नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. सरकार ने उम्मीदवारों की पहचान के लिए आधार को इसमें शामिल किया है. आधार नंबर के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान को वेरीफाई यानी सत्यापित किया जाएगा.
The Department of Personnel and Training (DoPT) has issued notifications where the Union Public Service Commission (UPSC) has been authorised to perform Aadhaar authentication, voluntarily, for verification of the identity of candidates at the time of registration on the ‘One… pic.twitter.com/3UFubpMCvT
— ANI (@ANI) August 29, 2024
केंद्र ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को पंजीकरण के समय और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान को स्वैच्छिक रूप से सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण करने की अनुमति दे दी. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जाएगा.
इसमें कहा गया, 'संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अधिनियम के सभी प्रावधानों, इसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों तथा 'भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण' द्वारा जारी निर्देशों का पालन करेगा.' जुलाई में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया.
इससे पहले 12 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया था. खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी जिसमें उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उसने सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त अवसर पाने के लिए अपनी पहचान गलत बताई.