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ट्रांसपोर्ट विभाग का अजब-गजब कारनामा: लखनऊ में खड़ी गाड़ी का बिहार में कटा चालान, परेशान वाहन मालिक पहुंचा थाने, लगातार आ रही शिकायतें - E challan

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 29, 2024, 10:22 PM IST

लखनऊ में परिवहन विभाग का एक और कारनामा सामने आया है. राजधानी लखनऊ में घर पर खड़ी गाड़ी का बिहार में दो हजार का चालान कट गया. जिसके बाद परेशान वाहन स्वामी ने थाने में शिकायत की. वहीं लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें दूसरे राज्यों में बिना गए गाड़ियों के चालान कट रहे हैं.

चालान मिलते ही क्यों थाने पहुंचा वाहन मालिक
चालान मिलते ही क्यों थाने पहुंचा वाहन मालिक (PHOTO credits ETV BHARAT)

बिना गए दूसरे दूसरे राज्यों में कट रहे चालान
बिना गए दूसरे दूसरे राज्यों में कट रहे चालान (PHOTO credits ETV BHARAT)

लखनऊ: देश में परिवहन विभाग में ट्रांसपेरेंसी लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने के उद्देश्य से ई-चालान सिस्टम लाया गया. जिसके जरिए भुगतान करना आसान होने के साथ साथ रिश्वत के लेनदेन पर भी अंकुश लागने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ई- चालान के जहां कई फायदें हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी सामने आ रहे हैं. ई-चालान ने वाहन मालिकों की परेशानियों को बढ़ा दी हैं. विभाग की मनमानी ऐसी है कि घर में खड़ी गाड़ी का दूसरे राज्य के शहर में चालान कर दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है लखनऊ में. जहां राजधानी के टिकैत राय तालाब निवासी रवि श्रीवास्तव की गाड़ी उनके घर पर खड़ी थी, लेकिन बिहार के मोतिहारी शहर में गाड़ी का चालान हो गया. उनके पास दो हजार रुपये के ई-चालान का मैसेज आया तो वह हैरान रह गए. अब रवि श्रीवास्तव ने थाना बाजार खाला में शिकायत की है. इसी तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. लखनऊ के ही एक वाहन मालिक जो अपनी गाड़ी से सब्जी ढोने का काम करता है, उसका चालान उत्तराखंड में हो गया, जबकि वह कभी वाहन लेकर उत्तराखंड गया ही नहीं.

लखनऊ में खड़ी गाड़ी का बिहार से आया ई चालान
लखनऊ में खड़ी गाड़ी का बिहार से आया ई चालान (PHOTO credits ETV BHARAT)

लखनऊ के 217/2 MMIG टिकैत राय तालाब LDA कॉलोनी निवासी रवि श्रीवास्तव की कार का नंबर यूपी 32 HS 9977 है. 27 जून की शाम 5:53 बजे उनकी गाड़ी का चालान हो गया. चालान भी लखनऊ में न होकर बिहार के मोतिहारी शहर में हुआ. बिहार परिवहन विभाग के तरफ से आया चालान देखकर रवि हैरान रह गए. क्योंकि उनकी गाड़ी लखनऊ में घर पर खड़ी है, तो मोतिहारी में चालान कैसे हो सकता है. मामले की गंभीरता को समझते हुए रवि ने पुलिस स्टेशन बाजार खाला में तहरीर दी है.

ई चालान से परेशान वाहन मालिक ने दी दहरीर
ई चालान से परेशान वाहन मालिक ने दी दहरीर (PHOTO credits ETV BHARAT)

अपने शिकायत में उन्होंने कहा कि, न वह बिहार गए न उनकी गाड़ी गई तो फिर गाड़ी का चालान होना संदेहास्पद है. उन्होंने थानाध्यक्ष से मामले की गंभीरता समझते हुए जांच करने का अनुरोध किया है. इससे पहले भी लखनऊ के इटौंजा निवासी राजू जिनके वाहन का नंबर यूपी 32 एफएन 3340 है. राजू अपने गुड्स कैरियर वाहन से सब्जी मंडी में काम करते हैं. 23 सितंबर 2015 को राजू ने अपनी गाड़ी खरीदी और लखनऊ आरटीओ में रजिस्टर्ड कराई. समय-समय पर वाहन की फिटनेस होती रही. पिछली बार उन्होंने गाड़ी की फिटनेस कराई जिसकी वैलिडिटी 24 सितंबर 2023 तक थी. जब फिटनेस का समय करीब आया था तो राजू ने फिटनेस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी की फिटनेस में अड़ंगा लग गया.

दरअसल राजू की गाड़ी को हरिद्वार एआरटीओ की तरफ से लॉक कर दिया गया था, जबकि राजू का कहना था कि, कभी खुद उत्तराखंड या हरिद्वार गए न उनकी गाड़ी हरिद्वार गई. जिस 30 जुलाई 2022 को गाड़ी को हरिद्वार में दिखाया गया उस दिन वह लखनऊ में ही थे. ऐसे में भला गाड़ी कैसे हरिद्वार में हो सकती है कि लॉक कर दी जाए.

