इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. धार भोजशाला मामले में ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) ने इंदौर हाईकोर्ट में भोजशाला सर्वे की दो हजार पेज की रिपोर्ट पेश कर दी है. इस मामले में अब 22 जुलाई को सुनवाई होगी. बताया जा रहा है कि ASI को खुदाई में मूर्तियां मिली हैं. इधर हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग की है. भोजशाला में मंदिर है या मस्जिद? हर किसी की नजर इस सवाल के जवाब पर टिकी हुई है. BHOJSHALA ASI SURVEY
सर्वे को लेकर हाईकोर्ट में लगी थी याचिका
बता दें कि, पिछले दिनों धार की भोजशाला को लेकर एक याचिका इंदौर हाईकोर्ट में लगी थी. इस याचिका पर कोर्ट ने एएसआई को जांच कर रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश दिए थे. लेकिन पिछले दिनों इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो एएसआई ने रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने ASI को रिपोर्ट जल्द कोर्ट के समक्ष पेश करने के फरमान दिए. इसके बाद सोमवार को कोर्ट के समक्ष ASI की टीम ने विभिन्न तरह की रिपोर्ट रखी है. जिस पर अब कोर्ट 22 जुलाई को सुनवाई करेगा.
#WATCH | Archeological Survey of India to present a report on Bhojshala Complex in Dhar | Advocate Hari Shankar Jain says, " today is a very happy occasion...it has been clear by the (asi) report today that there used to be a hindu temple...only hindu puja should take place… pic.twitter.com/Ewca3Kjs7Z
— ANI (@ANI) July 15, 2024
खुलाई में मिलीं मूर्तियां, खंभे
कोर्ट में ASI की टीम ने जो सर्वे रिपोर्ट पेश की है, उसमें विभिन्न तरह के अवशेष मिले हैं, उसके बारे में भी जानकारी दी है. साथ ही कई खंडित प्रतिमाएं भी जिसमें चारभुजा भगवान, गणेश जी की प्रतिमा के साथ ही कई प्रतिमा मिली हैं. इसकी जानकारी भी ASI की टीम ने कोर्ट के समक्ष रखी है. धार की भोजशाला में जो खंबे मौजूद हैं, वह कितने साल पुराने हैं और किन पत्थरों का उपयोग कर धार की भोजशाला का निर्माण करवाया गया है. इसका भी जिक्र उस रिपोर्ट में किया गया है. फिलहाल इस पर अब 22 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई होगी. जिस पर मुस्लिम पक्ष और हिन्दू पक्ष अपने अपने तर्क रखेगा.
2003 में मिली थी भोजशाला में नमाज पढ़ने की इजाजत
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 13वीं शताब्दी की ऐतिहासिक भोजशाला परिसर में ASI की टीम पिछले 98वें दिन से सर्वे कर रही थी. दरअसल मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां शुरु से ही कमाल मौला मस्जिद ही थी. इसे किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया. वहीं हिंदू पक्ष का कहना है कि यहां मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. 2003 से भोजशाला में हर शुक्रवार को दोपहर 1 से 3 बजे तक मुस्लिम समाज की नमाज होती है. जबकि हर मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिन्दू समाज के लोग पूजा-पाठ करते हैं.
भोजशाला पर यह हैं दोनों पक्षों के दावे
दरअसल दो दशक पुराने इस विवाद को लेकर अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक पक्ष आमने-सामने हैं. दोनों पक्ष भोजशाला परिसर पर अपना हक जताते रहे हैं. हालांकि अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के बाद क्या स्थिति बनती है यह फैसले के बाद ही स्पष्ट होगा. फिलहाल इस मामले में हिंदू पक्ष की अपील पर इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को भोजशाला के सर्वे के आदेश दिए थे.इसके बाद ASI की टीम ने 12 मार्च से गौशाला में सर्वे कार्य शुरू किया था. इसमें पांच सर्वे अधिकारियों के साथ 15 अधिकारियों समेत दो दर्जन से ज्यादा लोगों की टीम ने लगातार सर्वे अभियान चलाया था. इसके अलावा मौके पर जिले के 175 पुलिस अधिकारियों पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया था.
हिंदू पक्ष ने लंदन से सरस्वती प्रतिमा लाने की मांग की
भोजशाला को लेकर हिंदू जागरण मंच का दावा है कि, सन 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने गौशाला पर आक्रमण करके मां सरस्वती देवी की प्रतिमा खंडित कर दी थी. इसके बाद 1902 में मेजर किन कैड इस मूर्ति को लेकर लंदन चले गये थे, जो वहीं मौजूद है. फिलहाल दो दशकों से धार का हिंदू समाज इस प्रतिमा को लंदन से भारत लाकर पुनः भोज शाला में स्थापित करने की मांग करता रहा है.
मुस्लिम पक्ष सर्वे रुकवाने पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट
इधर मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के आदेश पर हुए इस सर्वे पर रोक लगाने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की थी. मुस्लिम पक्ष का दावा था कि 1902 और 1903 में जब पहले ही सर्वे हो चुका है तो नए सर्वे का कोई औचित्य नहीं है. लिहाजा 1902-1903 के सर्वे को ही यथावत रखा जाए. हालांकि इस दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से मौलाना कमाल वेलफेयर सोसाइटी और धार मुस्लिम समाज के सदर अब्दुल समद खान का कहना था कि, ''इसी मामले से जुड़ी 2019 की एक पिटीशन अभी भी जबलपुर हाई कोर्ट में पेंडिंग है. लेकिन इसके बावजूद इंदौर हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष के एक अंतिम आवेदन पर सुनवाई स्वीकृत कर सर्वे के आदेश दिए थे.''