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चारधाम की रक्षक धारी देवी मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता, यहां आदि गुरु शंकराचार्य ने भी की थी पूजा - Dhari Devi Temple Darshan

Chardham pilgrims coming to visit Dhari Devi temple इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चल रही है. इस यात्रा में अब तक लाखों श्रद्धालु भगवान बदरी, केदार, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के दर्शन कर चुके हैं. लेकिन इन चारों धामों के अलावा भी एक ऐसा मंदिर है, जहां जाकर ही श्रद्धालु अपनी चारों धामों की यात्रा को पूर्ण मानते हैं. कहां है ये मंदिर और क्या है इसकी मान्यता जानिए इस खबर में.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 21, 2024, 11:30 AM IST

Updated : May 21, 2024, 1:14 PM IST

चारधाम की रक्षक मां धारी देवी (Video- ETV Bharat)

श्रीनगर: धारी देवी को चारों धामों की रक्षक देवी के नाम से जाना जाता है. यहां इन दिनों हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर मां भगवती के दर्शन कर रहे हैं. सुबह 4 बजे की आरती से ये सिलसिला शुरू होता है. देर सायं तक भक्त मां धारी देवी के दर्शन करते हैं.

अलकनंदा नदी पर बनी झील के बीचों बीच धारा देवी मंदिर स्थापित किया गया है. ये मंदिर श्रीनगर गढ़वाल से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां भक्त जहां अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं, तो कई लोग मंदिर से सटी झील में बोटिंग का भी लुफ्त उठाते हुए नजर आ जाते हैं. यहां भक्तों के लिए होटल में रहने और खाने पीने की भी उचित व्यवस्था रहती है.

लोक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब पांडव स्वर्ग रोहिणी की यात्रा पर निकले थे, तो उन्होंने धारी देवी मंदिर में पूजा अर्चना करके ही अपनी आगे की यात्रा पूरी की थी. वहीं जगतगुरु शंकराचार्य जब हिन्दू धर्म की विजय पताका लेकर जा रहे थे, तब वे भी धारी देवी में रुके थे और पूजा अर्चना कर आगे बढ़े थे. एक मान्यता के अनुसार जब 2013 में केदारनाथ में आपदा आई थी तो इसको भी मां के कुपित होने की दृष्टि से देखा गया था. कहा यह तक जाता है कि जब श्रीनगर जलविद्युत परियोजना का कार्य अपने अंतिम दिनों में था, तो मंदिर से मां की मूर्ति को शिफ्ट किया गया था. तब लोगों का कहना था कि मूर्ति को शिफ्ट करने के कारण ही आपदा आई थी. लोगों का ये भी मानना है कि मां की की स्वयंभू मूर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है. सुबह मां जहां छोटी बालिका के रूप में दिखाई पड़ती हैं तो दिन में युवा व सायं होते ही मां बुजुर्ग रूप में दिखाई पड़ने लगती हैं.

राजस्थान के बीकानेर से आये मुकेश कुमार बताते हैं कि वे बदरीनाथ ओर केदारनाथ की यात्रा पर आए हुए थे. इस बीच वापस जाते समय वे धारी देवी मंदिर के दर्शन करने रुके हैं. उन्हें मंदिर में दर्शन कर शांति महसूस हो रही है. यहां का वातावरण भी बेहद अच्छा लग रहा है. महाराष्ट्र के पुणे से आये श्रद्धालु ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्होंने सुना था कि धारी देवी चारों धामों की रक्षक देवी हैं. इसलिए वे धामों की यात्रा शुरू करने से पूर्व धारी देवी दर्शन करने आये हुए हैं. उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है.

मंदिर के मुख्य पुजारी जगदम्बा प्रसाद पांडेय बताते हैं कि इन दिनों हजारों की संख्या के तीर्थ यात्री मंदिर में आ रहे हैं. इसके लिए पुलिस प्रसासन ने भी व्यवस्था बनाई हुई है. सभी लोग शांतिपूर्वक धारी देवी मां के दर्शन कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: एक ऐसा रहस्यमय मंदिर, जहां माता की मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है अपना स्वरूप

चारधाम की रक्षक मां धारी देवी (Video- ETV Bharat)

श्रीनगर: धारी देवी को चारों धामों की रक्षक देवी के नाम से जाना जाता है. यहां इन दिनों हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर मां भगवती के दर्शन कर रहे हैं. सुबह 4 बजे की आरती से ये सिलसिला शुरू होता है. देर सायं तक भक्त मां धारी देवी के दर्शन करते हैं.

अलकनंदा नदी पर बनी झील के बीचों बीच धारा देवी मंदिर स्थापित किया गया है. ये मंदिर श्रीनगर गढ़वाल से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां भक्त जहां अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं, तो कई लोग मंदिर से सटी झील में बोटिंग का भी लुफ्त उठाते हुए नजर आ जाते हैं. यहां भक्तों के लिए होटल में रहने और खाने पीने की भी उचित व्यवस्था रहती है.

लोक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब पांडव स्वर्ग रोहिणी की यात्रा पर निकले थे, तो उन्होंने धारी देवी मंदिर में पूजा अर्चना करके ही अपनी आगे की यात्रा पूरी की थी. वहीं जगतगुरु शंकराचार्य जब हिन्दू धर्म की विजय पताका लेकर जा रहे थे, तब वे भी धारी देवी में रुके थे और पूजा अर्चना कर आगे बढ़े थे. एक मान्यता के अनुसार जब 2013 में केदारनाथ में आपदा आई थी तो इसको भी मां के कुपित होने की दृष्टि से देखा गया था. कहा यह तक जाता है कि जब श्रीनगर जलविद्युत परियोजना का कार्य अपने अंतिम दिनों में था, तो मंदिर से मां की मूर्ति को शिफ्ट किया गया था. तब लोगों का कहना था कि मूर्ति को शिफ्ट करने के कारण ही आपदा आई थी. लोगों का ये भी मानना है कि मां की की स्वयंभू मूर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है. सुबह मां जहां छोटी बालिका के रूप में दिखाई पड़ती हैं तो दिन में युवा व सायं होते ही मां बुजुर्ग रूप में दिखाई पड़ने लगती हैं.

राजस्थान के बीकानेर से आये मुकेश कुमार बताते हैं कि वे बदरीनाथ ओर केदारनाथ की यात्रा पर आए हुए थे. इस बीच वापस जाते समय वे धारी देवी मंदिर के दर्शन करने रुके हैं. उन्हें मंदिर में दर्शन कर शांति महसूस हो रही है. यहां का वातावरण भी बेहद अच्छा लग रहा है. महाराष्ट्र के पुणे से आये श्रद्धालु ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्होंने सुना था कि धारी देवी चारों धामों की रक्षक देवी हैं. इसलिए वे धामों की यात्रा शुरू करने से पूर्व धारी देवी दर्शन करने आये हुए हैं. उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है.

मंदिर के मुख्य पुजारी जगदम्बा प्रसाद पांडेय बताते हैं कि इन दिनों हजारों की संख्या के तीर्थ यात्री मंदिर में आ रहे हैं. इसके लिए पुलिस प्रसासन ने भी व्यवस्था बनाई हुई है. सभी लोग शांतिपूर्वक धारी देवी मां के दर्शन कर रहे हैं.
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Last Updated : May 21, 2024, 1:14 PM IST
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