नई दिल्ली: कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओ के नाम शामिल हैं. राहुल गांधी के अलावा इस सूची में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं.
कांग्रेस पदाधिकारियों ने पहली सूची जारी होने पर कहा कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और एआईसीसी महासचिव संगठन और राज्यसभा सदस्य केसी वेणुगोपाल को टिकट देने से अन्य वरिष्ठ नेताओं को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करने की संभावना जताई गई है. फोकस दिग्गजों पर है क्योंकि कांग्रेस अपनी लोकसभा सीटों को बढ़ाने की इच्छुक है जो 2014 में 44/543 और 2019 में 52/543 थी. साथ ही, 2019 में जहां पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी भाषी राज्यों में सत्ता में थी, वहीं इस बार वह विपक्ष में है.
8 मार्च को पार्टी द्वारा घोषित 39 उम्मीदवारों की पहली सूची में बघेल, वेणुगोपाल, ताम्रध्वज साहू, शशि थरूर, के सुरेश, आशीष साहा, एंटो एंटनी, ज्योत्सना महंत और डीके सुरेश जैसे वरिष्ठों के नाम शामिल रहे. अधिक उम्मीदवारों पर निर्णय लेने के लिए 11 मार्च को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक के बाद दूसरी सूची आने की उम्मीद है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, सीईसी के 11 मार्च को दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और असम की सीटों पर फैसला लेने की उम्मीद है.
आने वाले राष्ट्रीय चुनावों के लिए जिन वरिष्ठों को मैदान में उतारा जा सकता है, उनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुडा, उनके बेटे और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुडा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा विधायक हरीश चौधरी और सचिन पायलट के नाम शामिल हैं. दीपेंद्र जहां रोहतक से लोकसभा सांसद रहे हैं, वहीं हरीश और सचिन बाड़मेर और अजमेर से लोकसभा सांसद रहे हैं.
पार्टी में प्रमुख पद संभालने वाले संभावित उम्मीदवारों की सूची में एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह, मध्य प्रदेश पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी, राजस्थान पीसीसी प्रमुख गोविंद डोटासरा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह, पूर्व एमपी पीसीसी प्रमुख अरुण यादव शामिल हैं. इसके अलावा हरियाणा की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हैं.
पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य तारिक अनवर को बिहार से मैदान में उतारा जा सकता है, जबकि पंजाब के मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी फिर से मुकाबले में शामिल होने के लिए तैयार हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल और पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल भी उनमें से हो सकते हैं.
एआईसीसी के बिहार प्रभारी सचिव अजय कपूर ने बताया, 'यह अच्छा होगा अगर वरिष्ठ लोग राष्ट्रीय चुनाव लड़ें. इससे पार्टी में विश्वास की भावना आएगी और मतदाताओं को आश्वस्त किया जाएगा कि पार्टी सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है'.
दिल्ली के पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल ने कहा, 'देखिए, दिग्गजों के पास चुनाव लड़ने और चुनाव प्रबंधन का अनुभव है. पार्टी और क्षेत्र तथा आसपास की सीटों पर अपना प्रभाव दिखाने और कायम रखने के लिए उनके पास अपनी उपलब्धियां हैं. उनकी उम्मीदवारी से निश्चित रूप से पार्टी को यह संदेश देने में मदद मिलेगी कि वह गंभीरता से मैदान में है. अगर पार्टी मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो मैं चुनाव लड़ूंगा'.
हालांकि, पार्टी का एक वर्ग इससे अलग मानता है. सीडब्ल्यूसी के एक सदस्य ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले एक बड़े नाम की मौजूदगी मतदाताओं को अन्य पार्टी के उम्मीदवारों की ओर आकर्षित करेगी. राष्ट्रीय चुनावों में, मुकाबला सीट-दर-सीट अलग-अलग होता है और कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है.
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