जोधपुर : बहुचर्चित आनंदपाल एनकाउंटर मामले में सीबीआई की ओर से पेश क्लोजर रिपोर्ट को एसीजेएम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है. साथ ही एनकाउंटर में शामिल 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राहुल बारहठ (तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, चुरु), विद्याप्रकाश (तत्कालीन सी.ओ कुचामन सिटी), सूर्यवीर सिंह (पुलिस निरीक्षक), हैड कांस्टेबल कैलाशचंद्र व कांस्टेबल सोहनसिंह, कांस्टेबल धर्मपाल व कांस्टेबल धर्मवीर के विरुद्ध धारा 147, 148, 302, 326, 325, 324 सहपठित धारा 149 भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध का प्रसंज्ञान लिया है.
आनंदपाल के वकील भंवर सिंह राठौड़ ने बताया कि आनंदपाल को उस दिन श्रवण सिंह के घर मालासर में 200 पुलिस अधिकारियों ने घेर लिया था. छत के ऊपर आनंदपाल छुपा हुआ था. पुलिस की टीम ऊपर जाने में असफल हो रही थी. पुलिस अधिकारियों ने उसके भाई रूपेंद्र सिंह से रिक्वेस्ट की कि तुम आगे चलो, क्योंकि हम ऊपर जा नहीं सकते और तुम अपने भाई आनंदपाल को सरेंडर करवा दो. हम उसे मारेंगे नहीं. इसके बाद रूपेंद्र पाल सिंह आगे रवाना हो गया. पुलिस अधिकारी उसके पीछे छत तक पहुंचे. वकील भंवर सिंह ने कहा कि छत पर जाते ही आनंदपाल ने सरेंडर कर दिया. तुरंत पुलिस अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और छत पर ही उसकी पिटाई की. राठौड़ ने कोर्ट में बताया कि कैलाश, सूर्यवीर सिंह व विद्या प्रकाश ने सबसे पहले आनंदपाल को गोली मारी और झूठी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसे हमने चैलेंज किया था.
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रिपोर्ट में बताया नजदीकी से मारी गई गोलियां : अदालत के सामने जब क्लोजर रिपोर्ट आई, लेकिन मौका नक्शा पेश नहीं किया था. इसको लेकर भी दोबारा कोर्ट ने आदेश दिए थे. जब मौका नक्शा कोर्ट में पेश किया गया, तब आनंदपाल की पत्नी के वकील भंवर सिंह राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि आई विटनेस के बयान और डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार करीब 3 से 5 फुट के करीब से आनंदपाल पर नजदीक से गोलियां चली थी. उसके शरीर पर मारपीट के चोटों के भी निशान थे, जो डॉक्टरी रिपोर्ट में भी है. इन दलीलों के बाद में कोर्ट ने प्रसंज्ञान लेते हुए एनकाउंटर में शामिल टीम के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2024 को रखी गई है.
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बता दें कि 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में SOG ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया था. इसको लेकर आनंदपाल के परिजनों की ओर से मामला दर्ज किया गया था. वर्तमान में यह मामला ACJM सीबीआई कोर्ट में चल रहा है, जिसमें सीबीआई की ओर से पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया. ऐसे में अब तत्कालीन पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
यह था मामला : अजमेर की जेल से डीडवाना पेशी से वापस आते समय 3 सितंबर 2015 को परबतसर के पास पुलिसकर्मियों को नशीली मिठाई खिलाकर आनंदपाल भागा था. इस दौरान पुलिस से मुठभेड़ हुई, जिसमें पुलिसकर्मी भी मारे गए थे. दो साल तक पुलिस आनंदपाल का पता नहीं लगा पाई. 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में उसके होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने अमावस्या की रात को उसका एनकाउंटर कर दिया था. बाद में सरकार ने यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंपा था.