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क्रॉस बॉर्डर और टेरर फंडिंग पर लगेगी रोक, होगी ग्लोबल मॉनिटरिंग

मध्य प्रदेश के इंदौर में यूरेशियन समूह की 41वीं बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए वैश्वविक रणनीति को दी गई मंजूरी.

41ST EURASIAN GROUP MEETING INDORE
41ST EURASIAN GROUP MEETING INDORE (Etv bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 6:11 PM IST

इंदौर: दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे वित्तीय अपराध, क्रॉस बॉर्डर और टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए अब ऐसे तमाम मामलों की ग्लोबल मॉनिटरिंग की जाएगी. दरअसल इंदौर में आयोजित यूरेशियन समूह की 41वीं (ईएजी) की बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों में ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए वैश्वविक रणनीति को मंजूरी दी गई है जो अब वैश्विक स्तर पर लागू की जाएगी.

यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की 41वीं (ईएजी) बैठक

दरअसल इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में यूरेशियन समूह के निदेशक यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की बैठक आयोजित की गई है. पांच दिवसीय 41वीं बैठक के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. जिनमें प्रमुख रूप से क्रॉस बॉर्डर फाइनेंसिंग और एंटी टेरर फंडिंग की रेगुलर मॉनिटरिंग के लिए रणनीति तैयार हुई है. इसके अलावा विभिन्न देशों के बीच आवश्यकता के अनुसार फाइनेंशियल इंटेलिजेंस की शेयरिंग और प्रभावी कार्रवाई कैसे हो इसको लेकर भी साझा रणनीति तय की गई है. लिहाजा इस तरह के अपराधों की अब सतत मॉनिटरिंग होगी जिसकी रिपोर्ट हर प्लेनेटरी बैठक में सार्वजनिक होगी.

बैठक के निष्कर्ष की जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया "यूरेशियन देशों के बीच बैठक में प्रमुख रूप से फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) की ग्रोथ के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने की दिशा में भारत समेत विभिन्न देशों के बीच जो चुनौतियां हैं उनमें मनी लॉन्ड्रिग, टेरर फाइनेंसिंग प्रमुख हैं. उनमें विभिन्न देशों का अनुभव क्या है और आगे चलकर इसके नियंत्रण के क्या तरीके हैं, उन पर विचार-विमर्श के बाद रणनीति तय की गई है."

वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल (Etv bharat)

कहा, "ऐसे मामलों में वित्तीय कार्यबल किस प्रकार कार्रवाई करें इस पर भी योजना तैयार की गई है. इसके अलावा एशियाई देशों के अलावा विभिन्न अरब देशों को टेरर फाइनेंसिंग और फंडिंग रोकने के लिए किस तरह के और कितने टेक्निकल असिस्टेंट की जरूरत है, इस पर चर्चा की गई. उनके यहां काम करने वाले टेक्नोक्रेट्स मनी लॉन्ड्रिंग की चुनौतियों को लेकर सक्षम हो सकें इसकी आवश्यकता के लिए टेक्निकल सहयोग पर सहमति बनी. इसमें ईरान भी शामिल है."

बैठकों में एफएटीएफ के साथ संयुक्त रूप से आयोजित भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा

बैठकों के सत्र के दौरान, एफएटीएफ(वित्तीय कार्यबल) के साथ संयुक्त रूप से आयोजित भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा की गई और उसे मंजूरी दी गई. यूरोपीय देशों ने चिंता व्यक्त की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग में बहुस्तरीय योजनाएं शामिल हो रही हैं, जिनमें प्रोफेशनल "लॉन्डर्स", क्रिप्टोकरेंसी, प्रॉक्सी व्यक्तियों के भुगतान विवरण ("ड्रॉप्स") और नकदी शामिल हैं.

आतंकवादी टेरर फंडिंग योजनाओं में अक्सर विदेशी सहित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजर्स और क्रिप्टो वॉलेट शामिल होते हैं, जो मुख्य रूप से प्रॉक्सी के नाम पर खोले जाते हैं, जिनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई जरूरी है. इसके अलावा बैठक में नेशनल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग सिस्टम, विशेष परियोजना कार्यान्वयन में वैज्ञानिक और शैक्षिक क्षमताओं को मजबूत करने पर फोकस किया गया.

इन देशों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

यूरेशियन देश की EAG बैठक इंदौर में आयोजित हुई. जिसमें आर्मेनिया, ईरान, अमेरिका, जापान, सीआईएस एटीसी से आमंत्रित प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया. ईडीबी, ईईसी, सीआईएस कार्यकारी समिति, आईएमएफ, न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), सीएचएफआईयू, एससीओ, अजरबैजान, नेपाल, यूएई, सऊदी अरब और श्रीलंका आदि के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. 42वीं ईएजी पूर्ण बैठक 26-30 मई, 2025 तक मास्को में आयोजित की जाएगी.

