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श्रीनगर बेस अस्पताल में महिला ने तीन शिशुओं को दिया जन्म, तमाम कॉम्प्लिकेशंस पर डॉक्टरों ने पाई जीत, नामकरण भी किया - Srinagar Base Hospital

Woman gives birth to three babies in Srinagar Base Hospital चमोली जिले की एक महिला ने श्रीनगर बेस अस्पताल में एक साथ 3 शिशुओं को जन्म दिया. जन्म के समय शिशु बहुत कमजोर थे. बेस अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने 10 दिन की अथक मेहनत के बाद तीनों शिशुओं जिनमें दो बॉय और एक गर्ल है को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाकर घेर भेजा है. तीनों शिशुओं का नामकरण भी 'A' या 'अ' अक्षर से किया गया है.

Birth of triplets
श्रीनगर बेस अस्पताल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 11:11 AM IST

Updated : Mar 19, 2024, 1:42 PM IST

महिला ने तीन शिशुओं को दिया जन्म

श्रीनगर (उत्तराखंड): बेस चिकित्सालय श्रीकोट में विगत नौ मार्च को चमोली जिले के नंदानगर भैटी गांव की एक महिला ने तीन शिशुओं को एक साथ जन्म दिया. जन्म के बाद शिशुओं के वजन से साथ ही अन्य तरह की परेशानियां थी. लेकिन बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 10 दिन के परिश्रम के बाद महिला और उसके नवजात शिशुओं को नया जीवनदान दिया.

Srinagar Base Hospital
महिला ने तीन बच्चों को एक साथ दिया जन्म

महिला ने तीन शिशुओं को दिया जन्म: दो बेटे एवं एक बेटी को जन्म देने वाली माता एवं उसके पति एवं उसके परिजनों ने शिशुओं को बेहतर इलाज देकर उनको नया जीवन देने पर बेस अस्पताल के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया. भैटी गांव नंदानगर घाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय नेहा पत्नी कमल सिंह ने विगत नौ मार्च को बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग में भर्ती होने के बाद तीन बच्चों को जन्म दिया. गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया था.

जन्म के समय कमजोर थे शिशु: तीन शिशु होने पर डॉ. बोरा ने पहले ही परिजनों को अस्पताल के नजदीक रहने की सलाह दी. इस पर नेहा के पति कमल सिंह ने श्रीकोट में ही छह माह पहले कमरा ले लिया था. प्रसव पीड़ा होने पर परिजन नेहा को बेस चिकित्सालय लाए. बेस चिकित्सालय में भर्ती नेहा ने तीन शिशुओं को जन्म दिया. जन्म के समय तीनों शिशु काफी कमजोर थे. ऐसे में बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. अशोक शर्मा, एसो. प्रोफेसर डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत, असि. प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरि, मोनिका जसल और डॉ. मीनाक्षी ने बच्चों का इलाज और देखभाल की.

डॉक्टरों ने ऐसे की नवजातों की केयर: डॉ. अंकिता गिरि ने बताया कि शिशु समय से पहले जन्मे थे. इसलिए वो काफी कमजोर थे. जिसके बाद नीक्कू वार्ड (जहां नवजातों को रखा जाता है) में भर्ती कर शिशुओं को पूरा ट्रीटमेंट दिया गया. कंगारू मदर केयर देने से लेकर तमाम सलाह और ट्रेनिंग मां व परिजनों को दी गई. शिशु मां का दूध पी रहे हैं. सभी जांच सामान्य होने तथा शिशुओं के स्वस्थ्य होने के बाद जच्चा-बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. टीम में डॉ. अर्चिता, डॉ. प्रीती, डॉ. संजना, डॉ. उर्वशी, डॉ. ज्ञान प्रकाश और डॉ. रविंद्र शामिल रहे.

Srinagar Base Hospital
डॉक्टरों की मेहनत से जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं

बेहतर इलाज देने पर डॉक्टरों का जताया आभार: नेहा के तीन शिशुओं को बेहतर इलाज देने पर महिला के पति कमल सिंह, बुआ बुदली देवी, सास बीना देवी, आशा कार्यकत्री सतेश्वरी कंडारी ने गायनी एवं बाल रोग विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि तीन शिशु होने पर डॉक्टरों ने जिस प्रकार से बेहतर ढंग से बच्चों व मां को शानदार इलाज दिया, उससे उन्हें दोगुनी खुशी मिली है.

