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अंतिम दर्शन के लिए रखा गया डॉक्टर जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर, बुधवार को बहाई धर्म के अनुसार होगा अंतिम संस्कार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2024, 7:28 PM IST

Updated : Jan 23, 2024, 10:46 PM IST

लखनऊ में मंगलवार को डॉक्टर जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. बुधवार को उनका अंतिम संस्कार बहाई धर्म के अनुसार होगा. उनको भैसा कुंड के पास स्थित बहाई शमशान घाट में दफन किया जाएगा.

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Etv Bharat cms डॉक्टर जगदीश गांधी Dr Jagdish Gandhi last rites सिटी मोंटेसरी स्कूल City Montessori School founder Lucknow City Montessori School जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार
डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को होगा

लखनऊः सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर मंगलवार को गोमती नगर विस्तार स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल के सेकंड कैंपस में रखा गय. शहर के सभी गण मान्य लोगों और स्कूल के प्रिंसिपल स्टाफ ने उनके शरीर के अंतिम दर्शन किया. डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को बहाई धर्म के रीति रिवाज के अनुसार (Dr. Jagdish Gandhi's last rites will be performed as per Bahai religion) किया जाएगा. इसमें केवल परिवार के ही लोगों को सम्मिलित होंगे.

सीएम योगी ने कहा अपूरणीय क्षति: डॉ. गांधी की मृत्यु पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं. मुख्यमंत्री ने पत्र जारी कर डॉक्टर जगदीश गांधी को शिक्षामित्र और प्रखर समाजसेवी बताया है. अपने पत्र में सीएम ने कहा है कि उन्होंने सीएमएस के रूप में जी शैक्षिक प्रकल्प की स्थापना की है. वह आज न केवल उत्तर प्रदेश का अपितु पूरे देश में शिक्षा जगत के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है. वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धांत को अंगीकार का डॉक्टर गांधी ने सिटी मोंटेसरी स्कूल के लाखों छात्राओं के आचरण में इस सिद्धांत को अंकित करने का कार्य किया है.

अंतिम दर्शन के लिए रखा गया डॉक्टर जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर, बुधवार को बहाई धर्म के अनुसार होगा अंतिम संस्कार
डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को बहाई धर्म के रीति रिवाज के अनुसार

अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किये गये थे: समाज हित के बहुआयामी योगदान के लिए आज डॉक्टर जगदीश गांधी जी को यूनेस्को प्राइस फॉर पीस एजुकेशन सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है डॉक्टर जगदीश गांधी जी का निधन शिक्षा जगत एवं परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. दो गांधी के अंतिम दर्शन करने में अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार महेंद्र सिंह सहित शहर के कई लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये.

दफन किया जाएगा डॉक्टर गांधी का पार्थिव शरीर: डॉ जगदीश गांधी ने 1960 के दशक में बहाई धर्म अपना लिया था. उनकी मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार भी इसी धर्म के मान्यता के अनुसार ही किया जाएगा. परिवार वालों क्या कहना है कि डॉक्टर गांधी का अंतिम संस्कार बहाई धर्म के अनुसार होगा इसमें केवल परिवार के लोग ही शामिल होंगे. उनका पार्थिव शरीर भैंसा कुंड श्मशान घाट के बगल में स्थित बहाई कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा. भाई अंतिम संस्कार सेवाओं के नियम के अनुसार मृत्यु के दो या तीन दिन के भीतर अंतिम क्रिया आयोजित की जाती है.

शिलालेख और अंगूठी के साथ दफनाए जाएंगे: इसमें मेहमान व्यक्तिगत पसंद और स्थानीय रीति रिवाज के अनुसार कपड़े पहन कर अंतिम क्रिया में शामिल होते हैं. परिवार के लोग मृत्य व्यक्ति के लिए प्रार्थना पढ़ने की व्यवस्था करता है. बहाई मान्यता के अनुसार पार्टी शरीर को कफ़न में लपेटकर एक शिलालेख और एक अंगूठी के साथ दफन किया जाता है जिस पर इनके धर्म से जुड़े बात लिखी होती है. इस धर्म की मान्यता के अनुसार मृत व्यक्ति की 100 यात्रा उसके मृत्यु के स्थान से 1 घंटे की ज्यादा दूरी पर नहीं होना चाहिए.

