लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर चुनाव में पूंजीपतियों के धन के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. कांग्रेस पर तो बीएसपी अध्यक्ष ने निशाना साधा है. कहा कि कांग्रेस दिखावे के लिए पूंजीपतियों का विरोध करती है, जबकि हकीकत यह है कि धन्ना सेठों से चुनावी चंदा लेने में कांग्रेस कहीं भी पीछे नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि पहले नंबर पर अगर भारतीय जनता पार्टी को पूंजीपति चंदा देते हैं, तो दूसरे नंबर पर बीआरएस और तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी को ही सबसे ज्यादा धन मिलता है. बहुजन समाज पार्टी ही ऐसी पार्टी है अपने दम पर चुनाव लड़ती है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है कि देश की अधिकतर पार्टियां बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल के सहारे अपनी राजनीतिक गतिविधियां करती हैं और चुनाव लड़ती हैं. वर्ष 2023-24 में इनको मिले अकूत धन के आंकड़ों से साबित है, जो इनके धन्नासेठ-समर्थक और गरीब और किसान विरोधी होने का प्रमुख कारण है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2023-24 में भाजपा को पहले, बीआरएस को दूसरे व कांग्रेस को तीसरे नम्बर पर करोड़ों-अरबों रुपयों का चंदा मिला है, जबकि बीएसपी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने गरीब कार्यकर्ताओं के खून-पसीने की कमाई पर ही निर्भर रहती है.
मायावती ने कहा कि इससे कांग्रेस के दोहरे चाल, चरित्र व चेहरा का भी पर्दाफाश होता है कि वह पूंजीपतियों का विरोध करके संसद अवरोध करती है, लेकिन उन्हीं धन्नासेठों से धन लेकर पार्टी चलाती है और सरकार बनने पर उन्हें लाभ पहुंचाने का कार्य करती है, जो इनकी राज्य सरकारों के कार्यकलापों से स्पष्ट है. इसी तरह भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के मामले में उनका व उनके अनुयाइयों की उपेक्षा व तिरस्कार करती है, लेकिन उनके वोट के स्वार्थ की खातिर किस्म-किस्म की छलावापूर्ण राजनीति भी करती है, जिससे लोगों को हमेशा ही सावधान रहने की जरूरत है.
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