नई दिल्ली : कांग्रेस नेताओं ने रविवार को स्वीकार किया कि नीतीश कुमार का इंडिया गठबंधन से बाहर जाना एक अस्थायी झटका था. साथ ही दावा किया कि उनके इस कदम से राष्ट्रीय चुनावों से पहले विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह अच्छा था कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया, जो विपक्षी गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका होता.
इस संबंध में कांग्रेस कार्यसमिति के पूर्व सदस्य तारिक अनवर ने कहा कि आखिरकार मुझे लगता है कि यह सही था कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया था. एक राजनेता के रूप में उनकी विश्वसनीयता हमेशा संदिग्ध रही है और अगर वह गठबंधन का प्रमुख पद दिए जाने के बाद चले गए होते, तो यह और भी बुरा होता. वहीं गुजरात के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की विश्वसनीयता हमेशा संदिग्ध रही है. उन्होंने पिछले वर्षों में कई बार वफादारी बदली है.
उन्होंने कांग्रेस और राजद में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी और अब वह उनके साथ वापस आ गए हैं. इसी क्रम में महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव आशीष दुआ ने कहा कि नीतीश कुमार की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में थी. उनका भाजपा के साथ हाथ मिलाना उन्हें और भगवा पार्टी को बेनकाब करता है. जबकि भाजपा ने कहा था कि उसके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद हैं, जद-यू नेता ने कहा था कि वह भाजपा में वापस जाने के बजाय मरना पसंद करेंगे. उन सभी बड़े-बड़े दावों का क्या हुआ.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इंडिया गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और विपक्षी समूह अनुमान से कहीं बेहतर प्रदर्शन करेगा. कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार का इंडिया गठबंधन छोड़ना एक छोटा झटका हो सकता है लेकिन उनके इस कदम का इंडिया गठबंधन पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा. नीतीश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाने से बिहार में उनकी साख पर बट्टा लगा है. अब, कांग्रेस, राजद और वाम दलों के लिए अधिक सीटें उपलब्ध हैं, जो बिहार में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर काम करेंगे और लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
अनवर ने कहा कि यहां तक कि पश्चिम बंगाल में भी, टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह आगामी राष्ट्रीय चुनाव अकेले लड़ेंगी. लेकिन वह अभी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. इसी तरह आशीष दुआ ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे की बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में आगे बढ़ रही है और जल्द ही संपन्न हो जाएगी. यूपी एक कठिन राज्य लग रहा था लेकिन वहां बहुत अच्छी शुरुआत हुई है. इसी तरह, अन्य राज्यों में सीट-बंटवारे पर सुचारू रूप से काम किया जाएगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रविवार को जलपाईगुड़ी से पश्चिम बंगाल में फिर से शुरू हुई. इस यात्रा ने भाजपा को परेशान कर दिया था क्योंकि पूर्व पार्टी प्रमुख बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और सामाजिक न्याय की आवश्यकता जैसे वास्तविक सार्वजनिक मुद्दों को उठा रहे थे. असम के प्रभारी एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी का संदेश देश के लोगों के बीच गूंज रहा है और इसने भाजपा को परेशान कर दिया है. देखिए कैसे असम में यात्रा को निशाना बनाया गया लेकिन लोगों की प्रतिक्रिया बेहद उत्साहजनक रही.
विपक्षी गठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे. वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि अगर बीजेपी को अपने दावे के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर 400 सीटें मिलने का भरोसा है, तो बिहार में विपक्षी गठबंधन को तोड़ने और नीतीश कुमार को वापस लेने की क्या ज़रूरत थी. यात्रा का न्याय का संदेश लोगों को पसंद आया है और इससे बीजेपी घबरा गई है. हमें नहीं पता कि नीतीश कुमार ईडी या सीडी के कारण वापस भाजपा में जा रहे हैं या नहीं. हम यह जानते हुए भी चुप रहे कि वह जा रहे हैं.
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