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आईआईटी जोधपुर ने बनाया मेड इंडिया ब्रेथ एनालाइजर, कई बीमारियों के लक्षणों का लगेगा पता

आईआईटी जोधपुर ने भारत का पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर बनाया है. इसकी मदद से सरकार को महंगे एनालाइजर नहीं मंगवाने पड़ेंगे. इसकी मदद से कई बीमारियों के लक्षणों का पता लगाया जा सकेगा.

First Make in India Breath Analyser by IIT Jodhpur
पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 11:07 PM IST

भारत का पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर

जोधपुर. आईआईटी जोधपुर ने भारत का पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर बनाया हैं. इसे ह्यूमन सेंसर नाम दिया गया है. इसकी मदद से सरकार को विदेश से महंगे एनालाइजर नहीं मंगवाने पड़ेंगे. इससे काफी बचत होगी. साथ ही यह एनालाइजर कई अन्य बीमारियों की जानकारी भी देगा.

आईआईटी जोधपुर के इलेक्ट्रिकल विभाग की सह आचार्य डॉ साक्षी धानेकर के अनुसार हमने जो ह्यूमन सेंसर विकसित किया गया है, उसका प्राथमिक कार्य शराब की जांच करना है. लेकिन इसमें थोड़े बदलाव से अस्थमा, डायबिटीज केटोएसिडोसिस (ketoacidosis), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग (chronic obstructive pulmonary), स्लीप एपनिया और कार्डियक अरेस्ट जैसी बीमारियों के लक्षणों का भी इससे पता लगेगा.

पढ़ें: Jaipur: अब शराब पीकर वाहन चलाने वालों की खैर नहीं, फिर से शुरू होगा ब्रेथ एनालाइजर का प्रयोग...आदेश जारी

इससे व्यक्ति की सांस में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) की निगरानी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि हमारी तकनीक में उपकरण को बेहद सरल तरीके से ऑपरेट किया जा सकता है. जबकि वर्तमान के एनालाइजर अपेक्षाकृत भारी है, उनको चलाने से पहले लंबे समय हीटर का उपयोग करना पड़ता है. जबकि आईआईटी द्वारा विकसित सेंसर एनालाइजर को चार्ज कर प्लग एंड प्ले सिस्टम से ऑपरेट किया जा सकता है.

पढ़ें: अजमेर: चिकित्सा मंत्री के प्रयास से जेएलएन अस्पताल में ऑटो एनालाइजर मशीन शुरू

ब्रेथ डायग्नोस्टिक फील्ड होगा मजबूत: डॉ साक्षी धानेकर ने कहा जिस तरह का सेंसर विकसित किया गया है. अगर इस दिशा में निरंतर अनुसंधान और विकास से विभिन्न क्षेत्रों में ब्रेथ डायग्नोस्टिक व्यावहारिक कार्यान्वयन को बढ़ावा मिलने से कई नई सफलता मिलेगी. मेरा स्टार्ट-अप 'सेंसेकृति टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड' समाज के लाभ के लिए इनोवेशन करता है. हमारी टीम अनुसंधान में चुनौती को एक अवसर के रूप में देखती है और उनका हल ढूंढती है.

भारत का पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर

जोधपुर. आईआईटी जोधपुर ने भारत का पहला मैक इन इंडिया ब्रेथ एनालाइजर बनाया हैं. इसे ह्यूमन सेंसर नाम दिया गया है. इसकी मदद से सरकार को विदेश से महंगे एनालाइजर नहीं मंगवाने पड़ेंगे. इससे काफी बचत होगी. साथ ही यह एनालाइजर कई अन्य बीमारियों की जानकारी भी देगा.

आईआईटी जोधपुर के इलेक्ट्रिकल विभाग की सह आचार्य डॉ साक्षी धानेकर के अनुसार हमने जो ह्यूमन सेंसर विकसित किया गया है, उसका प्राथमिक कार्य शराब की जांच करना है. लेकिन इसमें थोड़े बदलाव से अस्थमा, डायबिटीज केटोएसिडोसिस (ketoacidosis), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग (chronic obstructive pulmonary), स्लीप एपनिया और कार्डियक अरेस्ट जैसी बीमारियों के लक्षणों का भी इससे पता लगेगा.

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इससे व्यक्ति की सांस में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) की निगरानी की जा सकती है. उन्होंने बताया कि हमारी तकनीक में उपकरण को बेहद सरल तरीके से ऑपरेट किया जा सकता है. जबकि वर्तमान के एनालाइजर अपेक्षाकृत भारी है, उनको चलाने से पहले लंबे समय हीटर का उपयोग करना पड़ता है. जबकि आईआईटी द्वारा विकसित सेंसर एनालाइजर को चार्ज कर प्लग एंड प्ले सिस्टम से ऑपरेट किया जा सकता है.

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ब्रेथ डायग्नोस्टिक फील्ड होगा मजबूत: डॉ साक्षी धानेकर ने कहा जिस तरह का सेंसर विकसित किया गया है. अगर इस दिशा में निरंतर अनुसंधान और विकास से विभिन्न क्षेत्रों में ब्रेथ डायग्नोस्टिक व्यावहारिक कार्यान्वयन को बढ़ावा मिलने से कई नई सफलता मिलेगी. मेरा स्टार्ट-अप 'सेंसेकृति टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड' समाज के लाभ के लिए इनोवेशन करता है. हमारी टीम अनुसंधान में चुनौती को एक अवसर के रूप में देखती है और उनका हल ढूंढती है.

Last Updated : Feb 22, 2024, 11:07 PM IST
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