लखनऊः अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर को लेकर चले लंबे संघर्ष से लेकर इसके भवन निर्माण के अंतिम चरण को प्रमाणित दस्तावेज के रूप में संरक्षित करने के साथ ही देश दुनिया में इसको पहुंचने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व पर्यटन विभाग मिलकर एक डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करवा रहा है. इस डॉक्यूमेंट्री को तैयार करने के लिए काम शुरू हो गया है. निर्माण का जिम्मा महाराष्ट्र की एक कंपनी को दिया गया है. इसमें मंदिर से जुड़े सभी पहलुओं को समेट कर उसे ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी है. इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने के लिए मंदिर आंदोलन से जुड़े संत, महंतों के अलावा आंदोलन के समय के चश्मदीद, कार सेवकों व उनके परिवारों और कानूनी लड़ाई लड़ने वाले लोगों के इंटरव्यू तथा तथ्यों को शामिल किया गया है.
50 से अधिक मठ और संत-महात्माओं के इंटरव्यू
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में राम मंदिर निर्माण से लेकर रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन के समय किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी शूट किया जा रहा है. इस डॉक्यूमेंट्री को तैयार करने के लिए देशभर का भ्रमण कर उन लोगों से संपर्क किया गया है. जो किसी भी तरह से इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से जुड़े रहे हैं. अब तक अयोध्या काशी तथा अन्य स्थलों के करीब 50 से ज्यादा मठ मंदिरों के महंतों संतों के इंटरव्यू शूट किए गए हैं, जिन्होंने मंदिर के संघर्ष को लेकर कोर्ट में कानूनी लड़ाई में हिस्सा लिया है. इसके अलावा मंदिर से जुड़े दुर्लभ तत्व तथा पुरातत्व अवशेषों के संग्रह का भी शूटिंग किया गया है.
दिसंबर के बाद शुरू होगा पोस्ट प्रोडक्शन
पर्यटन विभाग का कहना है कि परिसर में बनने वाले सभी 14 मंदिरों का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में पूरे मंदिर के भवन और इसमें आयोजित कार्यक्रमों की शूटिंग पूरी करने के बाद अयोध्या में अब राम मंदिर की डॉक्यूमेंट्री का पोस्ट प्रोडक्शन का काम शुरू हो जाएगा. मंदिर से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को अलग-अलग क्षेत्र में बताकर कई भागों में इसे तैयार किया जाएगा. इसमें मंदिर के प्रसंग से जुड़े भावनात्मक चीजों को संगीत का समावेश कर रोचक व आकर्षक बनाया जाएगा. इसके अलावा इस डॉक्यूमेंट्री में अयोध्या के प्रमुख पर्व और उत्सव को भी शामिल किया जाएगा. इस फिल्म को बनाने के लिए करीब 35 से ज्यादा तकनीकी कर्मचारियों की टीम नियमित रूप से कम कर रही है.