पटनाः बिहार में शराबबंदी पर केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी हमेशा बयान देते रहे हैं. इस बार उन्होंने कहा कि हम सभी सफेदपोश रात में शराब पीते हैं लेकिन हमें पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है. उन्होंने कहा कि हमलोग रात में शराब पीते हैं तो हमें नहीं पकड़ा जाता लेकिन गरीब को पकड़ लिया जाता है. कहा कि इस तरह से दोरंग नीति नहीं होनी चाहिए.
चिंतन करने की जरूरतः जीतन मांझी ने अपने बयान में कहा कि सीएम नीतीश कुमार को इस विषय पर चिंतन करने की जरूरत है. 'हम शराबबंदी के पक्ष में हैं' ऐसा जताते हुए कहा कि 'हम हमेशा कहते रहे हैं कि शराबबंदी कानून में कुछ भी गलत नहीं है. हम सभी ने मिलकर इसको लेकर कानून बनाया था. इसे बुरा क्यों कहेंगे? हालांकि उन्होंने इसके कामकाज पर अनियमित्ता करने का आरोप लगाया है. इस दौरान उन्होंने दर्द भी बयां किया है.
गरीब लोग जाते हैं जेलः जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में गरीब लोग अगर थोड़ी भी शराब पी लेते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है. उन्होंने कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि हजारों लाखों लीटर शराब की तस्करी करने वाले रुपए देकर छूट जाते हैं लेकिन गरीब लोग फंस जाते हैं. बता दें कि इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से मांग की थी कि शराबबंदी में जेल गए गरीब लोगों राहत दी जाए.
'हम सभी रात में शराब पीते हैं': बता दें कि जीतन राम मांझी ने मीडिया को दिए बयान में दावा किया कि शराबबंदी वाले राज्य में वे भी शराब पीते हैं. बता दें कि जिस वक्त मांझी विपक्ष में थे उस समय शराबबंदी को खत्म करने की बात कहते थे. अब महागठबंधन में शामिल हैं और केंद्र में मंत्री हैं इसके बाद भी कई बार उन्होंने शराबबंदी पर बयान दिया है. इसबार जीतन राम मांझी ने डायरेक्ट नीतीश कुमार से दर्द साझा किया है.
"शराबबंदी के बारे में हमेशा कहा है. हमसब मिलकर शराबबंदी का प्रस्ताव लिए थे तो हम उसे खराब कैसे कहें? लेकिन इसके क्रियानवयन में गड़बड़ी हो रही है. गरीब लोग अगर 250 एमएल भी शराब का सेवन कर लिया तो उसे ब्रेथ एनालाइजर लागकर जेल भेज दिया जाता है. दूसरी ओर जो हजारों लाखों लीटर शराब की तस्करी करते हैं वह छूट जाते हैं. दूसरी बात हम सभी सफेद पोश रात में शराब पीते हैं तो हमें नहीं पकड़ा जाता है." -जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री
सीएम से समीक्षा करने की मांगः जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी को लेकर तीन बार समीक्षा की गयी इसके लिए नीतीश कुमार का धन्यवाद है वहीं उन्होंने चौथी बार भी शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग की. कहा कि नीतीश कुमार यथार्थवादी हैं. साढ़े चार लाख गरीब इस मामले में जेल में बंद हैं. उन्होंने सीएम से मांग की है कि इस ओर सीएम को संज्ञान लेना चाहिए. गरीब लोग इस कानून से प्रताड़ित हो रहे हैं.
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