इंदौर: दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे वित्तीय अपराध, क्रॉस बॉर्डर और टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए अब ऐसे तमाम मामलों की ग्लोबल मॉनिटरिंग की जाएगी. दरअसल इंदौर में आयोजित यूरेशियन समूह की 41वीं (ईएजी) की बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों में ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए वैश्वविक रणनीति को मंजूरी दी गई है जो अब वैश्विक स्तर पर लागू की जाएगी.

यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की 41वीं (ईएजी) बैठक

दरअसल इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में यूरेशियन समूह के निदेशक यूरी चिखानचिन की अध्यक्षता में यूरेशियन देशों की बैठक आयोजित की गई है. पांच दिवसीय 41वीं बैठक के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. जिनमें प्रमुख रूप से क्रॉस बॉर्डर फाइनेंसिंग और एंटी टेरर फंडिंग की रेगुलर मॉनिटरिंग के लिए रणनीति तैयार हुई है. इसके अलावा विभिन्न देशों के बीच आवश्यकता के अनुसार फाइनेंशियल इंटेलिजेंस की शेयरिंग और प्रभावी कार्रवाई कैसे हो इसको लेकर भी साझा रणनीति तय की गई है. लिहाजा इस तरह के अपराधों की अब सतत मॉनिटरिंग होगी जिसकी रिपोर्ट हर प्लेनेटरी बैठक में सार्वजनिक होगी.

बैठक के निष्कर्ष की जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया "यूरेशियन देशों के बीच बैठक में प्रमुख रूप से फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) की ग्रोथ के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने की दिशा में भारत समेत विभिन्न देशों के बीच जो चुनौतियां हैं उनमें मनी लॉन्ड्रिग, टेरर फाइनेंसिंग प्रमुख हैं. उनमें विभिन्न देशों का अनुभव क्या है और आगे चलकर इसके नियंत्रण के क्या तरीके हैं, उन पर विचार-विमर्श के बाद रणनीति तय की गई है."

वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल (Etv bharat)

कहा, "ऐसे मामलों में वित्तीय कार्यबल किस प्रकार कार्रवाई करें इस पर भी योजना तैयार की गई है. इसके अलावा एशियाई देशों के अलावा विभिन्न अरब देशों को टेरर फाइनेंसिंग और फंडिंग रोकने के लिए किस तरह के और कितने टेक्निकल असिस्टेंट की जरूरत है, इस पर चर्चा की गई. उनके यहां काम करने वाले टेक्नोक्रेट्स मनी लॉन्ड्रिंग की चुनौतियों को लेकर सक्षम हो सकें इसकी आवश्यकता के लिए टेक्निकल सहयोग पर सहमति बनी. इसमें ईरान भी शामिल है."

बैठकों में एफएटीएफ के साथ संयुक्त रूप से आयोजित भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा

बैठकों के सत्र के दौरान, एफएटीएफ(वित्तीय कार्यबल) के साथ संयुक्त रूप से आयोजित भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा की गई और उसे मंजूरी दी गई. यूरोपीय देशों ने चिंता व्यक्त की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग में बहुस्तरीय योजनाएं शामिल हो रही हैं, जिनमें प्रोफेशनल "लॉन्डर्स", क्रिप्टोकरेंसी, प्रॉक्सी व्यक्तियों के भुगतान विवरण ("ड्रॉप्स") और नकदी शामिल हैं.

आतंकवादी टेरर फंडिंग योजनाओं में अक्सर विदेशी सहित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजर्स और क्रिप्टो वॉलेट शामिल होते हैं, जो मुख्य रूप से प्रॉक्सी के नाम पर खोले जाते हैं, जिनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई जरूरी है. इसके अलावा बैठक में नेशनल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग सिस्टम, विशेष परियोजना कार्यान्वयन में वैज्ञानिक और शैक्षिक क्षमताओं को मजबूत करने पर फोकस किया गया.

इन देशों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

यूरेशियन देश की EAG बैठक इंदौर में आयोजित हुई. जिसमें आर्मेनिया, ईरान, अमेरिका, जापान, सीआईएस एटीसी से आमंत्रित प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया. ईडीबी, ईईसी, सीआईएस कार्यकारी समिति, आईएमएफ, न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), सीएचएफआईयू, एससीओ, अजरबैजान, नेपाल, यूएई, सऊदी अरब और श्रीलंका आदि के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. 42वीं ईएजी पूर्ण बैठक 26-30 मई, 2025 तक मास्को में आयोजित की जाएगी.

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