लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) (RO-ARO) परीक्षा 2023 निरस्त कर दी है. सीएम ने शनिवार को परीक्षा की समीक्षा की. इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जिसके संबंध में शासन ने परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित तथ्यों के साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की विज्ञप्ति जारी की थी.
उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में सीएम योगी ने यह निर्देश दिया है कि 11 फरवरी को आयोजित दोनों सत्रों की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया जाए. आगामी 06 माह में पुनः परीक्षा कराई जाए.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए यह प्रकरण राज्य की एसटीएफ को संदर्भित कर दिया जाए. एसटीएफ शीघ्रातिशीघ्र इसकी विवेचना संपन्न करेगी तथा इस कृत्य में लिप्त सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
बता दें कि लोक सेवा आयोग की आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा निरस्त कर दोबारा परीक्षा करवाए जाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है. अभ्यर्थियों की मांग थी कि पेपर लीक होने पर पुलिस भर्ती परीक्षा को जिस तरह से निरस्त किया गया है, उसी तरह से RO-ARO भर्ती परीक्षा को भी निरस्त करके दोबारा परीक्षा करवाई जाए.
लगाने लगे योगी जिंदाबाद के नारे
11 फरवरी को प्रदेश भर में आयोजित हुई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक हो गया था. जिसके बाद भर्ती में शामिल अभ्यर्थी 12 फरवरी से लगातार परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे.योगी सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग मान ली है . इसकी सूचना जैसे ही मिली, प्रयागराज में धरना प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने योगी सरकार जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. अभ्यर्थी अब सरकार की सराहना करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दे रहे हैं. अभ्यर्थी सरकार और योगी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए कह रहे हैं कि उनकी मांग मान ली है, जिससे उनका आंदोलन सफल हो गया है.