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केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए परिवार के साथ भारत सरकार भी जुटी - NIMISHA PRIYA BLOOD MONEY

'ब्लड मनी' देकर रिहा हो सकती है निमिषा, यमन की केंद्रीय जेल में बंद हैं निमिषा

निमिषा प्रिया के रिहाई के विकल्प हैं मौजूद
निमिषा प्रिया के रिहाई के विकल्प हैं मौजूद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 31, 2024, 9:58 PM IST

Updated : Jan 1, 2025, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की अभी भी रिहाई की उम्मीद बरकरार है. दिल्ली हाईकोर्ट में निमिषा प्रिया की मां के वकील रह चुके सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन के राष्ट्रपति के फैसले के बावजूद 'ब्लड मनी' देकर निमिषा की जान बचाने का विकल्प मौजूद है. यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने जेल में बंद निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दी थी. निमिषा को यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी.

निमिषा की मां के वकील सुभाष चंद्रन से ईटीवी भारत संवाददाता ने फोन पर बात की. वकील के मुताबिक, यमन में शरिया का कानून चलता है. इस कानून में ब्लड मनी का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि यमन की सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2023 को निमिषा प्रिया को फांसी से बचने का अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि वो मृतक के परिजनों को ब्लड मनी देकर समझौता करें. ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से मौत की सजा पर मुहर लगाने के बाद भी अगर मृतक के परिवार ब्लड मनी पर राजी हो जाते हैं तो निमिषा की रिहाई संभव है.

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद निमिषा की मां प्रेमा कुमारी 20 अप्रैल को केरल से यमन लिए रवाना हुई थीं. 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने निमिषा की मां को एक भारतीय नागरिक के साथ यमन जाने की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रेमा कुमारी अपने स्वयं की जिम्मेदारी पर जाएगी, इसके लिए केंद्र और संबंधित राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं होगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो प्रेमा कुमारी को यमन जाने के लिए एडवाइजरी में छूट दें.

यह है पूरा मामला: निमिषा पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है. निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई. निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है. उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली थी.

यमनी कानून के मुताबिक, यमन में केवल यमनी नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया. आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीला इंजेक्शन दिया, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी.

"सरकार कर रही हरसंभव मदद"
भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब सामने आया है और उसने निमिषा प्रिया के परिवार को मामले से संबंधित हर संभव मदद करने का वादा किया है. निमिषा प्रिया के मामले के संबंध में मीडिया के प्रश्नों के उत्तर में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है. सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.’ केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा को 2018 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था और तब से वह यमन की केंद्रीय जेल में बंद हैं.

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नई दिल्ली: यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की अभी भी रिहाई की उम्मीद बरकरार है. दिल्ली हाईकोर्ट में निमिषा प्रिया की मां के वकील रह चुके सुभाष चंद्रन ने कहा कि यमन के राष्ट्रपति के फैसले के बावजूद 'ब्लड मनी' देकर निमिषा की जान बचाने का विकल्प मौजूद है. यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने जेल में बंद निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दी थी. निमिषा को यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी.

निमिषा की मां के वकील सुभाष चंद्रन से ईटीवी भारत संवाददाता ने फोन पर बात की. वकील के मुताबिक, यमन में शरिया का कानून चलता है. इस कानून में ब्लड मनी का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि यमन की सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2023 को निमिषा प्रिया को फांसी से बचने का अंतिम अवसर देते हुए कहा था कि वो मृतक के परिजनों को ब्लड मनी देकर समझौता करें. ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से मौत की सजा पर मुहर लगाने के बाद भी अगर मृतक के परिवार ब्लड मनी पर राजी हो जाते हैं तो निमिषा की रिहाई संभव है.

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद निमिषा की मां प्रेमा कुमारी 20 अप्रैल को केरल से यमन लिए रवाना हुई थीं. 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने निमिषा की मां को एक भारतीय नागरिक के साथ यमन जाने की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रेमा कुमारी अपने स्वयं की जिम्मेदारी पर जाएगी, इसके लिए केंद्र और संबंधित राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं होगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो प्रेमा कुमारी को यमन जाने के लिए एडवाइजरी में छूट दें.

यह है पूरा मामला: निमिषा पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है. निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई. निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है. उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली थी.

यमनी कानून के मुताबिक, यमन में केवल यमनी नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया. आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीला इंजेक्शन दिया, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी.

"सरकार कर रही हरसंभव मदद"
भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब सामने आया है और उसने निमिषा प्रिया के परिवार को मामले से संबंधित हर संभव मदद करने का वादा किया है. निमिषा प्रिया के मामले के संबंध में मीडिया के प्रश्नों के उत्तर में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है. सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.’ केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा को 2018 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था और तब से वह यमन की केंद्रीय जेल में बंद हैं.

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Last Updated : Jan 1, 2025, 5:50 PM IST
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