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कथावाचक देवकीनंदन के खिलाफ आगरा कोर्ट में परिवाद दर्ज, जयचंद को गद्दार कहने का आरोप - COMPLAINT AGAINST DEVKINANDAN

अधिवक्ता का कहना है कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं जो ये साबित करे कि जयचंद गद्दार थे, बयान से क्षत्रिय समाज की छवि हुई धूमिल

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कथावाचक देवकीनंदन की बढ़ी मुश्किलें (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2024, 8:34 PM IST

आगरा: मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित सिय पिय मिलन महामहोत्सव के दौरान कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने देश के विभाजन और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जयचंदों को दोषी बताया. इस पर आगरा में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने देवकी नंदन के खिलाफ मानहानि परिवाद दर्ज कराया है. जिसकी सुनवाई सिविल जज (जूनियर डिवीजन-1) के सामने होगी. अधिवक्ता ने कहा कि अभी तक की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला. जो ये साबित करे कि कन्नौज के महाराज जयचंद गद्दार थे या उन्होंने ही मोहम्मद गौरी को बुलाया था. कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान से क्षत्रिय समाज की छवि को प्रभावित करने का प्रयास किया गया. इसलिए कोर्ट में परिवाद दर्ज किया है.

बता दें कि मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर इन दिनों वाराणसी में चल रहे नौ दिवसीय सिय पिय मिलन महामहोत्सव में कथा वाचन कर रहे हैं. जिसमें कथा के दौरान देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि, सनातन न किसी वर्ण का अपमान करता है और ना ही किसी धर्म का. यही वजह है कि विधर्मियों ने बार बार सनातन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया. लेकिन वे ना पहले सफल हुए और ना ही अब सफल होंगे. भागवत वेद रूपी वृक्ष पका हुआ फल है. जो ये श्रवण करता है. भगवान उसके मन में विराजमान रहते हैं. उन्होंने कहा कि जयचंदों की वजह से पाकिस्तान बना था. इतना ही नहीं, कश्मीरी पंडितों का नरसंहार भी किया गया था. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खतरा जयचंदों से है.

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आगरा कोर्ट में परिवाद दर्ज (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के प्रवचन पर आगरा के जगदीशपुरा थाना इलाके के मघटई निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने आपत्ति जताई है. उन्होंने आगरा में सिविल जज (जूनियर डिवीजन-1) में बुधवार को एक परिवाद दायर किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, भारत विभाजन और कश्मीरी पंडितों का नरसंहार धर्म आधारित था. ये कार्य मुसलमानों ने किया था. मुसलमानों के कृत्य के लिए जयचंद दोषी कैसे हो सकते हैं. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के बयान से बेहद आघात लगा है. कन्नौज के राजा जयचंद क्षत्रिय थे. उनकी दो राजधानी थी. एक कन्नौज और दूसरी काशी थी.

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि अभी तक की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला. जो ये साबित करे कि कन्नौज के महाराज जयचंद गद्दार थे या उन्होंने ही मोहम्मद गौरी को बुलाया था. इस बारे में भारत सरकार के पास भी ऐसा कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है. जो ये साबित करे या जिसमें ये लिखा हो कि मोहम्मद गौरी को जयचंद ने भारत बुलाया था. 17 मार्च 2024 को एएसआई से आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी. एएसआई के पास इसके कोई प्रमाण नहीं हैं. कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की ओर से सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान से क्षत्रिय समाज की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसलिए कोर्ट में परिवाद दर्ज किया है.

बता दें कि अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह अकसर अपने परिवाद को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अजय प्रताप सिंह आगरा के कोर्ट में विचाराधीन भगवान केशवदेव मंदिर के विग्रह और जामा मस्जिद के मामले में भी वादी है. इसके साथ ही शेख सलीम चिश्ती दरगाह और कामाख्या माता मंदिर विवाद में भी वादी हैं.


यह भी पढ़ें : देवकीनंदन ठाकुर ने कहा-साधु संतों को शास्त्र के साथ शस्त्र भी रखना होगा, 16 नवंबर को दिल्ली में होगी धर्म संसद

आगरा: मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित सिय पिय मिलन महामहोत्सव के दौरान कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने देश के विभाजन और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जयचंदों को दोषी बताया. इस पर आगरा में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने देवकी नंदन के खिलाफ मानहानि परिवाद दर्ज कराया है. जिसकी सुनवाई सिविल जज (जूनियर डिवीजन-1) के सामने होगी. अधिवक्ता ने कहा कि अभी तक की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला. जो ये साबित करे कि कन्नौज के महाराज जयचंद गद्दार थे या उन्होंने ही मोहम्मद गौरी को बुलाया था. कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान से क्षत्रिय समाज की छवि को प्रभावित करने का प्रयास किया गया. इसलिए कोर्ट में परिवाद दर्ज किया है.

बता दें कि मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर इन दिनों वाराणसी में चल रहे नौ दिवसीय सिय पिय मिलन महामहोत्सव में कथा वाचन कर रहे हैं. जिसमें कथा के दौरान देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि, सनातन न किसी वर्ण का अपमान करता है और ना ही किसी धर्म का. यही वजह है कि विधर्मियों ने बार बार सनातन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया. लेकिन वे ना पहले सफल हुए और ना ही अब सफल होंगे. भागवत वेद रूपी वृक्ष पका हुआ फल है. जो ये श्रवण करता है. भगवान उसके मन में विराजमान रहते हैं. उन्होंने कहा कि जयचंदों की वजह से पाकिस्तान बना था. इतना ही नहीं, कश्मीरी पंडितों का नरसंहार भी किया गया था. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खतरा जयचंदों से है.

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आगरा कोर्ट में परिवाद दर्ज (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के प्रवचन पर आगरा के जगदीशपुरा थाना इलाके के मघटई निवासी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने आपत्ति जताई है. उन्होंने आगरा में सिविल जज (जूनियर डिवीजन-1) में बुधवार को एक परिवाद दायर किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, भारत विभाजन और कश्मीरी पंडितों का नरसंहार धर्म आधारित था. ये कार्य मुसलमानों ने किया था. मुसलमानों के कृत्य के लिए जयचंद दोषी कैसे हो सकते हैं. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के बयान से बेहद आघात लगा है. कन्नौज के राजा जयचंद क्षत्रिय थे. उनकी दो राजधानी थी. एक कन्नौज और दूसरी काशी थी.

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि अभी तक की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला. जो ये साबित करे कि कन्नौज के महाराज जयचंद गद्दार थे या उन्होंने ही मोहम्मद गौरी को बुलाया था. इस बारे में भारत सरकार के पास भी ऐसा कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है. जो ये साबित करे या जिसमें ये लिखा हो कि मोहम्मद गौरी को जयचंद ने भारत बुलाया था. 17 मार्च 2024 को एएसआई से आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी थी. एएसआई के पास इसके कोई प्रमाण नहीं हैं. कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की ओर से सार्वजनिक मंच से दिए गए बयान से क्षत्रिय समाज की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसलिए कोर्ट में परिवाद दर्ज किया है.

बता दें कि अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह अकसर अपने परिवाद को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अजय प्रताप सिंह आगरा के कोर्ट में विचाराधीन भगवान केशवदेव मंदिर के विग्रह और जामा मस्जिद के मामले में भी वादी है. इसके साथ ही शेख सलीम चिश्ती दरगाह और कामाख्या माता मंदिर विवाद में भी वादी हैं.


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