कोलकाता: टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार रात राजभवन का दौरा किया. अभिषेक बनर्जी ने राज्यपाल से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग पर उंगली उठाई. अभिषेक ने बीजेपी पर नहीं बल्कि चुनाव आयोग (ECI) और मुख्य चुनाव आयुक्त पर हमला करते हुए कहा, 'ईसीआई ने अपनी रीढ़ बीजेपी को बेचकर आत्मसमर्पण कर दिया है. दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी गई.'
प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक के अलावा राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय, शशि पांजा, फिरहाद हकीम अरूप विश्वास, ब्रत्य बसु, सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, माला रॉय, तृणमूल नेता कुणाल घोष और असीमा पात्रा शामिल थे. तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव आयोग मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए 24 घंटे का शांतिपूर्ण धरना कार्यक्रम किया. इस बीच दिल्ली पुलिस ने तृणमूल सांसदों सहित एक प्रतिनिधिमंडल को उठाया. राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने इस मामले को लेकर राजभवन का दरवाजा खटखटाया. अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से समय मांगा. फिर रात 9 बजे से कुछ देर पहले प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा.
बैठक के बाद अभिषेक ने कहा, 'महिला सांसदों को पुलिस ने जिस तरह से घसीटा, उसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है. दो हफ्ते पहले डोला सेन के पैर का ऑपरेशन हुआ था. उन्हें घसीटा गया. लोगों के घर तोड़ दिए गए, प्राकृतिक आपदा के कारण उनके लिए काम करने की अनुमति दें. हम केंद्र से पैसा नहीं मांग रहे हैं. आठ दिन हो गए लेकिन अभी तक आयोग ने अनुमति नहीं दी.
उन्होंने यह भी कहा, 'जिस चुनाव आयुक्त को नियुक्त किया गया है, वह नहीं चाहते कि गरीबों के घर ठीक हों. सबूत होने के बाद भी चुनाव आयोग एनआईए एसपी को क्यों नहीं हटाएगा? बीजेपी की शिकायत पर राज्य पुलिस डीजी, जिला आयुक्त बदले गए, क्यों? वहां एनआईए निदेशक बदलो? ऐसा नहीं होगा? हमारी शिकायत बीजेपी से नहीं, बल्कि चुनाव आयोग से है. बीजेपी की हालत 2021 से भी बदतर होगी.
राजभवन जाने से पहले अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा, 'जैसे-जैसे समय बीत रहा है, जमींदारों जैसी बांग्ला विरोधी ताकतें सत्ता पर कब्जा करने के लिए बेचैन और हिंसक होती जा रही हैं. बंगाल उन्हें करारा जवाब देगा. राजभवन जाने से पहले सोशल मीडिया पर उनके संदेश को राजनीतिक हलकों में काफी अहम माना जा रहा है.