जयपुर. बिहार में तैनाती के दौरान एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू की है. आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके करीबियों पर ईडी के पटना जोनल कार्यालय ने कार्रवाई करते हुए दो दिन तक छापेमारी की. इस दौरान जयपुर सहित देश के पांच प्रमुख शहरों में 13 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया है. तलाशी के दौरान ईडी की टीमों को 60 करोड़ रुपए के शेयर, करीब 16 लाख रुपए की अस्पष्टीकृत विदेशी मुद्रा और करीब 23 लाख रुपए की नकदी बरामद की है. ईडी ने इन्हें जब्त कर लिया है. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर अपराध संबंधी दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर बताया, 'ईडी, पटना जोनल कार्यालय ने आईएएस संजीव हंस और अन्य के खिलाफ धन-शोधन मामले के संबंध में 3 दिसंबर को दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. तलाशी के दौरान, विभिन्न अपराध-संकेती दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, 60 करोड़ रुपए के शेयर, 16 लाख रुपए (लगभग) की अस्पष्टीकृत विदेशी मुद्रा और 23 लाख रुपए (लगभग) नकद बरामद कर जब्त किए गए हैं.
ईडी, पटना जोनल कार्यालय ने संजीव हंस, आईएएस और अन्य के खिलाफ धन-शोधन मामले के संबंध में 3.12.2024 को दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर, नागपुर में 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान, विभिन्न अपराध-संकेती दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, 60 करोड़ रुपये के शेयर, 16 लाख रुपये…
— ED (@dir_ed) December 5, 2024
बिहार में पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप : दरअसल, आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर बिहार में कई अहम पदों पर तैनाती के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. इसके साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप उन पर हैं. भ्रष्टाचार से हासिल किए गए धन को अपने सहयोगियों के जरिए अलग-अलग जगह निवेश के भी आरोप हैं. इसी के चलते ईडी ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसा है.