नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार लोकसभा चुनाव कहां से लड़ेंगे? फिलहाल इसे लेकर कुछ फाइनल नहीं हुआ है. इसी बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा वायनाड सीट से 'महिला आंदोलन' में अहम भूमिका निभाने वाली कॉमरेड एनी राजा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. अब वह पूरे एलडीएफ की ओर से उम्मीदवार होंगी.
इसी बीच, एनी राजा को उम्मीदवार घोषित करने के बाद, सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस को अब वायनाड सीट के बारे में विचार करना चाहिए. सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात ने कहा, 'राहुल गांधी और कांग्रेस को सोचने की जरूरत है, वो कहते हैं कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है. केरल में अगर आप आते हैं और वामपंथ के खिलाफ लड़ते हैं तो आप क्या संदेश दे रहे हैं? इसलिए उन्हें अपनी सीट के बारे में एक बार फिर से सोचने की जरूरत है.'
इससे पहले, एनी राजा ने भी वायनाड सीट पर बयान देते हुए कहा था कि केरल में लड़ाई लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच है. यह सीट वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास है. इतने लंबे समय से सीपीआई (एम) और एलडीएफ गठबंधन के तहत चार सीटों पर चुनाव लड़ती आ रही है. इस बार भी पार्टी ने इन चारों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. केरल में लड़ाई एलडीएफ और यूडीएफ के बीच है. इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है. स्थिति वैसी ही है और कुछ भी नहीं बदला है.
राजा ने सोमवार को न्यूज एजेंसी को बताया कि इससे पहले 2019 में, सीपीआई (एम) ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हम बहुत लंबे समय से वहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, केरल से राज्यसभा सांसद और सीपीआई (एम) सचिव बिनॉय विश्वम ने राहुल गांधी के नॉर्थ इंडिया को छोड़कर दक्षिण भारत के केरल की वायनाड सीट से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने पर निशाना साधते हुए राजनीतिक तर्क पर सवाल उठा दिया. सीपीआई (एम) नेता बिनॉय विश्वम ने कहा कि उत्तर भारत को चुनावी गढ़ माना जाता है, जहां से सबसे ज्यादा सांसद संसद में आए हैं. यहां से बीजेपी चुनाव लड़ने के लिए मजबूत स्थिति में है. उस वास्तविकता को भूलकर, कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत, केरल, जहां सिर्फ 20 सीटें हैं, में आने का राजनीतिक तर्क क्या है?
सीपीआई (एम) नेता बिनॉय विश्वम यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि ये तो सबको पता है कि केरल से बीजेपी का कोई भी व्यक्ति नहीं जीत पाएगा. आखिर उसे कहां से लड़ना चाहिए? 2019 की पिछली लड़ाई का सार वहीं है जब राहुल गांधी ने अमेठी से वायनाड आकर यही किया था. बीजेपी ने एक अभियान चलाया जिससे कैश मिल गया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बीजेपी से डर गए हैं इसलिए केरल भाग गए. इस अभियान के परिणामस्वरूप पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस की हार हुई.
बता दें, सीपीआई (एम) ने शशि थरूर के खिलाफ पन्नियन रवींद्रन को तिरुवनंतपुरम से, वीएस सुनील कुमार को त्रिशूर से, और अरुण कुमार को मवेलिकारा से प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, जो पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला करने और उसे लगातार तीसरी बार जीतने से रोकने के लिए अस्तित्व में आया था.
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