नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. बुधवार को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने 31 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिंह 4 अक्टूबर से तिहाड़ जेल में बंद हैं.
सुनवाई के दौरान ED ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उनके पास जांच से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज हैं, जो सार्वजनिक नहीं हैं. 4 अक्टूबर 2023 को छापे के दौरान उनके आवास से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले, जो ईडी के दफ्तर से फोटो खींचे गए थे. ये फोटो गैरकानूनी तरीके से खींचे गए थे. ईडी ने कहा था कि संजय सिंह इस मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं.
हाईकोर्ट ने 8 जनवरी को ED को नोटिस जारी किया था. सिंह ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं.
कोर्ट ने कहा था कि जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं वो कोर्ट को मानने के लिए पर्याप्त है कि सिंह मनी लॉड्रिंग के दोषी हैं. अगर एफआईआर में नाम नहीं है. कोई आरोपी एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती. कोर्ट ने कहा था कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिये सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए.
अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी. अरोड़ा ने पैसे देने की विस्तृत जानकारी दी थी. इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी उसके बयान की पुष्टि की थी. बता दें, ED ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
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