जिस तरह गाड़ी यूपी के लखनऊ में और लॉक उत्तराखंड के हरिद्वार में कर दी गई थी. इसी तरह के मामले दूसरे राज्यों से भी सामने आए. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2016 से लेकर साल 2021 तक के वाहनों के चालान माफ किए, तो ऐसे वाहनों के मामले खुले. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में वाहनों का चालान कर उन्हें लॉक करने की कार्रवाई कर दी गई.

ये भी पढ़ें:परिवहन विभाग ने डाटा अपडेशन में बदल दी वाहनों की कैटेगरी, खामियाजा भुगत रहे वाहन स्वामी - Mistake of Transport Department

बिना गए दूसरे दूसरे राज्यों में कट रहे चालान
बिना गए दूसरे दूसरे राज्यों में कट रहे चालान (PHOTO credits ETV BHARAT)

लखनऊ: देश में परिवहन विभाग में ट्रांसपेरेंसी लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने के उद्देश्य से ई-चालान सिस्टम लाया गया. जिसके जरिए भुगतान करना आसान होने के साथ साथ रिश्वत के लेनदेन पर भी अंकुश लागने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ई- चालान के जहां कई फायदें हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी सामने आ रहे हैं. ई-चालान ने वाहन मालिकों की परेशानियों को बढ़ा दी हैं. विभाग की मनमानी ऐसी है कि घर में खड़ी गाड़ी का दूसरे राज्य के शहर में चालान कर दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है लखनऊ में. जहां राजधानी के टिकैत राय तालाब निवासी रवि श्रीवास्तव की गाड़ी उनके घर पर खड़ी थी, लेकिन बिहार के मोतिहारी शहर में गाड़ी का चालान हो गया. उनके पास दो हजार रुपये के ई-चालान का मैसेज आया तो वह हैरान रह गए. अब रवि श्रीवास्तव ने थाना बाजार खाला में शिकायत की है. इसी तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. लखनऊ के ही एक वाहन मालिक जो अपनी गाड़ी से सब्जी ढोने का काम करता है, उसका चालान उत्तराखंड में हो गया, जबकि वह कभी वाहन लेकर उत्तराखंड गया ही नहीं.

लखनऊ में खड़ी गाड़ी का बिहार से आया ई चालान
लखनऊ में खड़ी गाड़ी का बिहार से आया ई चालान (PHOTO credits ETV BHARAT)

लखनऊ के 217/2 MMIG टिकैत राय तालाब LDA कॉलोनी निवासी रवि श्रीवास्तव की कार का नंबर यूपी 32 HS 9977 है. 27 जून की शाम 5:53 बजे उनकी गाड़ी का चालान हो गया. चालान भी लखनऊ में न होकर बिहार के मोतिहारी शहर में हुआ. बिहार परिवहन विभाग के तरफ से आया चालान देखकर रवि हैरान रह गए. क्योंकि उनकी गाड़ी लखनऊ में घर पर खड़ी है, तो मोतिहारी में चालान कैसे हो सकता है. मामले की गंभीरता को समझते हुए रवि ने पुलिस स्टेशन बाजार खाला में तहरीर दी है.

ई चालान से परेशान वाहन मालिक ने दी दहरीर
ई चालान से परेशान वाहन मालिक ने दी दहरीर (PHOTO credits ETV BHARAT)

अपने शिकायत में उन्होंने कहा कि, न वह बिहार गए न उनकी गाड़ी गई तो फिर गाड़ी का चालान होना संदेहास्पद है. उन्होंने थानाध्यक्ष से मामले की गंभीरता समझते हुए जांच करने का अनुरोध किया है. इससे पहले भी लखनऊ के इटौंजा निवासी राजू जिनके वाहन का नंबर यूपी 32 एफएन 3340 है. राजू अपने गुड्स कैरियर वाहन से सब्जी मंडी में काम करते हैं. 23 सितंबर 2015 को राजू ने अपनी गाड़ी खरीदी और लखनऊ आरटीओ में रजिस्टर्ड कराई. समय-समय पर वाहन की फिटनेस होती रही. पिछली बार उन्होंने गाड़ी की फिटनेस कराई जिसकी वैलिडिटी 24 सितंबर 2023 तक थी. जब फिटनेस का समय करीब आया था तो राजू ने फिटनेस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी की फिटनेस में अड़ंगा लग गया.

दरअसल राजू की गाड़ी को हरिद्वार एआरटीओ की तरफ से लॉक कर दिया गया था, जबकि राजू का कहना था कि, कभी खुद उत्तराखंड या हरिद्वार गए न उनकी गाड़ी हरिद्वार गई. जिस 30 जुलाई 2022 को गाड़ी को हरिद्वार में दिखाया गया उस दिन वह लखनऊ में ही थे. ऐसे में भला गाड़ी कैसे हरिद्वार में हो सकती है कि लॉक कर दी जाए.

जिस तरह गाड़ी यूपी के लखनऊ में और लॉक उत्तराखंड के हरिद्वार में कर दी गई थी. इसी तरह के मामले दूसरे राज्यों से भी सामने आए. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2016 से लेकर साल 2021 तक के वाहनों के चालान माफ किए, तो ऐसे वाहनों के मामले खुले. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में वाहनों का चालान कर उन्हें लॉक करने की कार्रवाई कर दी गई.

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