ETV Bharat / bharat

पीएम मोदी को वाराणसी से चुनाव लड़ने पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज, दिल्ली हाईकोर्ट ने कही ये बड़ी बात - delhi high court on pm modi

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 3, 2024, 2:03 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कुछ मानसिक समस्याओं से पीड़ित लगता है. उन्हें चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत है.

delhi news
पीएम नरेंद्र मोदी (File Photo)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने चुनावी हलफनामे में कथित रूप से झूठा हलफनामा दाखिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से अयोग्य करने की मांग खारिज कर दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेतुके हैं और वो या तो मतिभ्रम के शिकार हैं या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित हैं. उन्हें चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत है.

हाईकोर्ट ने अधिकारियों को याचिकाकर्ता पर नजर रखने का भी निर्देश दिया. याचिका कैप्टन दीपक कुमार ने दायर किया था. याचिकाकर्ता ने इसके पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर किया था. सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिका बिना किसी आधार के दायर की गई है और इसका उद्देश्य केवल सनसनी पैदा करना है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में एयर इंडिया के फ्लाईट को क्रैश कराने की साजिश रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया था. याचिकाकर्ता उस फ्लाइट का पायलट था.

याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच को बाधित करने की कोशिश की थी. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति का है. इसलिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उसका आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार करने की कोशिश की. याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद को कानूनी जांच से बचने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें: दक्षिणी और सेंट्रल रिज इलाके में पेड़ों की कटाई का खुद मुआयना करेंगे हाईकोर्ट के जज

याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री की इस कोशिश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे सहयोगियों ने मदद की थी. याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री चुनाव में एक उम्मीदवार हैं और उन्हें इस मामले की जानकारी अपने चुनावी हलफनामे में देनी चाहिए थी. ये जानकारी छिपाकर प्रधानमंत्री ने नियमों का उल्लंघन किया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में प्रधानमंत्री पर साक्ष्यों को मिटाने और एयर इंडिया को बेचने में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. एयर इंडिया ने बाद में याचिकाकर्ता के सर्विस रिकॉर्ड में हेराफेरी कर उसका पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया था.

ये भी पढ़ें: हिंदुओं को लेकर राहुल गांधी के बयान पर बांसुरी स्वराज ने कहा- माफी मांगें; केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी आज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने चुनावी हलफनामे में कथित रूप से झूठा हलफनामा दाखिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से अयोग्य करने की मांग खारिज कर दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेतुके हैं और वो या तो मतिभ्रम के शिकार हैं या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित हैं. उन्हें चिकित्सा सहायता लेने की जरूरत है.

हाईकोर्ट ने अधिकारियों को याचिकाकर्ता पर नजर रखने का भी निर्देश दिया. याचिका कैप्टन दीपक कुमार ने दायर किया था. याचिकाकर्ता ने इसके पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर किया था. सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिका बिना किसी आधार के दायर की गई है और इसका उद्देश्य केवल सनसनी पैदा करना है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में एयर इंडिया के फ्लाईट को क्रैश कराने की साजिश रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया था. याचिकाकर्ता उस फ्लाइट का पायलट था.

याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच को बाधित करने की कोशिश की थी. याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति का है. इसलिए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने उसका आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार करने की कोशिश की. याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खुद को कानूनी जांच से बचने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें: दक्षिणी और सेंट्रल रिज इलाके में पेड़ों की कटाई का खुद मुआयना करेंगे हाईकोर्ट के जज

याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री की इस कोशिश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे सहयोगियों ने मदद की थी. याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री चुनाव में एक उम्मीदवार हैं और उन्हें इस मामले की जानकारी अपने चुनावी हलफनामे में देनी चाहिए थी. ये जानकारी छिपाकर प्रधानमंत्री ने नियमों का उल्लंघन किया है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में प्रधानमंत्री पर साक्ष्यों को मिटाने और एयर इंडिया को बेचने में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. एयर इंडिया ने बाद में याचिकाकर्ता के सर्विस रिकॉर्ड में हेराफेरी कर उसका पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया था.

ये भी पढ़ें: हिंदुओं को लेकर राहुल गांधी के बयान पर बांसुरी स्वराज ने कहा- माफी मांगें; केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी आज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.