कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में कोलकाता सहित सात स्थानों तलाशी अभियान शुरू किया. साल्ट लेक सीजीओ कॉम्प्लेक्स के सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी सुबह करीब छह बजे केंद्रीय बलों के साथ 10 से अधिक वाहनों में सवार होकर विभिन्न स्थानों के लिए रवाना हुए.
ईडी की टीमों के द्वारा कल्याणी, बारासात, कलतारा, जॉयनगर, मेदिनीपुर और नादिया में तलाशी अभियान चलाया गया. कल्याणी में एक खाद्य निरीक्षक के घर पर तलाशी अभियान चलाया गया. इसके अलावा, दक्षिण कोलकाता में एक कार्यालय और एक अन्य फ्लैट की भी तलाशी ली गई. ईडी सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान कई राज्य सरकार के अधिकारियों, खाद्य निरीक्षकों और राशन डीलरों के नाम सामने आए हैं. इससे पहले ईडी के अधिकारियों ने खाद्य विभाग से राशन योजना से जुड़े कई दस्तावेज मांगे थे.
दस्तावेजों के आधार पर खाद्य निरीक्षकों से लेकर कई लोगों के ठिकानों का पता चला. इससे पहले, उत्तर 24 परगना के एक व्यापारी, बकीबुर रहमान को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था. केंद्रीय जांच अधिकारियों को बकीबुर से पूछताछ के बाद पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का नाम पता चला. बाद में मलिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया और वह अभी भी जेल में बंद हैं. जांच अधिकारियों का मानना है कि राशन वितरण भ्रष्टाचार का मामला सिर्फ राजनीतिक या प्रभावशाली लोगों से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि खाद्य विभाग के कई उच्च पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं. केंद्रीय एजेंसी ने पहले ही खाद्य विभाग से राज्य में रद्द और सक्रिय राशन कार्डों की सूची मांगी थी. बताया जा रहा है कि डेटा प्राप्त होने के बाद इसकी जांच की जा रही है.
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