पटना: बिहार में एनडीए सरकार का 12 फरवरी 2024 को फ्लोर टेस्ट होना है. फ्लोर टेस्ट से पहले नीतीश कुमार दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. नीतीश के अचानक दिल्ली जाने को लेकर सियासी कयास लगाए जाने लगे हैं. कुछ हफ्ते पहले नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की बठक में शामिल होने के लिए दिल्ली की दौड़ में शामिल होते थे और अब जब बिहार में नीतीश ने अपना गठबंधन बदल लिया है तो अब वो पीएम मोदी से मुलाकात करने जा रहे हैं. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि नीतीश कुमार परेशान हैं और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और पीएम मोदी से परेशानी से निबटने की सलाह लेकर वापस लौटेंगे.
12 फरवरी को नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट : 28 जनवरी को बिहार में नीतीश कुमार ने पाला बदलकर बीजेपी के साथ एनडीए की सरकार बना ली है. अब 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने भी अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. नीतीश कुमार को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पास कराना है. इन सब के बीच नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली जा रहे हैं. यह कार्यक्रम अचानक बना है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नोएडा से भी मिलेंगे.
नीतीश के दिल्ली दौरे का कार्यक्रम : नीतीश कुमार के अचानक दिल्ली कार्यक्रम को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि बिहार में बहुमत साबित करने को लेकर नीतीश कुमार कहीं ना कहीं परेशान हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का भी कहना है कि ''नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ जेपी नड्डा से मुलाकात में उनसे फ्लोर टेस्ट को लेकर चर्चा तो करेंगे ही साथ ही यदि कोई असहज स्थिति पैदा हुई तो आगे क्या कुछ करना है उस पर भी रणनीति तैयार करने की कोशिश करेंगे.''
नीतीश को सता रहा 'बिहार में खेला का डर'? : बीजेपी और जदयू के मंत्री और नेता लगातार कह रहे हैं कि बहुमत हासिल करने में कहीं कोई परेशानी नहीं है. लेकिन तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से बयान दिया था कि 'बिहार में खेला होगा' आरजेडी का इशारा अभी भी कुछ उस तरफ ही है. राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी का कहना है कि ''आगे-आगे देखिए होता क्या है.'' वहीं नीतीश कुमार के दिल्ली जाने पर राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव का कहना है कि ''कहीं जाएं लेकिन बिहार में आज हर विधायक असुरक्षित और असहज महसूस कर रहा है.''
'इंडिया गठबंधन को मैसेज' : दूसरी तरफ नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से मुलाकात के कई मायने भी हैं. नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर एक मैसेज भी इंडिया गठबंधन को देने की कोशिश करेंगे. संभवत इसलिए भी प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को तुरंत मिलने का समय भी दे दिया है. क्योंकि, पहले जो जानकारी थी कि नीतीश कुमार बहुमत मिलने के बाद दिल्ली जाने वाले थे.
बिहार में दलगत स्थिति : बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं. जिसमें से एनडीए के पास 128 विधायक हैं, जो बहुमत के 122 के आंकड़ा से 6 अधिक है. लेकिन जीतन मांझी की नाराजगी, जदयू खेमे में भी विधायकों का पार्टी लाइन से अलग बयान, ये सबकुछ नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है. ऐसे में देखना है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जब मुलाकात करेंगे तो केवल बहुमत के सिलसिले में ही बातचीत होगी या मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर बिहार के लिए विशेष पैकेज और अन्य मांगों पर भी चर्चा करेंगे.
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