नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश करना राजद्रोह के तहत आता है. बुधवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश का आरोप गैर-जिम्मेदारी पूर्वक नहीं लगाया जा सकता. दरअसल, हाईकोर्ट बीजू जनता दल के सांसद और वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा की ओर से वकील जय अनंत देहादराय के खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
पिनाकी मिश्रा ने याचिका दायर कर अनंत देहादराय को अपने खिलाफ झूठे और मानहानि वाले आरोप लगाने से रोकने की मांग की है. मिश्रा की ओर से पेश वकील समुद्र सारंगी ने कहा कि अनंत देहादराय अपने ट्वीट में उन्हें केनिंग लेन और उड़िया बाबू कहकर भ्रष्टाचार के मनगढ़ंत आरोप लगाते हैं. सुनवाई के दौरान अनंत देहादराय की ओर से पेश वकील राघव अवस्थी ने कहा कि अगर प्रथम दृष्टया सच्चाई सामने रखी जा रही है तो रोक का कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है.
अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट के ब्लूमबर्ग मामले का हवाला दिया. तब सारंगी ने कहा कि देहादराय ने पिनाकी मिश्रा के खिलाफ आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रची है. बीजू जनता दल वैचारिक रूप से बीजेपी और प्रधानमंत्री के साथ है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अवस्थी से पूछा कि पिनाकी मिश्रा प्रधानमंत्री के खिलाफ कैसे साजिश रच रहे हैं. तब अवस्थी ने किहा कि पिनाकी मिश्रा और महुआ मोइत्रा के संबंधों के आधार पर.
इस पर कोर्ट ने कहा कि आप समझिए, प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश के आरोप गंभीर हैं. जहां तक महुआ मोइत्रा के आरोपों का सवाल है तो वो हाईकोर्ट में लंबित है, लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश का किसी सांसद के खिलाफ आरोप लगाना काफी गंभीर है. आप इसे साबित करें नहीं तो हमें आप पर रोक लगानी होगी.
इस पर अवस्थी ने कहा कि देहादराय ने व्यक्तिगत रूप से पिनाकी मिश्रा और महुआ मोइत्रा को साजिश रचते देखा. इस बात का साक्ष्य कारोबारी दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा है. तब कोर्ट ने कहा कि आप जो कह रहे हैं उसके गंभीर परिणाम होंगे. ये देश के उच्चस्थ पद का मामला है. प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का मामला राष्ट्रद्रोह के तहत आता है, इसलिए आप सावधान रहें.
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इस मामले की सुनवाई जब दोपहर बाद शुरु हुई, तो अनंत देहादराय ने कहा कि वे पिनाकी मिश्रा के खिलाफ ऐसा कोई आरोप नहीं लगाएंगे कि उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ आपराधिक साजिश रची है. तब कोर्ट ने अनंत देहादराय को चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.
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