पलामू : श्रीबंशीधर नगर मंदिर में स्थापित भगवान राधा कृष्ण के लिए नई ड्रेस तैयार की जा रही है. इस ड्रेस को अयोध्या में स्थापित भगवान रामलला की पोशाक डिजाइन करने वाले एक्सपर्ट डिजाइन करेंगे. मशहूर ड्रेस डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने अयोध्या में स्थापित भगवान श्रीराम की पोशाक डिजाइन की थी. वे अब झारखंड के गढ़वा के श्रीबंशीधर नगर में स्थापित भगवान राधा कृष्ण की पोशाक डिजाइन करेंगे.
मनीष त्रिपाठी और उनकी टीम जून माह में श्रीबंशीधर नगर पहुंचने वाली है, ताकि ड्रेस डिजाइन किया जा सके. 2024 में जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीबंशीधर नगर में स्थापित भगवान श्रीराधा कृष्ण नये पोशाक में नजर आयेंगे. श्रीबंशीधर मंदिर न्यास समिति ने मनीष त्रिपाठी से संपर्क किया था, जिसके बाद उन्होंने पोशाक डिजाइन करने के लिए अपनी सहमति दे दी है.
श्रीबंशीधर मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने बताया कि लंबे समय के बाद पोशाक में बदलाव पर विचार किया गया, जिसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने पूरे मामले में डिजाइनर मनीष त्रिपाठी से संपर्क किया. मनीष त्रिपाठी ने ट्रस्ट के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर राधा-बंशीधर की युगल सरकार नए परिधान में नजर आएंगी.
भव्य दिखेगा भगवान का त्रिभंगी स्वरूप
श्रीबंशीधर नगर में स्थापित भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति शुद्ध 32 मन (1280 किलोग्राम) सोने की है. मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति की कीमत लगभग 2500 करोड़ रुपये है. भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप को और भव्य बनाने के लिए पोशाक डिजाइन की जा रही है. नई पोशाक में भगवान श्रीकृष्ण का त्रिभंगी और बांके स्वरूप भव्य दिखेगा. श्रीबंशीधर में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की जटा कमल पर विराजमान हैं. नए कपड़ों में दोनों की भव्यता देखते ही बनेगी.
200 साल पहले स्थापित की गई थी प्रतिमा
200 साल पहले श्रीबंशीधर में पहले भगवान की मूर्ति स्थापित की गयी थी. बाद में मंदिर का निर्माण कराया गया. नगर उंटारी (श्रीबंशीधर नगर) की राजमाता शिवमणि कुंअर भगवान की बहुत बड़ी भक्त थीं.
![Shri Banshidhar Nagar Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/22-05-2024/jh-pal-01a-shrikrishn-pkg-7203481_22052024121819_2205f_1716360499_649.jpg)
बताया जाता है कि 14 अगस्त 1827 को राजमाता ने जन्माष्टमी मनाई. उसी दिन राजमाता को सपने में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन हुए. जिसके बाद मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के महुरिया स्थित शिवपहाड़ी में पूजा करने पर भगवान कृष्ण की मूर्ति मिली. प्रतिमा हाथी पर लायी जा रही थी. लेकिन हाथी महल के बाहर बैठ गया. जिसके बाद प्रतिमा को महल के बाहर स्थापित कर दिया गया. प्रतिमा की प्रतिष्ठा 21 जनवरी 1828 को की गई थी.
श्रीकृष्ण कॉरिडोर का हिस्सा है श्रीबंशीधर नगर
श्रीबंशीधर नगर मंदिर श्रीकृष्ण कॉरिडोर से जुड़ा है. इसे वृंदावन, मथुरा और खाटू श्याम कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है. श्रीबंशीधर नगर मंदिर में हर साल हजारों लोग आते हैं. पलामू सांसद विष्णुदयाल राम ने संसद में श्रीबंशीधर नगर को पर्यटन सर्किट से जोड़ने का अनुरोध किया था. हर साल श्रीबंशीधर नगर महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है.
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