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केएन त्रिपाठी को चतरा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाने का हो रहा है विरोध, क्या पार्टी आलाकमान अपने फैसले में गोड्डा जैसा करेगी बदलाव - Lok Sabha Election 2024

KN Tripathi. झारखंड के चतरा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से केएन त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाए जाने पर काफी विरोध हो रहा है. विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने रविवार को उलगुलान न्याय महारैली में भी हंगामा किया. ये लोग उम्मीदवार बदलने की मांग कर रहे हैं. अब जब गोड्डा में दीपिका पांडेय सिंह को बदलकर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है, तब केएन त्रिपाठी के विरोधियों को भी एक उम्मीद बंधी है कि यहां भी यह हो सकता है. लेकिन क्या हकीकत में ऐसा होने वाला है, इस रिपोर्ट में जानिए.

KN Tripathi Chatra Lok Sabha Seat
KN Tripathi Chatra Lok Sabha Seat
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 22, 2024, 8:34 PM IST

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष का बयान

रांची: चतरा लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट पाने वाले पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्र में कांग्रेसी नेताओं के बीच ही उनका विरोध इतना ज्यादा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की परवाह किये बिना सुनियोजित तरीके से उलगुलान न्याय महारैली में केएन त्रिपाठी विरोधी पहुंच गए. जैसे ही कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने मंच से अपना संबोधन शुरू किया कि केएन त्रिपाठी विरोधी नारे पंडाल में गूंजने लगे.

देशभर के I.N.D.I.A गठबंधन के बड़े नेताओं के सामने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं का अंतर्कलह सामने आ गया. ऐसे में अब सवाल उठता है कि जिस तरह से गोड्डा में पूर्व घोषित उम्मीदवार दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. क्या उसी तरह चतरा से घोषित उम्मीदवार केएन त्रिपाठी को कांग्रेस बदलेगी या फिर विरोध के स्वर को नजरअंदाज कर देगी.

पार्टी विभिन्न पहलुओं को देख कर उम्मीदवार का फैसला करती है- राजेश ठाकुर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या गोड्डा की तरह भारी विरोध के मद्देनजर चतरा में भी कांग्रेस उम्मीदवार बदले जायेंगे? इस सवाल के जवाब में राजेश ठाकुर ने कहा कि चतरा में उम्मीदवार बदलने को लेकर कहीं कोई बात नहीं है. आलाकमान और पार्टी नेतृत्व बहुत सारी बातों को देख कर कोई फैसला करता है.

उन्होंने कहा कि कल उलगुलान न्याय महारैली के दौरान घटी घटना को लेकर जिला कमिटी अनुशासन की कार्रवाई करेगी. उन्हें अपना काम करने दीजिए.
वहीं आज आलमगीर आलम के आवास पर हुई बैठक को लेकर प्रदेश प्रभारी ने साफ किया कि इसमें चतरा में कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी के विरोध पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

स्थानीय प्रत्याशी देने की उठ रही है मांग

चतरा लोकसभा क्षेत्र की गिनती उन निर्वाचन क्षेत्र के रूप में होती है, जहां हर बार कोई न कोई बाहरी व्यक्ति टिकट पा लेता है और सांसद बन जाता है. बिहार में मंत्री रहे नागमणि से लेकर निवर्तमान भाजपा सांसद सुनील सिंह तक कई ऐसे नाम हैं जो मूल रूप से चतरा के नहीं थे. पार्टी ने टिकट दिया और वह सांसद भी हो गए.

ऐसे में लोगों की इच्छा के अनुरूप इस बार भाजपा ने स्थानीय नेता कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाया है. अपने सीटिंग सांसद की जगह कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाने को लेकर भाजपा जनता के बीच यह भी भुना रही है कि उसने किसी बाहरी नहीं बल्कि चतरा के बेटे को टिकट दिया है. ऐसे में चतरा के कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि अगर भाजपा ने बाहरी-भीतरी उम्मीदवार का मुद्दा खेल दिया तो उनके उम्मीदवार को नुकसान तय है. लिहाजा वह पलामू के रहने वाले केएन त्रिपाठी की जगह किसी स्थानीय कांग्रेसी नेता को टिकट देने की मांग कर रहे हैं.

