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प्रज्वल रेवन्ना को वापस लाने में केंद्र सहयोग के लिए तैयार : प्रह्लाद जोशी - Prajwal Revanna case - PRAJWAL REVANNA CASE

Prajwal Revanna case, महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी जद (S) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को देश वापस लाने में सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है. उक्त बातें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहीं. पढ़िए पूरी खबर...

Union Minister Prahlad Joshi says the Center is ready to cooperate in bringing back Prajwal Revanna
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा केंद्र प्रज्वल रेवन्ना को वापस लाने में सहयोग के लिए तैयार (IANS)
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By PTI

Published : May 23, 2024, 3:53 PM IST

कालाबुर्गी (कर्नाटक) : केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी जद (S) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. उसे देश वापस लाने में सहयोग करने को तैयार है. राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि उन्होंने विदेश जाने से पहले मामला दर्ज क्यों नहीं किया और प्रज्वल को हिरासत में क्यों नहीं लिया. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर केंद्र पर दोष मढ़ने और इस मुद्दे पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया.

केंद्रीय मंत्री जोशी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करने के सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की एक प्रक्रिया है.अभी तक सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार (उपमुख्यमंत्री) और परमेश्वर (गृह मंत्री) ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया है. जोशी ने पूछा कि क्लिपिंग वाली पहली पेन ड्राइव (प्रज्वल से जुड़ी स्पष्ट क्लिपिंग) 21 अप्रैल को सामने आई और प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल को विदेश के लिए रवाना हो गए. क्या वे सात दिनों तक क्या कर रहे थे? आपने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की और उन्हें हिरासत में क्यों नहीं लिया?

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'उसे (प्रज्वल को) विदेश से वापस लाने की एक प्रक्रिया है और भारत सरकार कानून के अनुसार आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करके राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए तैयार है.' जोशी ने आगे कहा, 'लेकिन यह बात कि जैसे ही हम (सीएम या राज्य सरकार) लिखें, चीजें होनी चाहिए या फिर दोष बीजेपी पर डाल दें ( यह सही नहीं है). उन्होंने (राज्य सरकार ने) वोक्कालिगा वोटों पर नजर रखते हुए पहले चरण का मतदान (26 अप्रैल को) खत्म होने तक पेन ड्राइव मामले में कार्रवाई नहीं की. अब वे केंद्र पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक गंभीर मामला है और प्रज्वल को जांच का सामना करना होगा और दोषी पाए जाने पर सजा भी भुगतनी होगी.

उन्होंने कहा, इसमें कोई सवाल नहीं है, लेकिन कर्नाटक सरकार जांच से ज्यादा इस मामले में राजनीति करने की कोशिश कर रही है. सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र (22 मई) में कहा कि यह निराशाजनक है कि स्थिति की गंभीरता के बावजूद प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के संबंध में उनके पिछले पत्र पर कार्रवाई नहीं की गई है. मुख्यमंत्री ने इससे पहले 1 मई को मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए विदेश और गृह मंत्रालय से त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया था. इस बीच, विदेश मंत्रालय (MEA) प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की कर्नाटक सरकार की मांग के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय को कर्नाटक सरकार से एक पत्र मिला है जिसमें प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की गई है. 33 वर्षीय प्रज्वल, जो जद (एस) के संरक्षक और हसन लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार हैं, उन पर महिलाओं के यौन शोषण के कई मामलों का आरोप है. कथित तौर पर प्रज्वल हसन के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हो गए और अभी भी फरार हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के माध्यम से एसआईटी के अनुरोध के बाद, इंटरपोल द्वारा उसके ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने वाला एक 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' पहले ही जारी किया जा चुका है. मामले में एक विशेष अदालत ने एसआईटी द्वारा दायर एक आवेदन के बाद 18 मई को प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी की यात्रा की और यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी. उन्होंने बताया था, 'उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी.' उन्होंने कहा कि राजनीतिक निजी यात्रा के लिए राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मंजूरी की आवश्यकता होती है.

ये भी पढ़ें - प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने के लिए सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

कालाबुर्गी (कर्नाटक) : केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी जद (S) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. उसे देश वापस लाने में सहयोग करने को तैयार है. राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि उन्होंने विदेश जाने से पहले मामला दर्ज क्यों नहीं किया और प्रज्वल को हिरासत में क्यों नहीं लिया. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर केंद्र पर दोष मढ़ने और इस मुद्दे पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया.

केंद्रीय मंत्री जोशी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए त्वरित और आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करने के सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की एक प्रक्रिया है.अभी तक सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार (उपमुख्यमंत्री) और परमेश्वर (गृह मंत्री) ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया है. जोशी ने पूछा कि क्लिपिंग वाली पहली पेन ड्राइव (प्रज्वल से जुड़ी स्पष्ट क्लिपिंग) 21 अप्रैल को सामने आई और प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल को विदेश के लिए रवाना हो गए. क्या वे सात दिनों तक क्या कर रहे थे? आपने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की और उन्हें हिरासत में क्यों नहीं लिया?

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'उसे (प्रज्वल को) विदेश से वापस लाने की एक प्रक्रिया है और भारत सरकार कानून के अनुसार आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करके राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए तैयार है.' जोशी ने आगे कहा, 'लेकिन यह बात कि जैसे ही हम (सीएम या राज्य सरकार) लिखें, चीजें होनी चाहिए या फिर दोष बीजेपी पर डाल दें ( यह सही नहीं है). उन्होंने (राज्य सरकार ने) वोक्कालिगा वोटों पर नजर रखते हुए पहले चरण का मतदान (26 अप्रैल को) खत्म होने तक पेन ड्राइव मामले में कार्रवाई नहीं की. अब वे केंद्र पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक गंभीर मामला है और प्रज्वल को जांच का सामना करना होगा और दोषी पाए जाने पर सजा भी भुगतनी होगी.

उन्होंने कहा, इसमें कोई सवाल नहीं है, लेकिन कर्नाटक सरकार जांच से ज्यादा इस मामले में राजनीति करने की कोशिश कर रही है. सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र (22 मई) में कहा कि यह निराशाजनक है कि स्थिति की गंभीरता के बावजूद प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के संबंध में उनके पिछले पत्र पर कार्रवाई नहीं की गई है. मुख्यमंत्री ने इससे पहले 1 मई को मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए विदेश और गृह मंत्रालय से त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया था. इस बीच, विदेश मंत्रालय (MEA) प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की कर्नाटक सरकार की मांग के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय को कर्नाटक सरकार से एक पत्र मिला है जिसमें प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की गई है. 33 वर्षीय प्रज्वल, जो जद (एस) के संरक्षक और हसन लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार हैं, उन पर महिलाओं के यौन शोषण के कई मामलों का आरोप है. कथित तौर पर प्रज्वल हसन के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हो गए और अभी भी फरार हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के माध्यम से एसआईटी के अनुरोध के बाद, इंटरपोल द्वारा उसके ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने वाला एक 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' पहले ही जारी किया जा चुका है. मामले में एक विशेष अदालत ने एसआईटी द्वारा दायर एक आवेदन के बाद 18 मई को प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी की यात्रा की और यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी. उन्होंने बताया था, 'उक्त सांसद की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी.' उन्होंने कहा कि राजनीतिक निजी यात्रा के लिए राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मंजूरी की आवश्यकता होती है.

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