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दिल्ली कोचिंग हादसाः LG ने बनाई कमेटी, कोचिंग सेंटरों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयार होगी योजना - LG formed committee

Delhi Coaching Center Accident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुए हादसे के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक समिति बनाई है. इस समिति का नेतृत्व दिल्ली के मुख्य सचिव करेंगे.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना
उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 7:33 PM IST

Updated : Jul 31, 2024, 7:58 PM IST

नई दिल्ली: ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. इसमें कोचिंग संस्थानों के 5-6 प्रतिनिधि, छात्रों के प्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. कमेटी विनियमन, मकान मालिकों की ओर से वसूले जा रहे अधिक किराया, अग्नि मंजूरी, नालियों की सफाई और छात्रों की अन्य तत्काल जरूरतों से संबंधित सभी मुद्दों का व्यापक रूप से हल खोजेगी. ताकि राजधानी में सभी मापदंडों को पूरा करने वाला अनुकूल शैक्षिक वातावरण बनाया जा सके. साथ ही समिति कोचिंग संस्थानों को विभिन्न स्थानों से धीरे-धीरे एक सुव्यवस्थित क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्य योजना तैयार करेगी.

बीते कल यानी 30 जुलाई को LG ने 21 से अधिक निजी कोचिंग संस्थानों के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ एक बैठक की थी. इसमें उनके महासंघ, जीएनसीटीडी के वरिष्ठ अधिकारी, डीडीए के वीसी और छात्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इस दौरान कमेटी बनाने पर सहमति बनी थी. इसके आलावा, एलजी के अनुरोध पर कोचिंग संस्थानों के महासंघों ने तीनों मृतक छात्रों के परिवारों को उचित मुआवजा देने पर सहमति जताई. इसके साथ ही उन्होंने पढ़ाई में व्यवधान झेलने वाले नामांकित छात्रों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र में फीस में छूट देने की भी पेशकश की. एलजी एक पखवाड़े के भीतर इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे.

स्कूलों को दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेशः वहीं, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों या प्रमुखों को सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किया हैं. इसमें कहा गया है कि स्कूल भवनों में यदि कोई बेसमेंट है, तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के अनुसार अनुमत गतिविधियों के लिए किया जाएगा. बेसमेंट तक पहुंच को उचित रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और स्कूल निकासी योजना में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए. उपकरणों सहित बिजली की तारों और फिटिंग की जांच की जानी चाहिए और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली: ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. इसमें कोचिंग संस्थानों के 5-6 प्रतिनिधि, छात्रों के प्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. कमेटी विनियमन, मकान मालिकों की ओर से वसूले जा रहे अधिक किराया, अग्नि मंजूरी, नालियों की सफाई और छात्रों की अन्य तत्काल जरूरतों से संबंधित सभी मुद्दों का व्यापक रूप से हल खोजेगी. ताकि राजधानी में सभी मापदंडों को पूरा करने वाला अनुकूल शैक्षिक वातावरण बनाया जा सके. साथ ही समिति कोचिंग संस्थानों को विभिन्न स्थानों से धीरे-धीरे एक सुव्यवस्थित क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्य योजना तैयार करेगी.

बीते कल यानी 30 जुलाई को LG ने 21 से अधिक निजी कोचिंग संस्थानों के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ एक बैठक की थी. इसमें उनके महासंघ, जीएनसीटीडी के वरिष्ठ अधिकारी, डीडीए के वीसी और छात्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इस दौरान कमेटी बनाने पर सहमति बनी थी. इसके आलावा, एलजी के अनुरोध पर कोचिंग संस्थानों के महासंघों ने तीनों मृतक छात्रों के परिवारों को उचित मुआवजा देने पर सहमति जताई. इसके साथ ही उन्होंने पढ़ाई में व्यवधान झेलने वाले नामांकित छात्रों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र में फीस में छूट देने की भी पेशकश की. एलजी एक पखवाड़े के भीतर इस मुद्दे की समीक्षा करेंगे.

स्कूलों को दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेशः वहीं, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों या प्रमुखों को सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किया हैं. इसमें कहा गया है कि स्कूल भवनों में यदि कोई बेसमेंट है, तो उसका उपयोग केवल मास्टर प्लान के प्रावधानों और स्वीकृत योजना के अनुसार अनुमत गतिविधियों के लिए किया जाएगा. बेसमेंट तक पहुंच को उचित रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और स्कूल निकासी योजना में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए. उपकरणों सहित बिजली की तारों और फिटिंग की जांच की जानी चाहिए और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए.

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Last Updated : Jul 31, 2024, 7:58 PM IST
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