ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम की यात्रा होगी सुगम, रोपवे लगाने की कवायद हुई तेज

एक बार फिर यमुनोत्री धाम में रोपवे लगाने की कवायद तेज हो गई है. रोपवे लगने से श्रद्धालुओं का सफर आसान होगा.

Uttarakhand Yamunotri Dham
यमुनोत्री धाम (Photo-ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड के चारों धामों में से एक यमुनोत्री धाम की यात्रा अब श्रद्धालुओं के लिए सुगम होने जा रही है. दावों पर यकीन करें तो अगले 1 महीने में यात्रा को सुगम बनाने वाले रोपवे पर काम शुरू कर दिया जाएगा. दरअसल यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग हार्टअटैक से अपनी जान गंवा देते हैं. इसके पीछे यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला 5.5 किलोमीटर का वह कठिन पैदल मार्ग वजह है, जिसे इख्तियार करना श्रद्धालुओं के लिए आसान काम नहीं.

यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान हर साल कई लोग हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा देते हैं. यह यमुनोत्री धाम ही है जिसे चारों धामों में सबसे कम सुविधाओं या इंफ्रास्ट्रक्चर वाला माना जाता है. करीब 5.5 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करना इस यात्रा का सबसे मुश्किल पल होता है और इसी दौरान यात्रा शुरू होने के दिन से ही श्रद्धालुओं की हार्टअटैक से मौत के मामले सामने आने लगते हैं. यमुनोत्री धाम की इसी कठिन पैदल चढ़ाई से श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए करीब 10 साल पहले कवायद शुरू की गई और धाम तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए रोपवे का रास्ता तलाशने के प्रयास शुरू हुए.

लेकिन दो बार रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास और तीन बार रोपवे तैयार करने वाली कंपनी को बदलने के बाद भी अब तक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है. यमुनोत्री धाम में जानकीचट्टी से रोपवे शुरू होकर यमुनोत्री धाम तक श्रद्धालुओं को पहुंचाएगा। इसके लिए अब रोपवे बनाने वाली कंपनी को अगले एक महीने में इसका काम शुरू करने का शासन से अल्टीमेटम भी मिल चुका है.

रोपवे परियोजना के लिए यमुनोत्री धाम में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसके लिए निर्माण एजेंसी को तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम में रोपवे परियोजना का शिलान्यास पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया गया था और इसके बाद दूसरी बार तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी इसका शिलान्यास किया. हालांकि रोपवे का काम आगे नहीं बढ़ पाया था.वहीं यमुनोत्री से विधायक संजय डोभाल बताते हैं कि यमुनोत्री धाम में रोपवे की बेहद ज्यादा आवश्यकता है और इसके लिए वह लगातार सरकार और शासन के चक्कर काट रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे द्वारा उन्हें बताया गया है कि जल्द ही रोपवे का काम शुरू कर लिया जाएगा और इसके लिए संबंधित एजेंसी को भी निर्देश जारी किए गए हैं. यमुनोत्री धाम में रोपवे बनने से न केवल यहां आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों को धाम तक पहुंचने में आसानी होगी. आंकड़ों पर गौर करें तो यमुनोत्री धाम में इस यात्रा सीजन के दौरान 714755 श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किए. इस दौरान स्वास्थ्य खराब होने के कारण 40 लोगों की यमुनोत्री धाम मार्ग पर मौत हो गई.

यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला करीब 5.5 किलोमीटर का पैदल मार्ग श्रद्धालुओं के लिए काफी मुश्किल होता है और इस दौरान कठिन चढ़ाई को पार करके श्रद्धालु धाम में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार यमुनोत्री धाम में रोपवे प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सकेगा और इसके लिए निर्माण एजेंसी को अल्टीमेटम भी दे दिया गया है. ऐसा हुआ तो यमुनोत्री धाम में सुगम यात्रा के कारण श्रद्धालुओं की संख्या पर भी इसका सीधा असर होगा.

पढ़ें-

देहरादून: उत्तराखंड के चारों धामों में से एक यमुनोत्री धाम की यात्रा अब श्रद्धालुओं के लिए सुगम होने जा रही है. दावों पर यकीन करें तो अगले 1 महीने में यात्रा को सुगम बनाने वाले रोपवे पर काम शुरू कर दिया जाएगा. दरअसल यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग हार्टअटैक से अपनी जान गंवा देते हैं. इसके पीछे यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला 5.5 किलोमीटर का वह कठिन पैदल मार्ग वजह है, जिसे इख्तियार करना श्रद्धालुओं के लिए आसान काम नहीं.

यमुनोत्री धाम की यात्रा के दौरान हर साल कई लोग हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा देते हैं. यह यमुनोत्री धाम ही है जिसे चारों धामों में सबसे कम सुविधाओं या इंफ्रास्ट्रक्चर वाला माना जाता है. करीब 5.5 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करना इस यात्रा का सबसे मुश्किल पल होता है और इसी दौरान यात्रा शुरू होने के दिन से ही श्रद्धालुओं की हार्टअटैक से मौत के मामले सामने आने लगते हैं. यमुनोत्री धाम की इसी कठिन पैदल चढ़ाई से श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए करीब 10 साल पहले कवायद शुरू की गई और धाम तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने के लिए रोपवे का रास्ता तलाशने के प्रयास शुरू हुए.

लेकिन दो बार रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास और तीन बार रोपवे तैयार करने वाली कंपनी को बदलने के बाद भी अब तक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है. यमुनोत्री धाम में जानकीचट्टी से रोपवे शुरू होकर यमुनोत्री धाम तक श्रद्धालुओं को पहुंचाएगा। इसके लिए अब रोपवे बनाने वाली कंपनी को अगले एक महीने में इसका काम शुरू करने का शासन से अल्टीमेटम भी मिल चुका है.

रोपवे परियोजना के लिए यमुनोत्री धाम में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसके लिए निर्माण एजेंसी को तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम में रोपवे परियोजना का शिलान्यास पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया गया था और इसके बाद दूसरी बार तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी इसका शिलान्यास किया. हालांकि रोपवे का काम आगे नहीं बढ़ पाया था.वहीं यमुनोत्री से विधायक संजय डोभाल बताते हैं कि यमुनोत्री धाम में रोपवे की बेहद ज्यादा आवश्यकता है और इसके लिए वह लगातार सरकार और शासन के चक्कर काट रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे द्वारा उन्हें बताया गया है कि जल्द ही रोपवे का काम शुरू कर लिया जाएगा और इसके लिए संबंधित एजेंसी को भी निर्देश जारी किए गए हैं. यमुनोत्री धाम में रोपवे बनने से न केवल यहां आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों को धाम तक पहुंचने में आसानी होगी. आंकड़ों पर गौर करें तो यमुनोत्री धाम में इस यात्रा सीजन के दौरान 714755 श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किए. इस दौरान स्वास्थ्य खराब होने के कारण 40 लोगों की यमुनोत्री धाम मार्ग पर मौत हो गई.

यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला करीब 5.5 किलोमीटर का पैदल मार्ग श्रद्धालुओं के लिए काफी मुश्किल होता है और इस दौरान कठिन चढ़ाई को पार करके श्रद्धालु धाम में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार यमुनोत्री धाम में रोपवे प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सकेगा और इसके लिए निर्माण एजेंसी को अल्टीमेटम भी दे दिया गया है. ऐसा हुआ तो यमुनोत्री धाम में सुगम यात्रा के कारण श्रद्धालुओं की संख्या पर भी इसका सीधा असर होगा.

पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.