कोच्चि: केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया 2017 से यमन की जेल में बंद हैं. उसे यमन के एक नागरिक की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था और 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी. अब खबर है कि, केंद्र सरकार ने निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए बातचीत शुरू करने के लिए यमन में भारतीय दूतावास के खाते के माध्यम से राशि ट्रांसफर करने की सहमति दे दी है.
पलक्कड़ की नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में यमनी नागरिक ताला अब्दो महादी की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. उसे 2018 में देश से भागने की कोशिश करते समय पकड़ा गया था और बाद में मौत की सजा सुनाई गई थी. मारे गए यमनी और उनके आदिवासी नेताओं के परिवार के साथ बातचीत शुरू करने के लिए निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की तरफ से 33.40 लाख भारतीय रुपये की राशि जुटाई गई है. यह राशि विदेश मंत्रालय के माध्यम से सना स्थित भारतीय राजनयिक कार्यालय को भेजी जाएगी.
खबर के मुतीबिक, नर्स निमिषा की मां प्रेमाकुमारी भी यमन पहुंच गई हैं और अपनी बेटी को बचाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. वह इसके लिए वह इस्लामी कानून का सहारा ले रही हैं और 'ब्लड मनी' के माध्यम से पीड़ित परिवार से माफी की मांग कर रही हैं. खबर के मुताबिक, अगर ब्लड मनी से मामला सुलझ जाता है तो निमिषा प्रिया का मृत्युदंड माफ हो सकता है. मृत्युदंड से अपनी बेटी को बचाने और मृत यमनी नागरिक के परिवार को दी जाने वाली ब्लड मनी पर चर्चा करने के लिए प्रेमाकुमारी 24 अप्रैल को यमन पहुंचीं.
इस मसले पर एक्शन काउंसिल के संचालन का नेतृत्व करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम ने बताया कि, अतिरिक्त धन की तत्काल आवश्यकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि निमिषा प्रिया एक महीने के अंदर रिहा हो जाएंगी. फांसी का आदेश अब यमन के राष्ट्रपति के पास है. यदि वह इस पर हस्ताक्षर करते हैं, तो यह मुख्य अभियोजक के कार्यालय में चला जाएगा, जिसके बाद निष्पादन में कोई देरी नहीं होगी. सारा मामला अगर सुलझ जाता है तो, निमिषा की रिहाई हो सकती है.
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