पटना : भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद उनकी बिहार विधानसभा में सदस्यता को समाप्त कर दिया गया है. भोजपुर कोर्ट ने उन्हें हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सुजा सुनाई है. इस संबंध में बिहार विधानसभा के सचिव राजकुमार और निर्देशक पवन कुमार सिन्हा की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. इस अधिसूचना की प्रति चुनाव आयोग, सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री सचिवालय, राज भवन इत्यादि विभिन्न जगहों पर भी प्रेषित की गई है.
माले विधायक मनोज मंजिल की सदस्यता रद्द : अधिसूचना के मुताबिक 13 फरवरी, जिस दिन मनोज मंजिल को आजीवन कारावास की सजा हुई है. उस दिन से उनकी सदस्यता रद्द की गई है. विधायक मनोज मंजिल की सदस्यता समाप्त होने के बाद माले के पास अब 11 विधायक ही बच गए हैं. वहीं वाम दलों के पास 16 विधायक से घटकर के 15 विधायक हो गए हैं. महागठबंधन के पास अब 114 से घटकर 113 विधायक हो गए हैं. इन 113 विधायकों में राजद के तीन विधायक बागी हो गए हैं. इस मुताबिक महागठबंधन के पास अब 110 विधायक ही बच गए हैं.
दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया साजिश : भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि ''बीजेपी सरकार बनते ही प्रदेश में विपक्ष को कुचलने का काम शुरू हो गया है. फर्जी मुकदमे में बिना सुनवाई के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. एक व्यक्ति की हत्या में 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिसमें विधायक मनोज मंजिल भी हैं. विधायक की सदस्यता जरूर गई है लेकिन उन्हें न्यायालय पर भरोसा है. वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा और फिर से मनोज मंजिल की सदस्यता बहाल होगी.''
हाईकोर्ट में करेंगे अपील : बता दें कि विधायक मनोज मंजिल को 9 साल पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली है. इस सजा के मिलने के बाद विधायक ने कहा था कि वो इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे और यूं ही दबे, कुचले और गरीब लोगों की आवाज को उठाते रहेंगे.