ट (44)
  • कुंदन नेगी (44) (पीआरडी जवान).

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देहरादून: अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभयारण्य वनाग्नि कांड के करीब एक हफ्ते बाद वन विभाग नींद से जागा और अब जाकर वन विभाग ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इस वनाग्नि कांड में वन विभाग के पांच कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. वहीं तीन कर्मचारी अभी भी दिल्ली एम्स में जिंदगी और मौत से लड़ रहे है.

जानकारी के मुताबिक बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के वन दरोगा जीवन सिंह बोरा ने स्थानीय थाने में तहरीद दी. तहरीर में वनाग्नि की घटना रिसाल गांव के नजदीक बताई गई है. आशंका जताई गई है कि इसी गांव या फिर आसपास के किसी व्यक्ति ने जंगल में आग लगाई होगी. पुलिस ने वन विभाग की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.

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वन विभाग के दरोगा ने पुलिस को दी तहरीर. (ईटीवी भारत.)

बता दें कि 13 जून को अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में अचानक से आग लग गई थी. जंगल में आग की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर रवाना हुई. वन विभाग के सभी 8 कर्मचारी गाड़ी से मौके पर पहुंचे थे. तभी वनकर्मियों ने देखा की महादेव मंदिर के पास भी भीषण आग लगी हुई है.

बताया जा रहा है कि वन विभाग के चार कर्मचारी गाड़ी से उतरकर आग को काबू में करने के लिए प्लान बना रहे थे, तभी अचानक से हवा का तेज झोंका आया और आग एक दम से पूरे जंगल में फैल गई. इस आग में गाड़ी से नीचे उतरे चार कर्मचारी भी घिर गए. आग इतनी तेजी से फैली की चारों कर्मचारियों को भागने का मौका भी नहीं मिला और उनकी वहीं पर जलकर मौत हो गई.

वहीं आग ने गाड़ी को भी अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे गाड़ी में बैठे चारों कर्मचारी भी बुरी तरह से झुलस गए थे. गाड़ी में बैठे चारों कर्मचारियों को ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान पर खेलकर बचाया और उन्हें पास के हॉस्पिटल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने चारों कर्मचारियों को हायर सेंटर सुशील तिवारी हॉस्पिटल रेफर कर दिया. लेकिन सरकार ने बेहतर इलाज के लिए चारों कर्मचारियों की एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स भिजवाया, जहां उपचार के दौरान एक कर्मचारी की मौत हो गई. वहीं तीन कर्मचारियों का अभी भी दिल्ली एम्स में उपचार चल रहा है.

मृतकों के नाम:

  • दीवान राम 35 (वन कर्मी)
  • करन आर्य- 21 (वन कर्मी)
  • त्रिलोक मेहता-56 (वन कर्मी)
  • पूरन मेहरा-52 पीआरडी जवान
  • कृष्ण कुमार (21) (19 जून को उपचार के दौरान दिल्ली एम्स में दम तोड़ा)

दिल्ली एम्स में भर्ती वनकर्मी:

  • भगत सिंह भोज (38)
  • कैलाश भट्ट (44)
  • कुंदन नेगी (44) (पीआरडी जवान).

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