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BHU में महंगा हुआ कैंसर का इलाज, अब कीमोथेरेपी के लिए देने होंगे रुपये - Cancer treatment costlier in BHU - CANCER TREATMENT COSTLIER IN BHU

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र (PM Modi Constituency) बनारस में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में कैंसर का इलाज महंगा हो गया है. अब मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए रुपये देने होंगे.

Cancer treatment becomes costlier in BHU patients have to pay for chemotherapy PM Modi Constituency
Modi 3.0 का पहला बजट आने के बाद कैंसर मरीजों की परेशानी बढ़ीं (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 3:35 PM IST

वाराणसी: एक तरफ बीते दिन केंद्रीय बजट में सरकार की ओर से कैंसर की दवाइयां को सस्ता करने का प्रावधान किया गया, तो वहीं दूसरी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कैंसर का इलाज महंगा (Cancer treatment becomes costlier in BHU) हो गया. अस्पताल प्रशासन ने कैंसर की इलाज से जुड़ी हुई मुफ्त जांचों की रेट को निर्धारित कर दिया है, जिसके लिए अब मरीजों को रुपये देने होंगे.

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कैंसर दवाओं के सस्ते होने की बात कही थी, जिसे बड़ी संख्या में कैंसर मरीज और उनके तीमारदारों को राहत जरूर दी थी. मगर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नए फरमान ने फिर से मरीजों की समस्या को बढ़ा दिया है. अब तक बीएचयू में कैंसर के मरीजों की निशुल्क जांच और कीमोथेरेपी की जाती थी, लेकिन अब अस्पताल प्रशासन ने नया फरमान जारी किया है. इसके तहत ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की पांच जांचों के लिए मरीजों को 350 से 2000 खर्च करने होंगे.

7 हज़ार से ज्यादा आते हैं मरीज: पूर्वी भारत का सबसे बड़ा हेल्थ हब BHU माना जाता है. यहां बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल से मरीज इलाज के लिए आते हैं. प्रत्येक दिन 7000-10,000 मरीजों का यहां आना होता है. इसमें कैंसर के मरीज भी शामिल होते हैं. इस बारे में आईएमएस BHU के निर्देशक एसएन संखवार ने बताया कि विभागों में जांच और इलाज की फीस के निर्धारण का प्रस्ताव भेजा गया था. इस पर अस्पताल प्रशासन में सर्वसम्मति से फैसला लिया है और इसी के तहत शुल्क को बढ़ाया गया है. इसमें अब कैंसर विभाग में कीमोथेरेपी के लिए मरीजों को निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा.

कीमोथेरेपी से पहले देना हो रहा शुल्क: शुल्क वृद्धि के बाद अस्पताल पहुंच रहे, कैंसर डिपार्टमेंट के मरीज खासा परेशान देख रहे हैं. मरीजों का कहना है कि पहले जहां उन्हें यहां पर निशुल्क जांच मिलती थी. उनका सहजता से इलाज होता था, तो अब उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं. पहले निःशुल्क कीमोथेरेपी होती थी. लेकिन अब कीमोथेरेपी के लिए पहले 500 रुपये फीस देनी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- गांव की पगडंडियों पर दौड़ती थी, एशियन गेम्स में बनी गोल्डन गर्ल; अब पेरिस ओलंपिक में सोना जीतेगी यूपी की बेटी - Paris Olympics 2024

वाराणसी: एक तरफ बीते दिन केंद्रीय बजट में सरकार की ओर से कैंसर की दवाइयां को सस्ता करने का प्रावधान किया गया, तो वहीं दूसरी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कैंसर का इलाज महंगा (Cancer treatment becomes costlier in BHU) हो गया. अस्पताल प्रशासन ने कैंसर की इलाज से जुड़ी हुई मुफ्त जांचों की रेट को निर्धारित कर दिया है, जिसके लिए अब मरीजों को रुपये देने होंगे.

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कैंसर दवाओं के सस्ते होने की बात कही थी, जिसे बड़ी संख्या में कैंसर मरीज और उनके तीमारदारों को राहत जरूर दी थी. मगर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नए फरमान ने फिर से मरीजों की समस्या को बढ़ा दिया है. अब तक बीएचयू में कैंसर के मरीजों की निशुल्क जांच और कीमोथेरेपी की जाती थी, लेकिन अब अस्पताल प्रशासन ने नया फरमान जारी किया है. इसके तहत ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट की पांच जांचों के लिए मरीजों को 350 से 2000 खर्च करने होंगे.

7 हज़ार से ज्यादा आते हैं मरीज: पूर्वी भारत का सबसे बड़ा हेल्थ हब BHU माना जाता है. यहां बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल से मरीज इलाज के लिए आते हैं. प्रत्येक दिन 7000-10,000 मरीजों का यहां आना होता है. इसमें कैंसर के मरीज भी शामिल होते हैं. इस बारे में आईएमएस BHU के निर्देशक एसएन संखवार ने बताया कि विभागों में जांच और इलाज की फीस के निर्धारण का प्रस्ताव भेजा गया था. इस पर अस्पताल प्रशासन में सर्वसम्मति से फैसला लिया है और इसी के तहत शुल्क को बढ़ाया गया है. इसमें अब कैंसर विभाग में कीमोथेरेपी के लिए मरीजों को निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा.

कीमोथेरेपी से पहले देना हो रहा शुल्क: शुल्क वृद्धि के बाद अस्पताल पहुंच रहे, कैंसर डिपार्टमेंट के मरीज खासा परेशान देख रहे हैं. मरीजों का कहना है कि पहले जहां उन्हें यहां पर निशुल्क जांच मिलती थी. उनका सहजता से इलाज होता था, तो अब उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं. पहले निःशुल्क कीमोथेरेपी होती थी. लेकिन अब कीमोथेरेपी के लिए पहले 500 रुपये फीस देनी पड़ रही है.

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