बेटों के नाम अक्षांश, अयांश और बेटी का नाम रखा अंशिका: नेहा के पति कमल ने बताया कि दस दिन भर्ती होने के बाद अस्पताल में ही बच्चों के नाम रख दिये गये. उन्होंने बताया कि एक बेटे का नाम अक्षांश, दूसरे बेटे का नाम अयांश तथा उनकी बहन का नाम अंशिका रखा गया. कमल ने बताया कि वह मस्कट ओमान में होटल में कार्यरत थे. पिछले छह माह से पत्नी एवं बच्चों की देखभाल के लिए घर पर ही रहे.

चिकित्सा अधीक्षक ने क्या कहा: बेस अस्पताल श्रीनगर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजेय विक्रम सिंह ने बताया कि बेस अस्पताल में नंदानगर घाट क्षेत्र की एक महिला ने तीन शिशुओं को जन्म दिया. अस्पताल के गायनी विभाग, बाल रोग विभाग, एनेस्थिसिया विभाग के डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ ने महिला एवं उसके तीन शिशुओं को बेहतर उपचार व सुविधा दी हैं. महिला एवं उसके परिजनों द्वारा भी इलाज में बेहतर रिस्पांस दिया गया. जिसके लिए सभी इलाज में सहयोगी चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ के साथ साथ सपोर्टिंग स्टाफ को बहुत बहुत बधाई.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने क्या कहा: श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएमएस रावत ने कहा कि प्रेग्नेंसी होना, फिर ट्रिपलेट होना, उसके बाद तीनों को सुरक्षित सिजेरियन कर निकालना और तीनों नवजात शिशुओं को सामान्य वजन कर सुरक्षित डिस्चार्ज करना, यही तो चिकित्सक व उनकी टीम की ईश्वरीय सेवा व सौगात है. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के इन चिकित्सकों व उनकी पूरी टीम की इस सेवा पर मुझे गर्व है. कमल सिंह एवं परिवार को बहुत बहुत बधाई. तीनों नवजात शिशुओं को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज परिवार की ओर से शुभ आशीर्वाद है.

क्या है कंगारू मदर केयर: कंगारू मदर केयर (KMC) मेडिकल के क्षेत्र में शिशुओं की देखभाल का एक चर्चित टर्म है. दरअसल यह कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल का एक सरल तरीका है. इसमें मां के साथ जल्दी और लंबे समय तक त्वचा से त्वचा का संपर्क रखकर शिशुओं को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है. विशेष और लगातार स्तनपान कंगारू मदर केयर का प्रमुख लक्षण है. इससे शिशुओं की देखभाल प्राकृतिक रूप से होती है और मां का तापमान उनके तापमान को स्थिरता प्रदान करता है. मां का दूध पिलाते रहने से कमजोरी तो दूर होती ही है, संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है.
ये भी पढ़ें: रामनगर में महिला ने तीन बच्चों को दिया जन्म, दो बेटी और एक बेटा

ये भी पढ़ें: रुड़की: महिला ने तीन बच्चों को एक साथ दिया जन्म, जच्चा-बच्चा सभी स्वस्थ

महिला ने तीन शिशुओं को दिया जन्म

श्रीनगर (उत्तराखंड): बेस चिकित्सालय श्रीकोट में विगत नौ मार्च को चमोली जिले के नंदानगर भैटी गांव की एक महिला ने तीन शिशुओं को एक साथ जन्म दिया. जन्म के बाद शिशुओं के वजन से साथ ही अन्य तरह की परेशानियां थी. लेकिन बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने 10 दिन के परिश्रम के बाद महिला और उसके नवजात शिशुओं को नया जीवनदान दिया.

Srinagar Base Hospital
महिला ने तीन बच्चों को एक साथ दिया जन्म

महिला ने तीन शिशुओं को दिया जन्म: दो बेटे एवं एक बेटी को जन्म देने वाली माता एवं उसके पति एवं उसके परिजनों ने शिशुओं को बेहतर इलाज देकर उनको नया जीवन देने पर बेस अस्पताल के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया. भैटी गांव नंदानगर घाट क्षेत्र निवासी 28 वर्षीय नेहा पत्नी कमल सिंह ने विगत नौ मार्च को बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग में भर्ती होने के बाद तीन बच्चों को जन्म दिया. गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया था.

जन्म के समय कमजोर थे शिशु: तीन शिशु होने पर डॉ. बोरा ने पहले ही परिजनों को अस्पताल के नजदीक रहने की सलाह दी. इस पर नेहा के पति कमल सिंह ने श्रीकोट में ही छह माह पहले कमरा ले लिया था. प्रसव पीड़ा होने पर परिजन नेहा को बेस चिकित्सालय लाए. बेस चिकित्सालय में भर्ती नेहा ने तीन शिशुओं को जन्म दिया. जन्म के समय तीनों शिशु काफी कमजोर थे. ऐसे में बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. अशोक शर्मा, एसो. प्रोफेसर डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत, असि. प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरि, मोनिका जसल और डॉ. मीनाक्षी ने बच्चों का इलाज और देखभाल की.

