उदयपुर : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने उदयपुर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को शहर के हिरणमगरी सेक्टर 14 में नवनिर्मित जीएसटी भवन का दीप प्रज्ज्वलित कर लोकार्पण किया. इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि करदाताओं की सहूलियत के लिए 2019 से ही जीएसटी के कार्यालयों को सुविधाजनक बनाया जा रहा है. इससे करदाताओं के मन में कोई सवाल हो या कोई समस्या हो तो वो आसानी से यहां आकर उसके समाधान के बारे में जान सकते हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी और करदाताओं के बीच सकारात्मक माहौल होने से समस्या के समाधान में दिक्कत नहीं आएगी. जीएसटी काउंसिल में भी अधिकारी और मंत्री समस्याओं का तत्काल समाधान कर रहे हैं.
...ताकि न पड़े कठोर कदम उठाने की जरूरत : वित्तमंत्री ने कहा कि यहां के सीमेंट, टायर, फर्टिलाइजर्स, उद्योग व खनिज क्षेत्र का जीएसटी में बड़ा योगदान है, लेकिन अब छोटे उद्योग भी विकसित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब मोबाइल एप के आने से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट में मदद मिली है. उदयपुर में सबसे ज्यादा जीएसटी रेवन्यू जिंक से आता है. इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक और पान मसाला से भी काफी मात्रा में जीएसटी आता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी का प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिए और अधिकारी करतदाता के प्रति सकारात्मक रहें, जिससे कठोर कदम उठाने की आवश्यकता न पड़े. उन्होंने कहा कि आज जो आइस टैब एप लॉन्च हुआ है, उससे आयातक निर्यातकों को माल तत्काल भेजने में सहायता मिलेगी.
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वित्तमंत्री से मिले चित्रकार सूरज सोनी : होटल देवीगढ़ में सांसद डॉ. मन्नालाल रावत के नेतृत्व में शहर के युवा व्यवसायी और चित्रकार सूरज सोनी सहित अन्य युवाओं ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान सांसद डॉ. रावत ने चित्रकार का परिचय कराया और मेवाड़ अंचल की चित्रशैलियों के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर चित्रकार सूरज सोनी ने केंद्रीय मंत्री को भगवान श्रीनाथजी की पिछवाई भेंट कर उसकी महत्ता से उन्हें अवगत कराया. केंद्रीय मंत्री श्रीनाथजी की पिछवाई देखकर अभिभूत हुईं और उन्होंने इस तस्वीर में शरद श्रृंगार को बहुत देर तक निहारा और फिर चित्रकार के कला कौशल की तारीफ की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने चित्रशैली की बारीकियां के बारे में जानी. उन्होंने इस पिछवाई को अपने पूजा घर में रखने की बात कहते हुए चित्र को नमन किया.
होटल एसोसिएशन ने दिया केंद्रीय वित्तमंत्री को सुझाव : होटल एसोसिएशन से वरिष्ठ उपाध्याय, राजेश अग्रवाल और उपाध्यक्ष यशवर्धन सिंह राणावत ने केंद्रीय वित्तमंत्री से मुलाकात की. इस दौरान एसोसिएशन की तरफ से वित्तमंत्री को जीएसटी संबंधी विभिन्न सुझावों के पत्र दिए गए, जिसमें निम्नलिखित बातों का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया.
जीएसटी दरों में कमी : होटल्स विशेषकर मध्यम और बजट श्रेणी के होटलों पर लागू जीएसटी दरों में संशोधन का अनुरोध किया गया. साथ ही बताया गया कि दरों में कमी से यात्रा सस्ती होगी और घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे पर्यटक लंबे समय तक ठहराव करेंगे और अधिक खर्च करेंगे.
सस्ती वित्तीय सहायता का प्रावधान : छोटे और मध्यम आकार के होटलों के लिए ऋण और वित्तीय सहायता तक आसान पहुंच की मांग की गई. संपार्श्विक आवश्यकताओं में छूट और ब्याज दरों में कमी से होटल मालिकों को बुनियादी ढांचे के उन्नयन और सेवा सुधार में निवेश करने की शक्ति मिलेगी.
सतत प्रथाओं के लिए प्रोत्साहन : वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ तालमेल बैठाने के लिए हम पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं जैसे सौर ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और जल संरक्षण उपायों को अपनाने वाले होटलों के लिए कर प्रोत्साहन की मांग करते हैं.
कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए समर्थन : हम होटल कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए समर्पित योजनाओं या अनुदानों की शुरुआत का अनुरोध करते हैं. निरंतर प्रशिक्षण के माध्यम से सेवा की गुणवत्ता में सुधार, हमें वैश्विक मंच पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा.
1000 से कम कमरे की दरों पर जीएसटी : पहले 1000 रुपए से कम कीमत वाले कमरों पर जीएसटी से छूट दी गई थी, लेकिन वर्तमान में इन कमरों पर 12% जीएसटी लगाया गया है. इससे बजट यात्रियों के लिए इसे वहन करना मुश्किल हो गया है. हम विनम्रतापूर्वक इस दर को 5% तक कम करने पर आपके विचार का अनुरोध करते हैं, जिससे हम अपने ग्राहकों की बेहतर सेवा कर सकें और अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकें.
नए होटल निर्माण के कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी छूट : आतिथ्य क्षेत्र के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए, हम नए होटल निर्माण के कंस्ट्रक्शन के लिए जीएसटी छूट प्रदान करने का प्रस्ताव रखते हैं. इससे क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन बुनियादी ढांचे का विकास होगा.
इन बिन्दुओं पर भी किया ध्यान आकर्षित
- वर्तमान में कमरों पर 12% और 18% जीएसटी दरें लागू हैं. इन दरों को कम किया जाना चाहिए और बजट श्रेणी के लिए छूट दी जानी चाहिए.
- रेस्टोरेंट 5% और 18% जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं. 5% जीएसटी का भुगतान करने वाले रेस्टोरेंट को भी खर्चों पर इनपुट क्रेडिट की अनुमति दी जानी चाहिए.
- वर्ष के लिए कर स्लैब तय करते समय उच्च और निम्न सीजन को ध्यान में रखा जाना चाहिए. पहले के समय में, जब लग्जरी कर लागू था तो ऑफ सीजन में यह 50% कम था.
- हमें विश्वास है कि इन सुधारों से न केवल उद्योग को बल मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे.