ETV Bharat / bharat

MP-MLA कोर्ट का अहम फैसला- कोरोना वैक्सीन के मामले में पीएम मोदी समेत 28 के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज - PM Modi Corona Vaccine Case

कोरोना वैक्सीन के मामले में पीएम मोदी समेत 28 के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज वाराणसी की एमपीएमएलके कोर्ट ने खारिज कर दी. अदलात ने कहा कि वाद पोषणीय नहीं होने के चलते परिवाद को खारिज किया गया.

covishield vaccine PM Modi
पीएम मोदी समेत 28 के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 10:48 PM IST

Updated : Jun 15, 2024, 11:02 PM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी को लेकर बनाई गई वैक्सीन से हो रहे साइड इफेक्ट को लेकर दाखिल परिवाद में वाद पोषणीय नहीं होने के चलते परिवाद शनिवार को अदालत ने खारिज कर दिया. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/(एमपी-एमएलए कोर्ट) की अदालत में दाखिल इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी और उसके चेयरमैन समेत 28 लोगों को विपक्षी बनाया गया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक लोक सेवक का पद है. इस पद पर आसीन नरेंद्र मोदी ने अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में किये गए है, इसलिए उनके विरुद्ध कोई भी विधिक कार्रवाई करने से पूर्व अभियोजन स्वीकृति अनिवार्य है. परिवादी ने ऐसी कोई अभियोजन स्वीकृति पेश नहीं की है. ऐसे परिवादी का वाद पोषणीय नहीं है.

वहीं प्रकरण के अनुसार युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और अधिवक्ता विकास सिंह ने अपने अधिवक्ता गोपाल कृष्ण के माध्यम से कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी, और उसके चेयरमैन समेत सभी 28 विपक्षीगणों ने आपस में मिलीभगत करते हुए बिना किसी परीक्षण के कोविड शील्ड नामक दवा बनाकर लोगों को भय दिखाकर कोरोना वैक्सीन लोगों को जबरन लगवायी. साथ ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से लाभ अर्जित किया गया.

वहीं याचिका में यह भी आरोप है कि विपक्षीगणों ने यह जानते हुए कि इस दवा के साइड इफेक्ट होंगे, लोगों को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला गया. इस मामले की जानकारी होने पर युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. साथ ही यह भी मांग की गई थी कि इस मामले में जितने भी लोग इस दवा के साइड इफेक्ट से पीड़ित हैं उन सभी को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए.

ये भी पढ़ें- 20 करोड़ आबादी और 79 उम्मीदवार; यूपी में सिर्फ 4 मुस्लिम जीते सांसद, हर चुनाव घट रही इनकी भागीदारी - Lok Sabha elections 2024

वाराणसी: कोरोना महामारी को लेकर बनाई गई वैक्सीन से हो रहे साइड इफेक्ट को लेकर दाखिल परिवाद में वाद पोषणीय नहीं होने के चलते परिवाद शनिवार को अदालत ने खारिज कर दिया. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/(एमपी-एमएलए कोर्ट) की अदालत में दाखिल इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी और उसके चेयरमैन समेत 28 लोगों को विपक्षी बनाया गया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक लोक सेवक का पद है. इस पद पर आसीन नरेंद्र मोदी ने अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में किये गए है, इसलिए उनके विरुद्ध कोई भी विधिक कार्रवाई करने से पूर्व अभियोजन स्वीकृति अनिवार्य है. परिवादी ने ऐसी कोई अभियोजन स्वीकृति पेश नहीं की है. ऐसे परिवादी का वाद पोषणीय नहीं है.

वहीं प्रकरण के अनुसार युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और अधिवक्ता विकास सिंह ने अपने अधिवक्ता गोपाल कृष्ण के माध्यम से कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी, और उसके चेयरमैन समेत सभी 28 विपक्षीगणों ने आपस में मिलीभगत करते हुए बिना किसी परीक्षण के कोविड शील्ड नामक दवा बनाकर लोगों को भय दिखाकर कोरोना वैक्सीन लोगों को जबरन लगवायी. साथ ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से लाभ अर्जित किया गया.

वहीं याचिका में यह भी आरोप है कि विपक्षीगणों ने यह जानते हुए कि इस दवा के साइड इफेक्ट होंगे, लोगों को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला गया. इस मामले की जानकारी होने पर युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. साथ ही यह भी मांग की गई थी कि इस मामले में जितने भी लोग इस दवा के साइड इफेक्ट से पीड़ित हैं उन सभी को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए.

ये भी पढ़ें- 20 करोड़ आबादी और 79 उम्मीदवार; यूपी में सिर्फ 4 मुस्लिम जीते सांसद, हर चुनाव घट रही इनकी भागीदारी - Lok Sabha elections 2024

Last Updated : Jun 15, 2024, 11:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.