क्या है बहाई धर्म: बहाई धन की स्थापना इराक के बगदाद शहर में बगदाद शहर में स्थापित किया था. यह एक ईश्वरवाद और विश्व भर के विभिन्न धर्म और पैंटों की एकमात्र आधारशिला पर जोड़ देता है इस धर्म के अनुयायिभाव अल्लाह को पूर्व के अवतारों बुद्ध, कृष्णा, ईसा, मूसा, मोहम्मद आदि की वापसी मानते हैं. इस धर्म की किताब किताबें-ए- अकदस बहाई धर्म का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है. बहाई धर्म की मान्यताओं के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्म का एक ही मूल है इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुंचाने के लिए नए धर्म का प्रतिपादन किया है जो उसे समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था.

अवतार पुरुष थे जगदीश गांधी: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि वह मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर 1990 से जानते थे. तब सीएमएस के 5 स्कूल थे. वह तब भी बच्चों में चरित्र निर्माण और वैश्विक मानव बनाने की बात करते थे. बच्चों से सीधे संवाद करना, हमेशा सीखते रहना और शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पण भावना रखते थे. उन्होंने हमेशा बच्चों के सम्पूर्ण विकास और रोजगारपरक शिक्षा को केंद्रित रखा. वह एक अवतार पुरुष है और हमेशा ही शिक्षा पुरुष के रूप में जाने जाएंगे भगवान ने उन्हें चुना था. अब नई जगह फिर से जन्म लेकर नई पारी की शुरुआत करेंगे.

इलायची बांटकर छात्रसंघ चुनाव जीता: पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि उनका जगदीश गांधी के साथ लंबा साथ रहा है. जब भी वह आते थे तो गांधी हाथ में बुके लेकर उनका स्वागत करते थे. आज वहां बुके लेकर कोई नहीं खड़ा था. उन्होंने बताया कि गांधी जी के जीवन से प्रेरण मिलती है. वह सभी धर्मों को मानने वाले थे. बहुत सारे राष्ट्र मिलकर भी इतना बड़ा सम्मेलन नहीं करा पाते जो वह कराते थे. विश्वविद्यालय में इलायची बांट कर उन्होंने छात्रसंघ चुनाव जीत लिया था. उनके जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता. वह सिद्धांतवादी थे और वैल्यूज को लेकर उन्होंने कभी समझौता नहीं किया.

शिक्षा के क्षेत्र में तोड़े रिकॉर्ड: सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि जगदीश गांधी बहुत ही सरल व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. उन्होंने शिक्षा के साथ साथ आमजन की भी सेवा की. वह बहुत ही साधारण तरीके से लोगों के बीच रहना पसंद करते थे. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन किए. उन्होंने सभी को बढ़ने का मौका दिया. एक ही शहर में इतने इंस्टिट्यूशन बनाकर ऐसा रेकॉर्ड बनाया है जिसका आज लोग उदाहरण दे रहे हैं. हमारे बीच उनका न होना एक अपूर्णीय क्षति है.

उच्च कोटि के साथ रोजगारपरक शिक्षा दी: उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि जगदीश गांधी ने शिक्षा के क्षेत्र के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी बहुत योगदान दिया है. उनका न होना सामाजिक क्षेत्र के लिए भी अपूर्णीय क्षति है. छात्रसंघ के नाते उनसे एक अलग रिश्ता था. आजादी के बाद उन्होंने स्कूल का संचालन शुरू किया और अंतरराष्ट्रीय मानकों का विद्यालय बनाया. उच्च कोटि की शिक्षा के साथ साथ रोजगारपरक शिक्षा देने वाले मसीहा थे. उनके साथ एक पारिवारिक रिश्ता था. सरकार और वह सीएमएस परिवार की आगे भी हर संभव मदद करेंगे.

अंतिम दर्शन में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कमिश्नर रोशन जैबक, डीएम डॉ सूर्यपाल गंगवार, पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, भाजपा जिलाध्यक्ष आनंद द्विवेदी, चीफ स्टैंडिंग काउंसिल हाईकोर्ट प्रशांत सिंह अटल, न्यायमूर्ति विष्णु सहाय, न्यायमूर्ति राकेश कुमार, फादर लेनिन चाको, फादर डोनाल्ड डिसूजा, धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फारंगी महली, कल्बे सबरेन, मंडलायुक्त रोशन जैकब, डीएम सूर्य पाल गंगवार, विधायक योगेश शुक्ला, शिक्षक स्नातक एमएलसी अवनीश सक्सेना, विभिन्न स्कूलों के संस्थापक व प्रबंधक के साथ सैन्य व प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, समाजसेवी, शिक्षाविद शामिल रहे.

