नई दिल्ली: लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचे सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वो सोमवार रात ही लद्दाख से पैदल चलकर दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे, जहां से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद आज मंगलवार को जब दिल्ली की सीएम आतिशी सोनम वांगचुक से मिलने बवाना पुलिस स्टेशन पहुंची, तो उन्हें उनसे मिलने नहीं दिया गया.
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री आतिशी बवाना थाने के अंदर गई, वो सोनम वांगचुक से बातचीत करना चाहती थी. लेकिन पुलिस ने उन्हें न तो उनसे बातचीत करने दी और न ही मिलने दिया. इसके बाद आतिशी थाने से बाहर निकली और उन्होंने इसे सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या करार दिया.
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि सोनम वांगचुक और 150 लद्दाखी भाई-बहन शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली आ रहे थे. उनको पुलिस ने रोक लिया. कल रात से बवाना थाने में सभी क़ैद हैं. क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक अधिकार मांगना गलत है? क्या 2 अक्तूबर को सत्याग्रहियों का गांधी समाधि जाना गलत है?
#WATCH | Delhi CM Atishi reached Bawana police station to meet activist Sonam Wangchuk
— ANI (@ANI) October 1, 2024
She says, " people of ladakh want statehood. sonam wangchuk and the people of ladakh, who were going to visit bapu's samadhi, were arrested. they did not let me meet sonam wangchuk. this is the… pic.twitter.com/j5rmK3KCBa
सीएम आतिशी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सोनम वांगचुक को रोकना तानाशाही है. लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं. सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग जो बापू की समाधि पर जा रहे थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने मुझे सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया. यह भाजपा की तानाशाही है. हम सोनम वांगचुक का समर्थन करते हैं. लद्दाख में एलजी का शासन खत्म होना चाहिए, उसी तरह दिल्ली में भी एलजी का शासन खत्म होना चाहिए.
बता दें, यह पूरा मामला हाई कोर्ट में पहुंच चुका है. दिल्ली हाईकोर्ट 3 अक्टूबर को अब इस मामले की सुनवाई कर सकता है. फिलहाल अब यह पूरा मामला राजनीति का रंग ले चुका है. विपक्ष द्वारा लगातार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है.
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