हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आज मंगलवार 18 जून को समाप्त हो गया है. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को बैसाखियों पर चल रही है, जो कब तक चलेगी ये देखने वाली बात होगी. राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को अपाहिज (लैंडी) बताया है.
राकेश टिकैत ने कहा कि चिंतिन शिविर में किसान यूनियन की तरफ से 100 दिन का एजेंडा दिया गया है. जिसमें संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करना है. नई सरकार के बातचीत कर किसानों की समस्याओं का भी हल निकाला जाएगा. वहीं, पहाड़ी राज्यों की अगल से पॉलिसी बने, इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से समय लेकर उनके बात की जाएगी.
वहीं, किसानों के बने नए-नए संगठगों को लेकर जब राकेश टिकैत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तो बहुत संगठन बनेगे. भारत सरकार का प्रयास है कि किसान संगठनों को तोड़ा जाए. अभी तो फसलों के आधार पर भी संगठन बनेगे. इसके जाति के आधार किसानों के संगठन बनाए जाएंगे, ये सब भारत सरकार की योजना है.
वहीं किसानों की मांगों के लिए क्या राकेश टिकैत कोई बड़ा आंदोलन कर जा रहे है. इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि जल्द ही किसान आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. भारत सरकार से यदि आंदोलन करना पड़ा तो आंदोलन भी होगा. राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार का पहला टारगेंट पंजाब है. सरकार सिख समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. राकेश टिकैत ने दावा किया है कि सरकार पांच से दस दिनों में नए पदाधिकारी नियुक्त करेंगी.
बॉलीवुड एक्टर और मंडी सीट से लोकसभा सांसद कंगना राणावत थप्पड़ कांड पर भी राकेश टिकैत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर महिला जवान चेंकिंग कर रही थी, उसने चेकिंग नहीं करवाई, उस दौरान दोनों की बहस हुई है, मारपीट कुछ नहीं है.
वहीं हरिद्वार में सिख समुदाय की गुरुद्वारा ज्ञानगोदरी को लेकर चली आ रही मांग पर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सिख समाज चाहता है और उसके पास पुख्ता सबूत है कि उनको गुरुद्वारा उसे स्थान पर था, तो सरकार को उसे किसी उचित स्थान पर गुरुद्वारा बना कर दिया जाना चाहिए.
वहीं, राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत की जनता ने इस बार केंद्र की सरकार को अपाहिज (लैंडी) सरकार बनाया है, जिससे ऐसा लगता है कि इस बार सरकार किसानों के समर्थन में उचित कार्य करेगी.
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