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जाति जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक, अब संसद के बाहर भी करेगी घेराव, रणनीति पर हुई चर्चा - Rahul Gandhi

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By Amit Agnihotri

Published : Jul 31, 2024, 5:36 PM IST

Updated : Aug 1, 2024, 10:47 AM IST

Congress Trapped Government: राहुल गांधी संसद में लगातार जाति जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं. कांग्रेस ने संसद के बाहर भी जाति जनगणना के मुद्दे को उठाने का फैसला किया है. इसको लेकर पार्टी ने महत्वपूर्ण चर्चा की है.

कांग्रेस
कांग्रेस (ANI)

नई दिल्ली: संसद सत्र के दौरान जाति जनगणना के मुद्दे को केंद्र में लाने की लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की रणनीति सफल रही है, क्योंकि ओबीसी राजनीति सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के बीच विवाद का मुख्य कारण बन गई है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस कदम ने एनडीए को जाल में फंसाने के लिए उकसाया, इंडिया ब्लॉक को एकजुट किया, विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका दिया और इसने सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर बेचैनी पैदा कर दी.

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक रणनीति के तहत संसद सत्र के शेष दिनों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई. इस मुद्दे को उठाने के लिए पार्टी के सांसद जाति जनगणना पर एक प्राइवेट बिल ला सकते हैं. पिछले दिनों जब राहुल गांधी ने जाति जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया तो नाराज एनडीए ने विपक्ष के नेता के जवाब में एक बड़ी गलती कर दी थी.

अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी की जाति पर उठाया सवाल
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी राहुल गांधी की जाति पर सवाल उठाया और सहयोगी सपा सांसद अखिलेश यादव के साथ तीखी बहस की. राहुल ने भी यह कहकर तुरंत राजनीतिक लाभ उठाया कि वह समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के अधिकारों के बारे में बात करने के लिए अपमान सहने के लिए तैयार हैं. बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ठाकुर के भाषण का समर्थन करते हुए विपक्ष को और अधिक हथियार मुहैया करा दिए, जिसने संवैधानिक औचित्य का मुद्दा उठाने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है.

संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
इस बीच राजनीतिक चर्चा का केंद्रबिंदु केंद्रीय बजट से जाति जनगणना पर आ गया है, जो लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान राहुल गांधी का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था, जिसका उद्देश्य भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करना था. देश की सबसे पुरानी पार्टी अब संसद के बाहर अपने विरोध प्रदर्शन को और आगे बढ़ाएगी.

जाति जनगणना ओबीसी के लिए जीवन-मरण का मुद्दा
इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी चंदन यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "भाजपा अब जाति जनगणना का विरोध करते हुए सांसदों को गाली देने पर उतर आई है. भगवा पार्टी अनुराग ठाकुर की टिप्पणियों पर खेद जताने के बजाय शेखी बघार रही है. प्रधानमंत्री द्वारा अपने सांसदों के भाषण को सोशल मीडिया पर शेयर करना उनकी मानसिकता को दर्शाता है. जाति जनगणना ओबीसी के लिए जीवन-मरण का मुद्दा है और हमारे नेता राहुल गांधी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. देखते हैं कि वे हमें कब तक गाली देंगे."

उन्होंने कहा, "जाति जनगणना की जरूरत है ताकि सरकारी नीतियों को फिर से डिजाइन किया जा सके ताकि सामाजिक कल्याण निधि को समुदायों के बीच अधिक प्रभावी ढंग से और विवेकपूर्ण तरीके से वितरित किया जा सके. राहुल गांधी एक ऐसे परिवार से हैं जिसने देश के लिए बलिदान दिया है. उनकी जाति के बारे में पूछना न केवल गलत है बल्कि अपमानजनक भी है."

जाति जनगणना के मुद्दे ने विपक्ष को एकजुट किया
पटेल ने ईटीवी भारत से कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल के अनुसार, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधना एक योजना का हिस्सा था. उनकी पार्टी ने उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा होगा. यह उनकी मानसिकता और जाति जनगणना के प्रति विरोध को दर्शाता है. वे लंबे समय से हमारे नेताओं को निशाना बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाना जारी रखेगी. नेता की कोई जाति नहीं होती. जाति जनगणना के मुद्दे ने विपक्ष को एकजुट कर दिया है और अब लोग इस पर बात कर रहे हैं. हम आने वाले दिनों में इस संदेश को और फैलाएंगे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी के सामाजिक कल्याण का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, "मंडल आयोग की सिफारिशों को पिछली वीपी सिंह सरकार ने स्वीकार किया था, लेकिन उन्हें पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने लागू किया था. पिछली यूपीए सरकार ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी कोटा लागू किया था. क्या कांग्रेस को इसका श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें- राहुल का सनसनीखेज आरोप, 'अनुराग ठाकुर ने मुझे दी गाली, पर नहीं चाहिए माफी', जाति जनगणना का उठा मुद्दा