गोड्डा में प्रत्याशी बदले जाने के बाद चतरा को लेकर लगने लगे हैं कयास

गोड्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन वहां दीपिका पांडेय सिंह के नाम को लेकर लगातार विरोध के बाद पोड़ैया हाट विधायक प्रदीप यादव को उम्मीदवार बना दिया गया. वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि अब जब गोड्डा में पूर्व घोषित उम्मीदवार दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को मौका दिया गया है तो ऐसे में चतरा में केएन त्रिपाठी का विरोध कर रहे लोगों को लगता है कि उनकी भी बात सुनी जाएगी और लोकल प्रत्याशी को मौका मिलेगा. वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि बहुत संभव है कि ऐसे में केएन त्रिपाठी को बदलने की मांग और तेज हो.

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देशभर के I.N.D.I.A गठबंधन के बड़े नेताओं के सामने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं का अंतर्कलह सामने आ गया. ऐसे में अब सवाल उठता है कि जिस तरह से गोड्डा में पूर्व घोषित उम्मीदवार दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. क्या उसी तरह चतरा से घोषित उम्मीदवार केएन त्रिपाठी को कांग्रेस बदलेगी या फिर विरोध के स्वर को नजरअंदाज कर देगी.

पार्टी विभिन्न पहलुओं को देख कर उम्मीदवार का फैसला करती है- राजेश ठाकुर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या गोड्डा की तरह भारी विरोध के मद्देनजर चतरा में भी कांग्रेस उम्मीदवार बदले जायेंगे? इस सवाल के जवाब में राजेश ठाकुर ने कहा कि चतरा में उम्मीदवार बदलने को लेकर कहीं कोई बात नहीं है. आलाकमान और पार्टी नेतृत्व बहुत सारी बातों को देख कर कोई फैसला करता है.

उन्होंने कहा कि कल उलगुलान न्याय महारैली के दौरान घटी घटना को लेकर जिला कमिटी अनुशासन की कार्रवाई करेगी. उन्हें अपना काम करने दीजिए.
वहीं आज आलमगीर आलम के आवास पर हुई बैठक को लेकर प्रदेश प्रभारी ने साफ किया कि इसमें चतरा में कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी के विरोध पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

स्थानीय प्रत्याशी देने की उठ रही है मांग

चतरा लोकसभा क्षेत्र की गिनती उन निर्वाचन क्षेत्र के रूप में होती है, जहां हर बार कोई न कोई बाहरी व्यक्ति टिकट पा लेता है और सांसद बन जाता है. बिहार में मंत्री रहे नागमणि से लेकर निवर्तमान भाजपा सांसद सुनील सिंह तक कई ऐसे नाम हैं जो मूल रूप से चतरा के नहीं थे. पार्टी ने टिकट दिया और वह सांसद भी हो गए.

ऐसे में लोगों की इच्छा के अनुरूप इस बार भाजपा ने स्थानीय नेता कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाया है. अपने सीटिंग सांसद की जगह कालीचरण सिंह को उम्मीदवार बनाने को लेकर भाजपा जनता के बीच यह भी भुना रही है कि उसने किसी बाहरी नहीं बल्कि चतरा के बेटे को टिकट दिया है. ऐसे में चतरा के कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि अगर भाजपा ने बाहरी-भीतरी उम्मीदवार का मुद्दा खेल दिया तो उनके उम्मीदवार को नुकसान तय है. लिहाजा वह पलामू के रहने वाले केएन त्रिपाठी की जगह किसी स्थानीय कांग्रेसी नेता को टिकट देने की मांग कर रहे हैं.

गोड्डा में प्रत्याशी बदले जाने के बाद चतरा को लेकर लगने लगे हैं कयास

गोड्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन वहां दीपिका पांडेय सिंह के नाम को लेकर लगातार विरोध के बाद पोड़ैया हाट विधायक प्रदीप यादव को उम्मीदवार बना दिया गया. वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि अब जब गोड्डा में पूर्व घोषित उम्मीदवार दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को मौका दिया गया है तो ऐसे में चतरा में केएन त्रिपाठी का विरोध कर रहे लोगों को लगता है कि उनकी भी बात सुनी जाएगी और लोकल प्रत्याशी को मौका मिलेगा. वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि बहुत संभव है कि ऐसे में केएन त्रिपाठी को बदलने की मांग और तेज हो.

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