डॉक्टरों ने ऐसे की नवजातों की केयर: डॉ. अंकिता गिरि ने बताया कि शिशु समय से पहले जन्मे थे. इसलिए वो काफी कमजोर थे. जिसके बाद नीक्कू वार्ड (जहां नवजातों को रखा जाता है) में भर्ती कर शिशुओं को पूरा ट्रीटमेंट दिया गया. कंगारू मदर केयर देने से लेकर तमाम सलाह और ट्रेनिंग मां व परिजनों को दी गई. शिशु मां का दूध पी रहे हैं. सभी जांच सामान्य होने तथा शिशुओं के स्वस्थ्य होने के बाद जच्चा-बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. टीम में डॉ. अर्चिता, डॉ. प्रीती, डॉ. संजना, डॉ. उर्वशी, डॉ. ज्ञान प्रकाश और डॉ. रविंद्र शामिल रहे.

Srinagar Base Hospital
डॉक्टरों की मेहनत से जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं

बेहतर इलाज देने पर डॉक्टरों का जताया आभार: नेहा के तीन शिशुओं को बेहतर इलाज देने पर महिला के पति कमल सिंह, बुआ बुदली देवी, सास बीना देवी, आशा कार्यकत्री सतेश्वरी कंडारी ने गायनी एवं बाल रोग विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि तीन शिशु होने पर डॉक्टरों ने जिस प्रकार से बेहतर ढंग से बच्चों व मां को शानदार इलाज दिया, उससे उन्हें दोगुनी खुशी मिली है.

बेटों के नाम अक्षांश, अयांश और बेटी का नाम रखा अंशिका: नेहा के पति कमल ने बताया कि दस दिन भर्ती होने के बाद अस्पताल में ही बच्चों के नाम रख दिये गये. उन्होंने बताया कि एक बेटे का नाम अक्षांश, दूसरे बेटे का नाम अयांश तथा उनकी बहन का नाम अंशिका रखा गया. कमल ने बताया कि वह मस्कट ओमान में होटल में कार्यरत थे. पिछले छह माह से पत्नी एवं बच्चों की देखभाल के लिए घर पर ही रहे.

चिकित्सा अधीक्षक ने क्या कहा: बेस अस्पताल श्रीनगर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजेय विक्रम सिंह ने बताया कि बेस अस्पताल में नंदानगर घाट क्षेत्र की एक महिला ने तीन शिशुओं को जन्म दिया. अस्पताल के गायनी विभाग, बाल रोग विभाग, एनेस्थिसिया विभाग के डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ ने महिला एवं उसके तीन शिशुओं को बेहतर उपचार व सुविधा दी हैं. महिला एवं उसके परिजनों द्वारा भी इलाज में बेहतर रिस्पांस दिया गया. जिसके लिए सभी इलाज में सहयोगी चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ के साथ साथ सपोर्टिंग स्टाफ को बहुत बहुत बधाई.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने क्या कहा: श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीएमएस रावत ने कहा कि प्रेग्नेंसी होना, फिर ट्रिपलेट होना, उसके बाद तीनों को सुरक्षित सिजेरियन कर निकालना और तीनों नवजात शिशुओं को सामान्य वजन कर सुरक्षित डिस्चार्ज करना, यही तो चिकित्सक व उनकी टीम की ईश्वरीय सेवा व सौगात है. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के इन चिकित्सकों व उनकी पूरी टीम की इस सेवा पर मुझे गर्व है. कमल सिंह एवं परिवार को बहुत बहुत बधाई. तीनों नवजात शिशुओं को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज परिवार की ओर से शुभ आशीर्वाद है.

क्या है कंगारू मदर केयर: कंगारू मदर केयर (KMC) मेडिकल के क्षेत्र में शिशुओं की देखभाल का एक चर्चित टर्म है. दरअसल यह कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल का एक सरल तरीका है. इसमें मां के साथ जल्दी और लंबे समय तक त्वचा से त्वचा का संपर्क रखकर शिशुओं को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है. विशेष और लगातार स्तनपान कंगारू मदर केयर का प्रमुख लक्षण है. इससे शिशुओं की देखभाल प्राकृतिक रूप से होती है और मां का तापमान उनके तापमान को स्थिरता प्रदान करता है. मां का दूध पिलाते रहने से कमजोरी तो दूर होती ही है, संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है.
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Last Updated : Mar 19, 2024, 1:42 PM IST
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