ये भी पढ़ें- राम मंदिर के गर्भ गृह में अब तक टेंट में रखे रामलला भी हैं विराजमान, एक साथ दोनों के हो रहे दर्शन

डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को होगा

लखनऊः सिटी मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर मंगलवार को गोमती नगर विस्तार स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल के सेकंड कैंपस में रखा गय. शहर के सभी गण मान्य लोगों और स्कूल के प्रिंसिपल स्टाफ ने उनके शरीर के अंतिम दर्शन किया. डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को बहाई धर्म के रीति रिवाज के अनुसार (Dr. Jagdish Gandhi's last rites will be performed as per Bahai religion) किया जाएगा. इसमें केवल परिवार के ही लोगों को सम्मिलित होंगे.

सीएम योगी ने कहा अपूरणीय क्षति: डॉ. गांधी की मृत्यु पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं. मुख्यमंत्री ने पत्र जारी कर डॉक्टर जगदीश गांधी को शिक्षामित्र और प्रखर समाजसेवी बताया है. अपने पत्र में सीएम ने कहा है कि उन्होंने सीएमएस के रूप में जी शैक्षिक प्रकल्प की स्थापना की है. वह आज न केवल उत्तर प्रदेश का अपितु पूरे देश में शिक्षा जगत के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है. वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धांत को अंगीकार का डॉक्टर गांधी ने सिटी मोंटेसरी स्कूल के लाखों छात्राओं के आचरण में इस सिद्धांत को अंकित करने का कार्य किया है.

अंतिम दर्शन के लिए रखा गया डॉक्टर जगदीश गांधी का पार्थिव शरीर, बुधवार को बहाई धर्म के अनुसार होगा अंतिम संस्कार
डॉक्टर जगदीश गांधी का अंतिम संस्कार बुधवार को बहाई धर्म के रीति रिवाज के अनुसार

अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किये गये थे: समाज हित के बहुआयामी योगदान के लिए आज डॉक्टर जगदीश गांधी जी को यूनेस्को प्राइस फॉर पीस एजुकेशन सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है डॉक्टर जगदीश गांधी जी का निधन शिक्षा जगत एवं परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. दो गांधी के अंतिम दर्शन करने में अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार महेंद्र सिंह सहित शहर के कई लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये.

दफन किया जाएगा डॉक्टर गांधी का पार्थिव शरीर: डॉ जगदीश गांधी ने 1960 के दशक में बहाई धर्म अपना लिया था. उनकी मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार भी इसी धर्म के मान्यता के अनुसार ही किया जाएगा. परिवार वालों क्या कहना है कि डॉक्टर गांधी का अंतिम संस्कार बहाई धर्म के अनुसार होगा इसमें केवल परिवार के लोग ही शामिल होंगे. उनका पार्थिव शरीर भैंसा कुंड श्मशान घाट के बगल में स्थित बहाई कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा. भाई अंतिम संस्कार सेवाओं के नियम के अनुसार मृत्यु के दो या तीन दिन के भीतर अंतिम क्रिया आयोजित की जाती है.

शिलालेख और अंगूठी के साथ दफनाए जाएंगे: इसमें मेहमान व्यक्तिगत पसंद और स्थानीय रीति रिवाज के अनुसार कपड़े पहन कर अंतिम क्रिया में शामिल होते हैं. परिवार के लोग मृत्य व्यक्ति के लिए प्रार्थना पढ़ने की व्यवस्था करता है. बहाई मान्यता के अनुसार पार्टी शरीर को कफ़न में लपेटकर एक शिलालेख और एक अंगूठी के साथ दफन किया जाता है जिस पर इनके धर्म से जुड़े बात लिखी होती है. इस धर्म की मान्यता के अनुसार मृत व्यक्ति की 100 यात्रा उसके मृत्यु के स्थान से 1 घंटे की ज्यादा दूरी पर नहीं होना चाहिए.

क्या है बहाई धर्म: बहाई धन की स्थापना इराक के बगदाद शहर में बगदाद शहर में स्थापित किया था. यह एक ईश्वरवाद और विश्व भर के विभिन्न धर्म और पैंटों की एकमात्र आधारशिला पर जोड़ देता है इस धर्म के अनुयायिभाव अल्लाह को पूर्व के अवतारों बुद्ध, कृष्णा, ईसा, मूसा, मोहम्मद आदि की वापसी मानते हैं. इस धर्म की किताब किताबें-ए- अकदस बहाई धर्म का मुख्य धार्मिक ग्रंथ है. बहाई धर्म की मान्यताओं के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्म का एक ही मूल है इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुंचाने के लिए नए धर्म का प्रतिपादन किया है जो उसे समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था.

