चंडीगढ़: किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के 7 जिलों में बंद इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है. आज इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी नहीं हुए हैं. दिल्ली कूच करने को लेकर किसान 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. ऐसे में किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार में 13 फरवरी से इंटरनेट बंद था.
हरियाणा में इंटरनेट सेवा बहाल: किसान आंदोलन के दौरान बंद की गई इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. हिसार जिले में इंटरनेट सेवाएं शुरू होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है. इंटरनेट बंद होने से बोर्ड एग्जाम देने वाले विद्यार्थियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. करीब 12 दिन के बाद इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है.
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने निकाला कैंडल मार्च: बीते दिनों खनौरी बॉर्डर पर किसानी आंदोलन के दौरान हुई 22 वर्षीय शुभकरण की मौत के बाद अब किसानों में रोष नजर आ रहा है. शुक्रवार, 23 फरवरी को जहां पूरे देश में किसानों ने काला दिवस मनाया तो वहीं, शनिवार को शुभकरण को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया. शंभू बॉर्डर पर हजारों मामबत्तियां जला कर किसानों ने शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की.
'मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा': इस दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा "हमारा यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती. इस आंदोलन को जीतने के लिए हमें और भी कुर्बानियां देनी पड़ सकती हैं जिनके लिए हम तैयार हैं. आंदोलन की जीत का रास्ता कुर्बानियों से ही निकलता है.हमें शुभकरण सिंह की कुर्बानी से प्रेरणा लेकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है और उन कार्यों को पूरा करना है जिनको पूरा करने की लड़ाई में शुभकरण सिंह ने अपनी कुर्बानी दे दी."
सिरसा में किसानों ने निकाला कैंडल मार्च: किसान आंदोलन के दौरान पंजाब से लगते खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. शुभकरण की मौत के बाद से हरियाणा और पंजाब के किसानों में सरकार के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है. पंजाब के बठिंडा के साथ सटे सिरसा जिले में देर रात कैंडल मार्च निकालकर शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी गई. कैंडल मार्च सिरसा की जनता भवन रोड से सुभाष चौक तक निकाला गया.
सरकार को किसानों का अल्टीमेटम: कैंडल मार्च में शामिल किसानों ने कहा "हरियाणा सरकार अब किसानों पर जुल्म ढा रही है, जिसका नतीजा शुभकरण सिंह की दर्दनाक मौत है. शुभकरण सिंह की उम्र सिर्फ 21 साल थी और किसान आंदोलन के दौरान गोली लगने से उसकी मौत हो गई. हरियाणा सरकार किसानों की मांग को पूरा नहीं कर रही है. इसके साथ ही केंद्र सरकार से मांगें पूरी करवाने के लिए भी किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं तो ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. हरियाणा सरकार जल्द से जल्द बंद किए गए रास्तों को खोल दे, ताकि किसान केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगों को मंगवाने के लिए दिल्ली कूच कर सकें. अगर सरकार ने रास्ते नहीं खोलती है तो किसान इन रास्तों को तोड़ते हुए दिल्ली कोच जरूर करेंगे."
किसान आंदोलन को लेकर किसान संगठनों की बनी रणनीति: चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर 10 से अधिक खापों के अलावा किसान और सामाजिक संगठनों की पंचायत फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में 51 सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए आगामी किसान आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया. कमेटी में फोगाट, सांगवान, श्योराण, सतगामा, हवेली सहित कई खापों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया.
26 मार्च को दादरी रोड जाम करने का ऐलान: संयुक्त कमेटी की पंचायत कहा कि प्रत्येक गांवों से 5-5 ट्रैक्टरों के साथ महिलाएं भी अपनी भागेदारी सुनिश्चित करेंगी. इस दौरान निर्णय लिया कि सोमवार 26 फरवरी को हजारों ट्रैक्टरों के साथ किसान मार्च निकालते हुए दादरी-दिल्ली रोड जाम करेंगे. फोगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार और सांगवान खाप सचिव नरसिंह डीपी ने संयुक्त रूप से बताया "केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में किसान आंदोलन तेज होगा और आने वाले समय में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. सोमवार को जहां ट्रैक्टर मार्च निकालकर रोड जाम करेंगे. एसकेएम की कॉल आने पर उसी अनुरूप आगे बढ़ेंगे. शहीद किसान मामले में एफआईआर दर्ज करने, एमएसपी गारंटी सहित सभी मांगों काे लेकर मंथन किया गया है. साथ ही खापों के अलावा सामाजिक एवं किसान संगठनों की 51 सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए जिम्मेदारियां लगाई गई हैं."
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