हरिद्वार: कहते हैं कि अगर मन में सच्ची आस्था और हौसला हो तो हर चुनौती को आसान बनाया जा सकता है. ऐसी ही आस्था और मजबूत इरादों के साथ एक पैर से दिव्यांग मोहित गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. मोहित की आस्था और इरादा देखकर लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. मोहित एक पैर न होने के बावजूद हरिद्वार से गंगा जल भर कर और कांवड़ को कंधे पर लेकर सोनीपत के लिए निकले हैं. मोहित के साथ दो अन्य साथी भी उनके हर कदम पर साथ दे रहे हैं.
बता दें कि आगामी 22 जुलाई से भगवान शिव की आस्था और भक्ति से जुड़ा पवित्र सावन का महीना शुरू हो रहा है. सावन का महीना भगवान शिव का अति प्रिय महीना माना जाता है. पूरे महीने भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक किया जाता है. ऐसे में अभी से ही भोले की भक्ति के रंग दिखने लगे हैं. ऐसा ही एक हौसले और आस्था से भरा रंग हरिद्वार में देखने को मिला. जहां एक दिव्यांग शिव भक्त एक पैर पर चलकर गंगाजल लेने पहुंचा.
शिवभक्त मोहित और उसके दोस्त कांवड़ लेकर गुरुकुल नारसन कस्बे से गुजरे तो उनकी आस्था को देख लोग भी हैरत में पड़ गए. हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले मोहित ने बताया कि जब वो 11 साल के थे, उन्हें बोन कैंसर हो गया था. इसकी वजह से उनका एक पैर काटना पड़ा था. मोहित को बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग करने का शौक था. ऐसे में पैर कटने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और बॉडी बिल्डिंग करने का फैसला लिया.
बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में जीत चुके की मेडल: शिवभक्त मोहित ने बताया कि बॉडी बनाकर उन्होंने कई बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और कई पुरस्कार भी जीते. इसके अलावा वो 10 बार मिस्टर इंडिया रह चुके हैं. मोहित का मन था कि वो हरिद्वार से कांवड़ लेकर आएं. इसके लिए परिवार ने भी उनका साहस बढ़ाया. ऐसे में वो अपने दो दोस्तों को लेकर कांवड़ लेकर हरिद्वार के लिए निकल पड़े. अब वो हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल भरकर अपने शिवालय की तरफ निकल गए हैं.
बोन कैंसर की वजह से गंवाना एक पड़ा पैर: हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले दिव्यांग बॉडी बिल्डर मोहित (उम्र 24 वर्ष) की कहानी संघर्षों भरी है. मोहित को दो बार कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हुई. ऐसे में बीमारी को हराकर मोहित बॉडी बिल्डर बन गए हैं. अभी मोहित एक पैर से दिव्यांग है, लेकिन उनके उत्साह और ऊर्जा में कोई कमी नहीं है. मोहित ने बोन कैंसर से एक पैर गंवाया, लेकिन पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब वो राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीत चुके हैं.
मोहित को साल 2010 में बोन कैंसर हो गया था. इसके बाद दिल्ली में उसके पैर में रॉड डाली गई. उस समय तो वो ठीक हो गए, लेकिन 5 साल बाद फिर उसी पैर में कैंसर हो गया. जिसके चलते पैर की हड्डी पूरी तरह से गल गई. इसके बाद डॉक्टरों ने जांग से उनका पैर काट दिया. इसके बाद मोहित का कैंसर तो ठीक हो गया, लेकिन एक पैर से जिंदगी जीना आसान नहीं था. ऐसे में मोहित ने यूट्यूब पर बॉडी बिल्डिंग से जुड़े वीडियो देखने शुरू कर दिए और बॉडी बिल्डर बनने की ठानी.
साल 2016 में मोहित ने जिम जाना शुरू किया. शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. कई बार जिम की वजह से पैर में जख्म हो जाते थे, लेकिन वो नहीं रुके. अब वो रोजाना सुबह-शाम 6 घंटे जिम करते हैं. उन्हें स्टार कैटेगरी में मिस्टर इंडिया का खिताब भी मिल चुका है. वो मिस्टर वर्ल्ड, मिस्टर यूपी, मिस्टर हरियाणा और दिल्ली भी रह चुके हैं.
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