अवतार पुरुष थे जगदीश गांधी: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि वह मुख्य विकास अधिकारी के तौर पर 1990 से जानते थे. तब सीएमएस के 5 स्कूल थे. वह तब भी बच्चों में चरित्र निर्माण और वैश्विक मानव बनाने की बात करते थे. बच्चों से सीधे संवाद करना, हमेशा सीखते रहना और शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पण भावना रखते थे. उन्होंने हमेशा बच्चों के सम्पूर्ण विकास और रोजगारपरक शिक्षा को केंद्रित रखा. वह एक अवतार पुरुष है और हमेशा ही शिक्षा पुरुष के रूप में जाने जाएंगे भगवान ने उन्हें चुना था. अब नई जगह फिर से जन्म लेकर नई पारी की शुरुआत करेंगे.

इलायची बांटकर छात्रसंघ चुनाव जीता: पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि उनका जगदीश गांधी के साथ लंबा साथ रहा है. जब भी वह आते थे तो गांधी हाथ में बुके लेकर उनका स्वागत करते थे. आज वहां बुके लेकर कोई नहीं खड़ा था. उन्होंने बताया कि गांधी जी के जीवन से प्रेरण मिलती है. वह सभी धर्मों को मानने वाले थे. बहुत सारे राष्ट्र मिलकर भी इतना बड़ा सम्मेलन नहीं करा पाते जो वह कराते थे. विश्वविद्यालय में इलायची बांट कर उन्होंने छात्रसंघ चुनाव जीत लिया था. उनके जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता. वह सिद्धांतवादी थे और वैल्यूज को लेकर उन्होंने कभी समझौता नहीं किया.

शिक्षा के क्षेत्र में तोड़े रिकॉर्ड: सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि जगदीश गांधी बहुत ही सरल व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे. उन्होंने शिक्षा के साथ साथ आमजन की भी सेवा की. वह बहुत ही साधारण तरीके से लोगों के बीच रहना पसंद करते थे. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन किए. उन्होंने सभी को बढ़ने का मौका दिया. एक ही शहर में इतने इंस्टिट्यूशन बनाकर ऐसा रेकॉर्ड बनाया है जिसका आज लोग उदाहरण दे रहे हैं. हमारे बीच उनका न होना एक अपूर्णीय क्षति है.

उच्च कोटि के साथ रोजगारपरक शिक्षा दी: उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि जगदीश गांधी ने शिक्षा के क्षेत्र के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी बहुत योगदान दिया है. उनका न होना सामाजिक क्षेत्र के लिए भी अपूर्णीय क्षति है. छात्रसंघ के नाते उनसे एक अलग रिश्ता था. आजादी के बाद उन्होंने स्कूल का संचालन शुरू किया और अंतरराष्ट्रीय मानकों का विद्यालय बनाया. उच्च कोटि की शिक्षा के साथ साथ रोजगारपरक शिक्षा देने वाले मसीहा थे. उनके साथ एक पारिवारिक रिश्ता था. सरकार और वह सीएमएस परिवार की आगे भी हर संभव मदद करेंगे.

अंतिम दर्शन में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कमिश्नर रोशन जैबक, डीएम डॉ सूर्यपाल गंगवार, पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया, भाजपा जिलाध्यक्ष आनंद द्विवेदी, चीफ स्टैंडिंग काउंसिल हाईकोर्ट प्रशांत सिंह अटल, न्यायमूर्ति विष्णु सहाय, न्यायमूर्ति राकेश कुमार, फादर लेनिन चाको, फादर डोनाल्ड डिसूजा, धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फारंगी महली, कल्बे सबरेन, मंडलायुक्त रोशन जैकब, डीएम सूर्य पाल गंगवार, विधायक योगेश शुक्ला, शिक्षक स्नातक एमएलसी अवनीश सक्सेना, विभिन्न स्कूलों के संस्थापक व प्रबंधक के साथ सैन्य व प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, समाजसेवी, शिक्षाविद शामिल रहे.

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Last Updated : Jan 23, 2024, 10:46 PM IST
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