रांचीः झारखंड के सिसायी समर में भाजपा पूरी तरह से मुखर नजर आ रही है. भाजपा कई मुद्दों को लेकर सत्ताधारी दलों को घेरने में जुटी है. रविवार को रांची में सियासी समागम देखने मिला. यहां भाजपा के द्वारा घोषणा पत्र के साथ-साथ कई बड़ी बातों की घोषणा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा की गयी.
रांची के निजी होटल में इस राजनीतिक सरगर्मी के बीच ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना ने भाजपा के कई आला नेताओं के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत में भाजपा के घोषणा पत्र के साथ साथ प्रदेश के सियासी और चुनावी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत के प्रखर सवालों पर भाजपा नेताओं ने अपनी बेबाक राय प्रस्तुत की.
'झामुमो ने झारखंड आंदोलन को बेचा है'
ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सासंद दीपक प्रकाश के साथ बात की. झारखंड में विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर पूछे गये सवाल को लेकर दीपक प्रकाश ने कहा कि झूठ बोलकर सत्ता में आई सरकार की इस बार विदाई तय है. हेमंत सोरेन, कांग्रेस और आरजेडी एक ऐसा गठबंधन है जिन्होंने झारखंड आंदोलन को बेचने का काम किया है. झामुमो ने एक बार नहीं कई बार झारखंड आंदोलन को बेचने का काम किया और कांग्रेस पार्टी ने इस आंदोलन को खरीदने का काम किया है. इसके अलावा दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया.
'ये चुनाव झारखंड की अस्मिता को बचाने का चुनाव'
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आखिरी समय में बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का असर झारखंड के मतदाताओं पर होगा. ईटीवी भारत के इस सवाल के जवाब में दीपक प्रकाश ने कहा कि ये वोटों के पोलराइजेशन का सवाल नहीं है. ये चुनाव झारखंड की अस्मिता को बचाने का चुनाव है. इस सरकार ने झारखंड की जल, जंगल, जमीन को लूटने का काम किया है. जनता ने इस बार परिवर्तन का मन बना लिया है और भाजपा ही ये परिवर्तन ला सकती है.
वहीं बागी नेताओं को लेकर ईटीवी भारत के द्वारा पूछे गये सवाल पर दीपक प्रकाश ने कहा कि चुनाव में ऐसी छोटी घटनाएं होती हैं. ऐसे में हमारा केंद्रीय नेतृत्व उनको समझाने का प्रयास किया. क्योंकि राज्य बचेगा तभी सब कुछ ठीक होगा. वहीं किसके नाम पर जनता वोट करेगी इस सवाल पर दीपक प्रकाश ने कहा कि जनता कमल निशान पर वोट करेगी, अपनी भविष्य और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए मतदान करेगी.
'घुसपैठ के मुद्दे पर हमेशा मौन रही हेमंत सरकार'
ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना ने भाजपा विधायक अनंत ओझा से भी खास बातचीत. अनंत ओझा उस इलाके से आते हैं जहां सबसे ज्यादा घुसपैठ की बात हो रही हैं. राजमहल विधायक अनंत ओझा ने भाजपा के घोषणा पत्र में अमित शाह द्वारा घुसपैठ को रोकने संबंधी घोषणा को सराहा. अनंत ओझा ने कांग्रेस और झामुमो सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी सरकार मौन साधे रही. पूरे पांच साल तक हमने हर पटल पर घुसपैठ के मुद्दे को रखा लेकिन झारखंड सरकार घुसपैठियों के समर्थन में खड़ी हो गयी.
अनंत ओझा ने झारखंड हाईकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब कोर्ट ने इसपर संज्ञान लेकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तो हेमंत सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि संथाल परगना, साहिबगंज और पाकुड़ जिला में एक भी घुसपैठ नहीं है. वहीं दूसरी ओर विधानसभा की कार्यवाही में सरकार द्वारा उत्तर दिया जाता है कि झारखंड में चार बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गये हैं.
'90 के दशक से चल रही घुसपैठ के खिलाफ लड़ाई'
भाजपा के द्वारा 70 से 75 लाख घुसपैठियों का आंकड़ा दिया जा रहा है. ईटीवी भारत के इस सवाल पर अनंत ओझा ने स्पष्ट किया कि ये सिर्फ पांच साल की बात नहीं है. हम तो 90 के दशक से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. इस दौरान उस क्षेत्र में लगातार घट रही घटनाओं को उठाया. लेकिन इन पांच वर्षों में इन घटनाओं की गति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
'उधवा प्रखंड में मतदाताओं की संख्या में बेतबाशा वृद्धि'
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने साहिबगंज के राजमहल विधानसभा के उधवा प्रखंड का उदाहरण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-19 के बीच यहां 8 हजार मतदाता बढ़ गये. वहीं 2019-24 के बीच 24 हजार वोटर बढ़ गये, इतना ही नहीं एक खास क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 100 से 150 गुना वृद्धि हो गयी है यानी कि 25 से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा वृद्धि होती है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि ये आया कहां से.
एक घटना की चर्चा करते हुए ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना ने कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का कितना असर झारखंड में होगा. इस सवाल के जवाब में अनंत ओझा ने कहा कि ये आज जन-जन का नारा बन गया है, आम जनता इसे भी समझ रही है. इंडिया गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब भी चुनाव आता है ये लोग हिंदू समाज को जातियों में बांट देते हैं लेकिन जनता इन्हें इस बार माकूल जवाब देने के लिए तैयार है.
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