नई दिल्ली: संसद सत्र के दौरान जाति जनगणना के मुद्दे को केंद्र में लाने की लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की रणनीति सफल रही है, क्योंकि ओबीसी राजनीति सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के बीच विवाद का मुख्य कारण बन गई है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस कदम ने एनडीए को जाल में फंसाने के लिए उकसाया, इंडिया ब्लॉक को एकजुट किया, विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका दिया और इसने सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर बेचैनी पैदा कर दी.

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक रणनीति के तहत संसद सत्र के शेष दिनों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई. इस मुद्दे को उठाने के लिए पार्टी के सांसद जाति जनगणना पर एक प्राइवेट बिल ला सकते हैं. पिछले दिनों जब राहुल गांधी ने जाति जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया तो नाराज एनडीए ने विपक्ष के नेता के जवाब में एक बड़ी गलती कर दी थी.

अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी की जाति पर उठाया सवाल
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी राहुल गांधी की जाति पर सवाल उठाया और सहयोगी सपा सांसद अखिलेश यादव के साथ तीखी बहस की. राहुल ने भी यह कहकर तुरंत राजनीतिक लाभ उठाया कि वह समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के अधिकारों के बारे में बात करने के लिए अपमान सहने के लिए तैयार हैं. बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ठाकुर के भाषण का समर्थन करते हुए विपक्ष को और अधिक हथियार मुहैया करा दिए, जिसने संवैधानिक औचित्य का मुद्दा उठाने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है.

संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
इस बीच राजनीतिक चर्चा का केंद्रबिंदु केंद्रीय बजट से जाति जनगणना पर आ गया है, जो लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान राहुल गांधी का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था, जिसका उद्देश्य भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करना था. देश की सबसे पुरानी पार्टी अब संसद के बाहर अपने विरोध प्रदर्शन को और आगे बढ़ाएगी.

जाति जनगणना ओबीसी के लिए जीवन-मरण का मुद्दा
इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी चंदन यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "भाजपा अब जाति जनगणना का विरोध करते हुए सांसदों को गाली देने पर उतर आई है. भगवा पार्टी अनुराग ठाकुर की टिप्पणियों पर खेद जताने के बजाय शेखी बघार रही है. प्रधानमंत्री द्वारा अपने सांसदों के भाषण को सोशल मीडिया पर शेयर करना उनकी मानसिकता को दर्शाता है. जाति जनगणना ओबीसी के लिए जीवन-मरण का मुद्दा है और हमारे नेता राहुल गांधी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. देखते हैं कि वे हमें कब तक गाली देंगे."

उन्होंने कहा, "जाति जनगणना की जरूरत है ताकि सरकारी नीतियों को फिर से डिजाइन किया जा सके ताकि सामाजिक कल्याण निधि को समुदायों के बीच अधिक प्रभावी ढंग से और विवेकपूर्ण तरीके से वितरित किया जा सके. राहुल गांधी एक ऐसे परिवार से हैं जिसने देश के लिए बलिदान दिया है. उनकी जाति के बारे में पूछना न केवल गलत है बल्कि अपमानजनक भी है."

जाति जनगणना के मुद्दे ने विपक्ष को एकजुट किया
पटेल ने ईटीवी भारत से कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल के अनुसार, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधना एक योजना का हिस्सा था. उनकी पार्टी ने उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा होगा. यह उनकी मानसिकता और जाति जनगणना के प्रति विरोध को दर्शाता है. वे लंबे समय से हमारे नेताओं को निशाना बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाना जारी रखेगी. नेता की कोई जाति नहीं होती. जाति जनगणना के मुद्दे ने विपक्ष को एकजुट कर दिया है और अब लोग इस पर बात कर रहे हैं. हम आने वाले दिनों में इस संदेश को और फैलाएंगे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी के सामाजिक कल्याण का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, "मंडल आयोग की सिफारिशों को पिछली वीपी सिंह सरकार ने स्वीकार किया था, लेकिन उन्हें पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने लागू किया था. पिछली यूपीए सरकार ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी कोटा लागू किया था. क्या कांग्रेस को इसका श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें- राहुल का सनसनीखेज आरोप, 'अनुराग ठाकुर ने मुझे दी गाली, पर नहीं चाहिए माफी', जाति जनगणना का उठा मुद्दा

Last Updated : Aug 1, 2024, 10:47 AM IST
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