उज्जैन। आज के समय में जहां सोशल मीडिया पर लोग फादर्स डे की शुभकामनाएं देते है और उनका प्रेम सिर्फ वहीं तक सिमट कर रह जाता है. उसी दौर में उज्जैन के सुधीर भाई गोयल सैकड़ों बेसहारा माता-पिता और अनाथ बच्चों के पिता बन गए हैं. अंकितग्राम सेवाधाम संस्थान के नाम से आश्रम संचालित कर रहे सुधीर भाई गोयल का नाम 305 अनाथों बच्चों और बुजुर्गों के आधार कार्ड में पिता के रुप में स्थापित हो चुका है. सेवाधाम संस्थान आश्रम में 800 से अधिक बेसहार लोग रहते हैं जिनमें बुढों से लेकर बच्चे तक शामिल हैं.
मदर टेरेसा से मुलाकात के बाद बदला जीवन
सुधीर भाई गोयल की मुलाकात 1989 में मदर टेरेसा से हुई थी. इस मुलाकात का सुधीर के जीवन पर गहरा असर पड़ा और उन्होंने अपने इस जीवन को सार्थक करने के लिए समाज के लिए कुछ करने का सोचा. उसके कुछ ही दिनों बाद सुधीर भाई गोयल ने उज्जैन शहर से 15 किलोमीटर दूर अंबोदिया गांव में अपनी 14 एकड़ की भूमि में अंकितग्राम सेवाधाम नाम से आश्रम की स्थापना की. स्थापना के बाद से लगातार सुधीर भाई गोयल खुद लोगों की सेवा कर रहे हैं. आश्रम में वर्तमान में 830 बेसहारा बूढ़े और अनाथ बच्चे रहते हैं. जिसमें से कई तो मानसिक और शाररिक रूप से विक्षिप्त हैं. सुधीर भाई गोयल 305 बेसहारा लोगों का सिर्फ सहारा ही नहीं बने हैं बल्कि उनके आधार कार्ड पर पिता की जगह पर उनका नाम भी है. Sudhir Bhai Goyal Meet Mother Teresa
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मरने के बाद की अपनी इच्छा भी बताई
बीते 35 सालों में इस आश्रम में 3 हजार से अधिक लोगों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार हो चुका है. इसके साथ ही 5 हजार से अधिक लोगों को वापस उनके घर भेजा जा चुका है. आश्रम के कामों में सुधीर की पत्नी कांता गोयल के अलावा उनकी दोनों बेटियां गोरी गोयल और मोनिका गोयल भी हाथ बटाती हैं. सुधीर गोयल ने करीब 300 स्कायर फीट में एक शेड बनवाया है. यहीं पर उन्होंने अपने अंतिम संस्कार की इच्छा जताई है. इसके लिए उन्होंने पहले ही अपनी एक बड़ी सी फोटो लगवा दी है. इसके पीछे उनका कहना है कि, मरने के बाद भी वो यहीं रहकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं.