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UCC बिल हुआ पेश, भारत के संविधान की मूल प्रति हाथों में लेकर विधानसभा पहुंचे सीएम धामी

CM Dhami with Constitution book, UCC in Uttarakhand आज पूरे देश की नजरें उत्तराखंड पर हैं. उत्तराखंड विधानसभा में धामी सरकार ने यूसीसी बिल पेश किया है. इससे पहले सीएम धामी जब विधानसभा को रवाना हुए तो घर से निकलते समय उनके हाथों में भारत का संविधान की मूल प्रति थी. भारत के संविधान की किताब सीने से लगाए धामी विधानसभा भवन के लिए रवाना हुए.

CM Dhami
सीएम धामी संविधान
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Feb 6, 2024, 11:44 AM IST

सीएम धामी का अनोखा अंदाज

देहरादून (उत्तराखंड): आज उत्तराखंड असेंबली में यूसीसी बिल पेश हो गया है. वहीं, इससे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का अनोखा अंदाज दिखाई दिया. सीएम धामी भारत के संविधान की मूल प्रति हाथों में पकड़कर विधानसभा पहुंचे. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व प्रेमचंद अग्रवाल भी सीएम के साथ मौजूद थे. उनके हाथों में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट की प्रति थी.

दरअसल, आज भारत के बाकी 27 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की नजर उत्तराखंड पर है. आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य होने जा रहा है जहां यूसीसी लागू होगा. गोवा में पुर्तगालियों के समय से यूसीसी लागू है. ऐसे में देश के अन्य राज्य भी आगे यूसीसी लागू करने पर विचार करेंगे.

Constitution book in the hands of CM Dhami
भारत के संविधान की मूल प्रति के साथ विधानसभा जाते सीएम धामी.

उत्तराखंड का जो यूसीसी बिल आज विधानसभा में पेश होने जा रहा है उसमें महिलाओं को खास खास तवज्जो दी गई है. रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. जाहिर है एक महिला ही महिलाओं के सामने आने वाली दिक्कतों को बेहतर समझ सकती है. इसके साथ ही समाज में धर्म के नाम पर व्याप्त अन्य असमानताओं को भी यूसीसी के जरिए दूर करने की कोशिश की जा रही है.

उत्तराखंड की धामी सरकार जो यूसीसी बिल पेश किया है उसमें सभी धर्म के विवाह के लिए न्यूनतम आयु भी 18 वर्ष तय की गई है. ऐसा होने से बेटियों के कम उम्र में शादी की व्यवस्था को खत्म हो जाएगी. ड्राफ्ट में शादी के पंजीकरण को भी आवश्यक किया गया है. इससे भविष्य की सुरक्षा तय हो पाएगी. शादी को लेकर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूती दी जा सकेगी. ऐसा ना करने वालों को तमाम सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
ये भी पढ़ें: महिलाओं को यूनिफार्म सिविल कोड देगा कई फायदे, UCC का महिलाओं ने किया स्वागत

सीएम धामी का अनोखा अंदाज

देहरादून (उत्तराखंड): आज उत्तराखंड असेंबली में यूसीसी बिल पेश हो गया है. वहीं, इससे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का अनोखा अंदाज दिखाई दिया. सीएम धामी भारत के संविधान की मूल प्रति हाथों में पकड़कर विधानसभा पहुंचे. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व प्रेमचंद अग्रवाल भी सीएम के साथ मौजूद थे. उनके हाथों में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट की प्रति थी.

दरअसल, आज भारत के बाकी 27 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की नजर उत्तराखंड पर है. आजादी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य होने जा रहा है जहां यूसीसी लागू होगा. गोवा में पुर्तगालियों के समय से यूसीसी लागू है. ऐसे में देश के अन्य राज्य भी आगे यूसीसी लागू करने पर विचार करेंगे.

Constitution book in the hands of CM Dhami
भारत के संविधान की मूल प्रति के साथ विधानसभा जाते सीएम धामी.

उत्तराखंड का जो यूसीसी बिल आज विधानसभा में पेश होने जा रहा है उसमें महिलाओं को खास खास तवज्जो दी गई है. रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. जाहिर है एक महिला ही महिलाओं के सामने आने वाली दिक्कतों को बेहतर समझ सकती है. इसके साथ ही समाज में धर्म के नाम पर व्याप्त अन्य असमानताओं को भी यूसीसी के जरिए दूर करने की कोशिश की जा रही है.

उत्तराखंड की धामी सरकार जो यूसीसी बिल पेश किया है उसमें सभी धर्म के विवाह के लिए न्यूनतम आयु भी 18 वर्ष तय की गई है. ऐसा होने से बेटियों के कम उम्र में शादी की व्यवस्था को खत्म हो जाएगी. ड्राफ्ट में शादी के पंजीकरण को भी आवश्यक किया गया है. इससे भविष्य की सुरक्षा तय हो पाएगी. शादी को लेकर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूती दी जा सकेगी. ऐसा ना करने वालों को तमाम सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
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Last Updated : Feb 6, 2024, 11:44 AM IST
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